You Tuber ने 1 महीने के बच्चे पर ढाया जुल्म, भूखा रखकर धूप में बिठाया; चली गई जान
Social Media Influencer Newborn Son Death: रूस में फूड ब्लॉगर और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर मैक्सिम ल्युटी ने अपने एक माह के बेटे पर इतना जुल्म ढाया की उसकी जान ही चली गई। दरअसल, ल्युटी अपने बेटे को भूखा रखते थे, वह उसे दुध या खाना देने की बजाए धूप में बैठाते थे ताकी उसका शरीर मजबूत हो और उसमें आलौकिक शक्तियां आ जाएं। लेकिन इस सब के चक्कर में बच्चा कुपोषण का शिकार हो गया और आखिरकार उसकी मौत हो गई।
Influencer Starves Newborn Son To Death By Feeding Only Sunlight, Jailed https://t.co/nOZNGVuDRL via @ndtv .
Social media Psychos😡😡😡😡. Why Social media no banning videos which can cuase negative impact. Are FB, Youtube... blind under greed for revenue.— Govardhan Shetty (@tweetshetty1) April 17, 2024
पत्नी को घर पर ही डिलीवरी के लिए मजबूर किया था
अब इस मामले में निचली अदालत ने मैक्सिम ल्युटी को आठ साल की सजा और करीब 93 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मैक्सिम ल्युटी फूड ब्लॉगर है, वह अपनी पत्नी ओकसाना मिरोनोवा के साथ वीड़ियो बनाते हैं। हाल ही में कोर्ट ने उन्हें सजा सुनाई है। सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि मैक्सिम ने अपनी पत्नी को घर पर ही डिलीवरी के लिए मजबूर किया था।
बीमार होने पर अस्पताल पहुंचा बच्चा
पुलिस ने कोर्ट में बताया कि ल्युटी बच्चे की मां को उसे दूध पिलाने नहीं देता था। वह मासूम बच्चे को ठंडे पानी से नहलाता था। इतना ही नहीं भूखा होने पर जब बच्चा रोता तो वह उसे धूप में बिठा देता, उसका मानना था कि बच्चा सूर्य की रोशनी से पर्याप्त शक्ति प्राप्त कर लेगा। बीते दिनों जब बच्चा ज्यादा बीमार हो गया तो पहले तो वह उसे अस्पताल ले जाने के लिए नहीं माना। परिजनों के पुलिस को सूचना देने पर बच्चे को किसी तरह अस्पताल पहुंचाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
रूस में है ये प्रथा
डॉक्टरों के अनुसार बच्चे की कुपोषण और निमोनिया के चलते मौत हुई है। वहीं, ल्युटी का कहना था कि वह अपने बेटे कोसमोस को सुपरह्यूमन जैसी ताकत देना चाहते थे। बता दें सूर्य की रोशनी में जिंदा रहने की ऐसी कोशिशों को रूस में इनेडिया या ब्रेथेरियनिज्म कहा जाता है। इसके अनुयायिकों का मानना है कि जिंदगी केवल सूर्य के प्रकाश से प्राप्त की जा सकती है। ऐसी प्रथाओं का पालन करने पर कई अनुयायी भूख से मौत हो चुकी है।