यूक्रेन में बेघर हुए लोगों के लिए अन्नदाता बना 'साथिया'... इंडिया से है ये गहरा रिश्ता
Saathiya Indian eatery in Ukraine: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी पोलैंड की यात्रा में शुक्रवार को यूक्रेन पहुंच गए हैं। करीब 10 घंटे की ट्रेन यात्रा करते हुए वह कीव पहुंचे हैं। यहां वे यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के साथ ‘मार्टिरोलॉजिस्ट’ प्रदर्शनी में शामिल हुए। जहां पीएम मोदी के जेलेंस्की के कंधे पर हाथ रखकर और गले लगाने की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल है। इसी बीच कीव से एक और चीज की चर्चा है वह है यहां भारतीय मूल के रेस्तरां मालिक मनीष दवे का रेस्टोरेंट 'साथिया'।
दरअसल, साथिया यूक्रेन के उन लाखों लोगों के लिए सिर छिपाने और खाने का जरिया बना जो लोग युद्ध में बेघर हो गए हैं। बता दें 24 फरवरी 2022 में रूस ने यूक्रेन पर हमला बोल दिया था। दो साल से अधिक समय से चल रहे दोनों देशों के बीच इस जंग में कीव में लाखों लोग अपने घर को उजड़ने से बेघर हो गए हैं। युद्ध के चलते बड़ी संख्या में लोगों के पास खाना नहीं है।
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सभी जरूरतमंद लोगों को शरण दी
ऐसे में कीव में भारतीय छात्रों को घर का बना खाना खिलाने के मकसद से रेस्टोरेंट शुरू करने वाले मनीष दवे ने अपने दरवाजे न केवल भरतीयों बल्कि कीव में सभी जरूरतमंद लोगों के लिए खोल दिए। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X और टेलीग्राम पर ये जानकारी शेयर की और अपने रेस्टोरेंट में सिर छिपाने और खाने के लिए लोगों के आने को कहा।
युद्ध के बीच रेस्टोरेंट बंद हो गया था
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार युद्ध के बीच मनीष का रेस्टोरेंट तो बंद हो गया। उनके रेस्टोरेंट में एक बेसमेंट भी है। सोशल मीडिया पर खबर वायरल होने के बाद बड़ी संख्या में लोग उनके यहां शरण लेने पहुंचे। एक समय में उनके रेस्टोरेंट में करीब 130 से अधिक लोग आश्रय लिए हुए थे। उन्होंने भी दिल खोलकर सबका स्वागत किया।
कर्फ्यू खुलते ही राशन खरीदने के लिए लगाते थे लाइन
मीडिया में दिए बयान में मनीष दवे ने बताया कि उन्हें समेत 11 लोगों के उनके स्टाफ ने सभी लोगों के खाने और रहने की व्यवस्था की। जब कर्फ्यू बीच में खुलता तो वे आसपास के मॉल में लाइन में लगकर राशन खरीदकर लाते। इसके अलावा आसपास के रहने वाले लोगों ने भी उन्हें खाने-पीने का सामान दिया। लेकिन बीते मार्च में जब भारत सरकार ने यूक्रेन में बचाव अभियान चलाया तो आखिरी उड़ान से वह इंडिया वापस आ गए। वह गुजरात के रहने वाले हैं, वापसी में उन्होंने अपने रेस्टोरेंट की चाबी अपने पड़ोसी को सौंप दी थी।
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