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150KM स्पीड वाले तूफान में फंसकर डूबा था जहाज, समुद्र में 550 फीट नीचे मलबा मिला, जानें कैसी है हालत?

MV Noongah Ship Wreck Update: समुद्री तूफान में फंसकर जहाज डूब गया था, जिसका मलबा अब मिला है। वैज्ञानिकों ने इसकी पुष्टि कर दी है, लेकिन जहाज कैसे डूबा कि वह सीधा खड़ा है आज भी, इसके बारे में पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों की रिसर्च जारी है।
11:43 AM Jul 26, 2024 IST | Khushbu Goyal
150km स्पीड वाले तूफान में फंसकर डूबा था जहाज  समुद्र में 550 फीट नीचे मलबा मिला  जानें कैसी है हालत
जहाज का मलबा सबसे पहले किनारे पर रहने वाले लोगों ने देखा।

Ship Wreck Found Under Sea: 150 किलोमीटर की स्पीड वाले तूफान में फंसकर एक जहाज समुद्र में डूब गया था, जिसका मलब अब 55 साल बाद करीब 550 फीट (170 मीटर) की गहराई में मिला है। हालांकि 233 फीट लंबा जहाज उस समय रहस्यमयी हालातों में गायब हुआ था, लेकिन जब जांच की गई तो पता चला कि जहाज तूफान में फंसकर डूबा था।

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20 लोगों की समुद्र को अंदर ही कब्र बन गई थी, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के MV नूनगाह का मलबा वैज्ञानिकों को सिडनी से लगभग 286 मील उत्तर में स्थित साउथ वेस्ट रॉक्स के तट पर 170 मीटर नीचे पानी में नजर आया। जहाज काफी हद तक सुरक्षित है और समुद्र तल पर सीधा खड़ा है। बता दें कि दुनिया का सबसे पुराने जहाज का मलबा भी समुद्र के नीचे एक मील से ज्यादा गहराई में बिल्कुल सुरक्षित पड़ा है, जो रहस्यमयी हालात में 2400 साल पहले डूबा था।

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पिछले महीने रिसर्चर्स ने मलबा होने की पुष्टि की

बता दें कि साल 1969 में 26 लोगों के साथ MV नूनगाह ने न्यूकैसल से ऑस्ट्रेलिया के टाउंसविले के लिए सफर शुरू किया था, लेकिन रवाना होने के बाद किनारे से कुछ ही दूरी पर यह समुद्र में खो गया था। जहाज के डूबने के कुछ घंटों बाद चालक दल के 5 सदस्यों को पानी से जीवित बाहर निकाल लिया गया था और एक ही शव मिला था। बाकी लोगों के शव आज तक नहीं मिले।

जहाज के मलबे का पता रहस्यमयी बना हुआ था, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के अनुसंधान विभाग ने पिछले महीने समुद्र के अंदर उसके स्थान की पुष्टि नहीं कर दी। हाई रिजॉल्यूशन वाली मैपिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके मलबा तलाशा गया। शोधकर्ताओं ने यह पुष्टि भी की कि मलबा MV नूनगाह का था, जो कई सालों तक बिल्कुल सुरक्षित रहा। मलबे के बारे में असल जानकारी तट पर रहने वाले लोगों ने दी थी, जिन्होंने मछलियां ढूंढते समय उसे देखा था।

लोहे का सामान लेकर जा रहा था मालवाहक जहाज

राष्ट्रमंडल वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान संगठन (CSIRO) ने रिसर्च की तो जानकारी सही मिली। रिसर्चर मैट किम्बर के अनुसार, जहाज का मलबा समुद्र की सतह से 170 मीटर नीचे पाया गया, जो क्षतिग्रस्त नहीं है और समुद्र तल पर सीधा पड़ा था। मलबे के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए गोताखोरों को भेजा जाएगा, ताकि जहाज के डूबने के कारण के बारे में अधिक जानकारी मिल सके।

25 अगस्त 1969 को न्यू साउथ वेल्स के तट पर लोहे का सामान ले जाते समय मालवाहक जहाज को भीषण समुद्री तूफान का सामना करना पड़ा। मुसीबत में फंसने का मैसेज बचाव दलों को भेजने के कुछ ही मिनटों बाद जहाज डूब गया और गायब हो गया। रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी ने सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। 12 घंटे बाद 3 लोग लकड़ी के तख्ते से चिपके मिले। 2 अन्य लोगों को समुद्र में 2 अलग-अलग जीवन रक्षक नौकाओं में सवार लोगों ने बचाया।

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