सांस उखड़ रही है, प्लीज बचा लीजिए और...नर्सों की एक गलती, बच्चे को जन्म देने के बाद महिला की दर्दनाक मौत
Woman Died due to Overbleeding: महिला ने बच्चे को जन्म दिया, लेकिन डिलीवरी के बाद ज्यादा खून बहने से उसकी दर्दनाक मौत हो गई। वहीं उसकी मौत होने के पीछे अस्पताल स्टाफ की लापरवाही की बताई जा रही है, जिन्होंने उसे निर्जल मानकर खाने को अदरक का बिस्किट दे दिया। बिस्किट खाने के बाद महिला की हालत बिगड़ गई। भारी रक्तस्राव होने से उसने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया, जबकि वह जीना चाहती थी, क्योंकि उसके 5 और बच्चे थे। वह नर्सों से हाथ जोड़कर जान बचाने की भीख मांगती रही। विनती करती रही कि वह मरना नहीं चाहती, लेकिन लाख कोशिशें करने के बाद कोई उसे बचा नहीं पाया। मृतका की पहचान 36 वर्षीय लौरा जेन सीमैन के रूप में हुई। डॉक्टरों द्वारा चिंता जताई गई थी कि उसे रक्तस्राव हो सकता है, चक्कर आ सकता है और उसके बॉडी पार्ट्स सुन्न हो सकते हैं, लेकिन इस चेतावनी को नजरअंदाज किया गया, जिसका नतीजा महिला की मौत के रूप में सामने आया।
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परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लौरा की हालत बिगड़ने पर उन्हें 2 बार दिल का दौरा पड़ा। पोस्टमार्टम में उनके पेट में बहुत ज्यादा ब्लड मिला। पुलिस जांच के दौरान कोरोनर सोनिया हेस के हाथ सबूत लगे और उन्होंने कोर्ट को बताया कि कहा कि एसेक्स के चेम्सफोर्ड स्थित ब्रूमफील्ड अस्पताल का स्टाफ का लौरा की मृत्यु टाली सकता था, लेकिन लापरवाही बरती गई। एक ही कई लेवल पर लापरवाही बरती गई। वह बच जाती और बच जानी चाहिए थी। जब लक्षण यह बता रहे थे कि लौरा गंभीर रूप से बीमार है तो उसे इमरजेंसी सविर्स मिलनी चाहिए थी। कोरोनर ने स्वीकार किया कि यह मामला यूरोपीय मानवाधिकार सम्मेलन के अनुच्छेद 2 के दायरे में आना चाहिए, जो किसी व्यक्ति के जीवन के अधिकार से संबंधित है। लौरा के पति 31 वर्षीय हेडन हेविट और परिवार के अन्य सदस्य मिड एंड साउथ एसेक्स NHS फाउंडेशन ट्रस्ट के खिलाफ मुआवजे के लिए सिविल केस दायर करने का फैसला लिया, जो आज कोर्ट में विचाराधीन है।
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डॉक्टरों ने परिवार पर लापरवाही का आरोप लगाया
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लौरा को 21 दिसंबर 2022 को सामान्य योनि प्रसव हुआ था। वह अपने बेटे को स्तनपान कराती थी, लेकिन अचानक उसकी तबियत बिगड़ गई। अस्पताल जाने पर पता चला कि खून ज्यादा बह रहा है। जांच करने के बाद डॉक्टरों ने बताया कि आंतरिक रक्तस्राव कई घंटों तक जारी रहा, जिसके बाद उसकी आपातकालीन सर्जरी की गई और उसे इमरजेंसी वार्ड में रखा गया, लेकिन उसकी मौत हो गई। वे अचानक बेहोश हो गई थीं और डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अपना पक्ष कोर्ट में रखते हुए डॉक्टरों ने बताया कि लौरा को खाने को अदरक वाला बिस्किट दिया गया था। क्योंकि उनके 5 बच्चे हो चुके थे और यह छठी डिलीवरी थी तो शरीर कमजोर था। उन्हें डिस्चार्ज करते समय बताया गया था कि वे अपना ख्याल रखे, एहतियात बरतनी होगी, लेकिन लापरवाही बरती गई और उनकी जान चली गई।
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