चीन का पहला शहंशाह, जिसने अपनी ही मां को कर दिया था निर्वासित, भाइयों के साथ जो किया जानकर कांप जाएगी रूह
Qin Shi Huang China First Emperor: राजा और रानी की कहानियां तो हम बचपन से सुनते आए हैं। मगर आज हम आपको चीन के पहले राजा की असली कहानी सुनाते हैं, जिसे सुनकर आपकी रूह कांप जाएगी। पहली बार चीन को एकजुट करने वाले चिन शी हुआंग की जिंदगी और मौत, दोनों की कहानी चौंकाने वाली है। चीनी साम्राज्य की नींव रखने वाले चिन शी हुआंग ने ही चीन की दीवार बनवाई थी, जिसे हम दुनिया के 7 अजूबों में गिनते हैं। वहीं चिन शी हुआंग के मकबरे को दुनिया का आठवां अजूबा कहा जाता है। चिन की कहानी किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है।
कौन थे चिन शी हुआंग?
ऐतिहासिक मान्यता के अनुसार चिन का जन्म 18 फरवरी 259 ईसा पूर्व हुआ था। उनका असली नाम यिंग झेंग या झाओ झेंग था। हालांकि चीनी साम्राज्य की स्थापना करने के बाद उन्होंने अपना नाम बदलकर चिन शी हुआंग रख लिया, जिसका अर्थ है चीन का पहला सम्राट। चिन के पास दुनिया की सबसे दमदार सेना थी, जो दुश्मनों के दांत खट्टे करने के लिए जानी जाती थी। चिन की सेना को टेराकोटा आर्मी कहा जाता है। वैसे तो चिन का राज बहुत लंबा नहीं चला। वो महज 221 ईसा पूर्व तक ही चीन के सम्राट रहे। मगर चिन के 20 साल का यह शासनकाल न सिर्फ चीन बल्कि पूरी दुनिया के लिए रहस्य बना हुआ है।
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13,000 रानियों के 2800 बच्चे
मध्य एशिया से होने वाले आक्रमणों को रोकने के लिए चिन ने 1500 मील लंबी चीन की दीवार बनवाई। चिन ने 12 साल की उम्र में ही राजगद्दी संभाल ली थी। इतिहासकारों की मानें तो चिन की बहुत सी रानियां थीं। चिन ने अपने लिए एक आलीशान महल बनवाया था। इस महल में 10000 कमरे थे। चिन ने अपनी जिंदगी के 27 साल इसी महल में गुजारे थे। ऐसा कहा जाता है कि चिन हर कमरे में एक रात बिताते थे और फिर दोबारा उस कमरे में नहीं जाते थे। चिन की ढेर सारी रानियां भी थीं। वो एक पटरानी के साथ एक रात गुजारते और फिर उस रानी की तरफ भी दोबारा मुड़कर नहीं देखते थे। आंकड़ों के अनुसार चिन की 13 हजार रानियां और 2800 बच्चे थे। कहा जाता है कि चिन ने अपनी मां को ही साम्राज्य से बाहर निकाल दिया था। चिन का सौतेला भाई अपनी जान बचाने के लिए भाग गया और उसके परिवार को चिन ने मौत के घाट उतार दिया।
चिन का मकबरा
चिन का मकबरा दुनिया के लिए आज भी रहस्य बना हुआ है। इसकी खोज 1974 में हुई थी। 2000 साल पुरानी यह कब्र शीआन के लिंटोंग में मौजूद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने चीनी दौरे के दौरान सबसे पहले इसी कब्र पर गए थे। यहां 249 फीट ऊंचा पिरामिड जैसा टीला है, जिसके नीचे चिन का शव दफनाया गया है। यही नहीं कब्र के पूर्वी दिशा में चिन की टेराकोटा आर्मी भी मौजूद है। यह टेराकोटा आर्मी किसी अजूबे से कम नहीं है।
मकबरे में हड्डियों का रहस्य
चिन के मकबरे में कई महिलाओं की हड्डियां मिली हैं। इन्हें देखकर हर किसी की रूह कांप जाती है। इन हड्डियों के टुकड़े-टुकड़े करके चिन की कब्र के पास दफनाया गया है। इतिहासकारों के अनुसार उस समय में लोहे या तांबे का इस्तेमाल नहीं होता था, जिससे हड्डियों को एक झटके में काटा जा सके। इसलिए मुमकिन है कि हड्डियों को धीरे-धीरे काटा गया होगा। मगर सवाल यह है कि हड्डियां आखिर किसकी हैं?
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चिन के हरम का राज
कयास लगाए जाते हैं कि यह हड्डियां चिन के हरम में मौजूद महिलाओं की हो सकती हैं। चिन की मौत के बाद नए राजा ने चीन पर कब्जा कर लिया था। चीन के इतिहास में चिन को क्रूर शासक बताया गया है। इसके अनुसार चिन की मौत के बाद उनकी रानियों को भी मरने का फरमान सुनाया गया था। मगर उनकी मौत कैसे हुई? इस बारे में कुछ नहीं लिखा है। ऐसे में हो सकता है कि नए राजा ने रानियों को बेरहमी के साथ मौत के घाट उतारा हो और उनकी हड्डियों के टुकड़े करके चिन की कब्र के पास दफना दिया हो।
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