झील में 540 अरब डॉलर का खजाना; गर्म पानी के अंदर इतना 'सफेद सोना' कहां से आया? रिसर्च करके चौंके वैज्ञानिक
Salton Sea Lake in California Treasure: एक देश में अरबों डॉलर का खजाना मिला है। गर्म पानी की झील के नीचे यह खजाना दबा है और यह करीब 540 अरब डॉलर का है। इस खजाने को भू-वैज्ञानिकों ने खोजा है और वे इसे देखकर काफी हैरान हैं। वैज्ञानिकों ने इसे सफेद सोना कहा है, क्योंकि यह हरित क्रांति में अहम भूमिका निभा सकता है। इससे जीवाश्म ईंधन प्रणालियों को बैटरी से बदलने के लिए कच्चा माल उपलब्ध हो सकता है। जी हां, यह खजाना कुछ और नहीं, लिथियम धातु है और इसकी मात्रा 382 मिलियन इलेक्ट्रिक वाहन बैटरियो के बराबर होने का अनुमान है। लॉरेंस बर्कले नेशनल लैबोरेटरी के शोधकर्ताओं ने कैलिफोर्निया की सबसे बड़ी झील का अध्ययन किया है, जो कोलोराडो रेगिस्तान में है और इसे साल्टन सागर के नाम से जाना जाता है।
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20वीं शताब्दी में दुर्घटनावश बनी थी झील
डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों का कहना है कि गर्म पानी की गहरी अंडरग्राउंड लेक लिथियम भरा हुआ है। हालांकि झील में पानी बहुत कम है और जो कुछ बचा है, वह बहुत नमकीन है। वहीं बेशक झील लिथियम के खजाने के ऊपर बनी है, लेकिन यह झील बदनाम है, क्योंकि इसका पानी मनुष्यों के लिए हानिकारक और जहरीला माना जाता है। IFL साइंस के अनुसार, यह दुनिया की सबसे ज्यादा प्रदूषित झीलों में से एक है। दरअसल, रेगिस्तानी झील 20वीं सदी में दुर्घटनावश बनी थी। कोलोराडो नदी अचानक उफान पर आ गई और आस-पास की नहरों में बाढ़ आ गई थी। नहरों के रास्ते पानी बाहर जाने लगा और झील सिकुड़ती चली गई। पानी कम होने से इसमें मिली नमकीन जहरीली धूल में बदल गई। जब हवाएं इस सूखती झील के तल के ऊपर से बहती हैं तो वे इस जहरीली धूल को उड़ाती हैं, जिसमें इंपीरियल वैली के निवासी सांस लेते हैं। इस जहरीली धूल में सांस लेने के कारण वहां के लोग बीमारियों के शिकार हैं।
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साल 2023 में पहली बात पता लगा खजाने का
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, झील में लिथियम धातु का खजाना होने के बारे में साल 2023 में पहली बार पता चला था। वहीं खजाने का खुलासा होने के बाद दुनियाभर के अरबपतियों में इसे झील से निकालने की होड़ लग गई थी, लेकिन आज तक कोई भी इसे झील से निकालने में सफल नहीं हो पाया है, क्योंकि झील की गहराई में पानी इतना नमकीन है कि उनके महंगे से महंगे और मॉडर्न इंस्ट्रूमेंट खराब हो जाते हैं। दरअसल लिथियम के हॉटबेड तक पहुंचना आसान नहीं होगा, क्योंकि कुएं खोदने पड़ेंगे, ताकि पृथ्वी की सतह से हजारों फीट नीचे से लिथियम युक्त नमकीन पानी को निकाला जा सके, लेकिन झील के आसपास रहने वाले निवासियों को ड्रिलिंग के परिणाम भुगतने होंगे। ड्रिलिंग के लिए भारी मात्रा में पानी की जरूरत पड़ेगी, इसलिए लोगों को पानी की कमी का सामना भी करना पड़ेगा। अमेरिकी ऊर्जा विभाग के एक इंजीनियर एलेक्स प्रिसजचेव ने लॉस एंजिल्स टाइम्स को बताया कि लगभग 18 मिलियन मीट्रिक टन लिथियम है।
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