साउथ कोरिया में Martial Law का विरोध तेज, संसद में घुसी सेना, पुलिस-प्रदर्शनकारियों में भिड़ंत
South Korea Martial Law Updates: साउथ कोरियाई राष्ट्रपति यून सुक योल ने मंगलवार को देश में इमरजेंसी मार्शल लॉ लागू करने की घोषणा की है। इस घोषणा के बाद देश भर में हंगामा हो गया है। इस घोषणा के बाद सेओल में संसद के बाहर हंगामा हुआ और प्रदर्शनकारी ने संसद में घुसने का प्रयास किया।
पुलिस ने जब प्रदर्शनकारियों को रोकने का प्रयास किया तो दोनों में जमकर भिड़ंत हुई। हंगामे के बाद संसद में सेना पहुंच गई है, संसद की छत पर सेना के हेलीकॉप्टर उतारे गए हैं। फिलहाल हालत तनावपूर्ण बने हुए हैं, जगह-जगह सेना, स्थानीय पुलिस व सुरक्षा एजेंसियां तैनात हैं। जानकारी के अनुसार मार्शल लॉ एक तरह का सैनिक कानून है। इसमें सैन्य बलों को किसी क्षेत्र पर शासन और नियंत्रण का अधिकार दिया जाता है।
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1980 के बाद साउथ कोरिया में पहली बार मार्शल लॉ लगया गया है
राष्ट्रपति यून सुक योल ने एक टेलीविज़न संबोधन के दौरान इमरजेंसी मार्शल लॉ की घोषणा कर सबको चौंका दिया। बता दें देश में साल 1980 के दशक से लोकतंत्र है। बता दें मार्शल लॉ का मतलब है नागरिक सरकार की जगह सैन्य शासन और सैन्य शक्तियों के लिए नागरिक कानूनी प्रक्रियाओं का निलंबन किया जाता है। मार्शल लॉ के लागू होने के बाद दक्षिण कोरिया की मुख्य विपक्षी पार्टियों के कार्यकर्ता सड़कों पर आ गए हैं।
सामाजिक भ्रम पैदा करने वाली सभाओं को किया जाएगा खत्म
राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तर कोरिया की साम्यवादी ताकतों द्वारा उत्पन्न खतरों को कम करने और राज्य विरोधी तत्वों को खत्म करने के लिए आपातकालीन मार्शल लॉ लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश की संवैधानिक व्यवस्था और स्वतंत्रता की रक्षा करने के लिए ये आवश्यक है। वहीं, मार्शल लॉ लागू होने के बाद दक्षिण कोरिया की सेना ने कहा है कि ऐसी राजनीतिक सभाओं और संसद को निलंबित कर दिया जाएगा जो सामाजिक भ्रम पैदा कर सकती हैं।
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