प्राग के चिड़ियाघर में इस दुर्लभ जानवर के जन्म का जश्न, संकट में है प्रजाति का अस्तित्व
China News: चीन के प्राग चिड़ियाघर में जश्न का माहौल देखा जा रहा है। जश्न का कारण जानकर आप भी खुश हो जाएंगे। चिड़ियाघर में दूसरी बार चीन में लुप्तप्राय होने की कगार पर दुर्लभ चीनी पैंगोलिन का जन्म हुआ है। जिसके बाद कर्मचारी फूले नहीं समा रहे हैं। लगातार दो साल में दूसरा मौका आया है, जब मादा पैंगोलिन ने जन्म लिया है। कर्मचारी इस जीव का लगातार ख्याल रख रहे हैं। उम्मीद है कि इस सप्ताह तक इस पैंगोलिन का वजन 250 ग्राम तक हो सकता है। पैंगोलिन जू प्रबंधन की देखरेख में फल-फूल रही है। चिड़ियाघर के निदेशक मिरोस्लाव बोबेक ने दो साल में लगातार दो पैंगोलिनों के पैदा होने पर आश्चर्य जाहिर किया है। बोबेक के अनुसार कैद और देखरेख में पैंगोलिन का प्रजनन करना वाकई चुनौतीपूर्ण होता है।
विशेष आहार और माहौल उपलब्ध करवाना चुनौती
उनके लिए विशेष आहार और अनुकूल माहौल उपलब्ध करवाना आसान नहीं होता है। यह पैंगोलिन के संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर है। प्राग चिड़ियाघर में दो साल से भी कम समय में दूसरी बार दुर्लभ पैंगोलिन का जन्म हुआ है। जिसका सभी ने जोरदार ढंग से स्वागत किया है। पिछले साल इस पैंगोलिन की बहन ने जन्म लिया था। जो चिड़ियाघर प्रबंधन की देखरेख में अब तक पल-बढ़ रही है। जन्म के समय इसका वजन सिर्फ 141 ही ग्राम था। बोबेक ने उम्मीद जताई है कि इस सप्ताह तक पैंगोलिन का वजन 250 ग्राम तक होगा। बता दें कि एक स्वस्थ व्यस्क चीनी पैंगोलिन का वजन 6.8 किलोग्राम तक हो सकता है। इससे पहले ताइपे में भी ऐसे ही दो सफल प्रजनन के मामले सामने आ चुके हैं।
A second critically endangered Chinese pangolin is born in the Prague zoo in less than 2 yearshttps://t.co/vmPqboXWRs pic.twitter.com/llkVUlQf90
— Kathi8Mc (@Kathi8Mc) July 10, 2024
2022 में ताइपे के गुओ बाओ और रन होउ तांग जू में दुर्लभ पैंगोलिनों ने जन्म लिया था। बोबेक के अनुसार दुर्लभ पैंगोलिन की यह प्रजाति मूल रूप से दक्षिणी चीन और दक्षिण पूर्व एशिया में भी पाई जाती है। मांस के कारण चीनी पैंगोलिन का अत्यधिक शिकार हो चुका है। जिसके कारण यह लुप्तप्राय होने के कगार पर है। प्राग चिड़ियाघर यूरोप में चीनी पैंगोलिन रखने वाले दो चिड़ियाघरों में से एक माना जाता है। बीजिंग के साथ 2020 में ताइवान के संबंध टूट चुके हैं। जिसके बाद ताइपे के साथ समझौता किया गया और दुर्लभ प्रजातियों के प्रजनन को लेकर काफी अच्छे प्रयास किए गए। ताइवान के साथ चीन का पुराना विवाद है। चीन ताइवान पर अपना दावा जताता है।