रूस की आर्टिस्ट ने यूक्रेन सेना को दान किए 30 डॉलर, बदले में मिली 9 साल जेल की सजा
Russian Artist Jailed For 9 Years : रूस और यूक्रेन बीच जंग की स्थिति काफी लंबे समय से बनी हुई है। रूस किसी भी कीमत पर अपनी आक्रामकता को रोकने के लिए तैयार नहीं है। व्लादिमीर पुतिन के इस रुख का दुनिया के कई देशों ने विरोध किया है। रूस के ही कई नागरिकों ने भी अपनी सरकार के खिलाफ आवाज उठाई है। लेकिन पुतिन का प्रशासन इनकी आवाज उतनी ही तेजी से दबा देता है। ऐसा ही एक मामला और सामने आया है जिसमें 21 साल की एक आर्टिस्ट को रूस में 9 साल जेल की सजा सुनाई गई है। इसके पीछे का कारण यह है कि उसने यूक्रेन की सेना को 30 डॉलर यानी करीब 2500 रुपये डोनेट किए थे।
युवती को सीक्रेट सुनवाई में सुनाई गई सजा
रूस के स्वतंत्र मीडिया आउटलेट मीडियाजोना के अनुसार इस युवती का नाम तात्याना लालेतिना है। उसे 28 जून को बंद दरवाजे के पीछे हुए ट्रायल में यह सजा सुनाई गई थी। खुफिया तरीके से हुई इस सुनवाई की कोई जानकारी अदालत की ओर से पब्लिश नहीं की गई। हालांकि, अदालत की प्रेस सर्विस ने इसकी पुष्टि की है। रिपोर्ट्स के अनुसार शुरुआत में तात्याना पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने यूक्रेन पर रूस के हमले के पहले दिन 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन के एक फंड को 10 डॉलर भेजे थे। इसके बाद जांच में पता चला कि अप्रैल 2022 में उसने फिर 20 डॉलर भेजे थे। तात्याना को 25 फरवरी 2024 को गिरफ्तार किया गया था।
A Russian court has sentenced 21-year-old artist Tatyana Laletina to nine years in prison reportedly for donating $30 to the Ukrainian Armed Forces. She was convicted of treason. (Her lawyer and mother aren’t talking to journalists.) https://t.co/gZosVkYOjq pic.twitter.com/1hynR8Yb6c
— Kevin Rothrock (@KevinRothrock) July 12, 2024
जंग के बाद से तेजी से बढ़े देशद्रोह के मामले
अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि क्या तात्याना ने अपराध स्वीकार कर लिया है। बता दें कि रूस में देशद्रोह के मामले में न्यूनतम सजा 12 साल कारावास की है। तात्याना को सुनाई गई 9 साल की सजा यह संकेत दे रही है कि शायद उन्होंने घुटने टेक दिए हैं। उल्लेखनीय है कि रूस में यूक्रेन पर हमले के बाद से ही देशद्रोह के आरोप दर्ज किए जाने के मामले बढ़े हैं। साल 2022 के मुकाबले 2023 में देशद्रोह के मामलों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई थी। बता दें कि पिछले एक दशक में ऐसे मामलों की संख्या लगभग 10 गुना हो गई है जिनमें दोष साबित हुआ है। अकेले साल 2023 में ही 862 लोगों को देशद्रोह के आरोप में दोषी ठहराया गया था।
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