whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

Speed Cameras को कहें अलविदा, इस देश में क्यों बंद हुआ स्पीड कैमरों का इस्तेमाल!

Speed Cameras News : अब स्पीड कैमरों को गुडबाय कहने का समय आ गया है। इस देश में स्पीड कैमरे बंद किए जा रहे हैं। इसे लेकर परिवहन विभाग ने तर्क दिया है कि जब सड़क हादसों में होने वाली मौतों की संख्या कम नहीं सकती है तो इस सिस्टम को लगाने का क्या मतलब है।
11:48 PM Oct 14, 2024 IST | Deepak Pandey
speed cameras को कहें अलविदा  इस देश में क्यों बंद हुआ स्पीड कैमरों का इस्तेमाल
स्पीड कैमरा (File Photo)

Speed Cameras News : हर शहर न्यूयॉर्क शहर की तरह स्पीड कैमरों का शौकीन नहीं है, लेकिन इस देश को अपने सभी स्पीड कैमरे बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा। नए ट्रैफिक नियम की वजह से यह फैसला लिया गया। यह मामला अमेरिका के आयोवा राज्य का है, जहां अब स्पीड कैमरे लगाने के लिए परिवहन विभाग से परमिशन लेनी पड़ेगी। आइए जानते हैं कि क्या है पूरा मामला?

Advertisement

आयोवा में नए ट्रैफिक नियम आने के बाद कई शहरों को अपने अधिकांश स्पीड कैमरों को बंद करना पड़ा। यह कानून राज्य भर में ट्रैफिक एनफोर्समेंट सिस्टम ऑपरेट पर लागू होता है। इसके तहत अब स्थानीय सरकार को ऑटोमैटिक ट्रैफिक एनफोर्समेंट सिस्टम के संचालन को जारी रखने के लिए परिवहन विभाग (DOT) से परमिट के लिए आवेदन करना होगा, जिसमें स्पीड कैमरे शामिल हैं। इन सरकारों को यह साबित करना होगा कि स्पीड कैमरे क्यों जरूरी हैं?

यह भी पढ़ें : पाक‍िस्‍तानी बाप ने बेटी का क‍िया मर्डर, फ‍िर इस्लामाबाद भाग खुद क‍िया पुल‍िस को फोन, वजह सुन आ जाएगा गुस्‍सा

Advertisement

आधे से भी कम कैमरों को मिली मंजूरी

Advertisement

जब आयोवा में स्थानीय सरकारों ने 348 स्थानों पर स्थिर स्पीड कैमरे एक्टिव रखने की अपील की तो DOT ने उनमें से केवल 154 को ही मंजूरी दी, जो आधे से भी कम है। राज्य भर में 139 निश्चित कैमरा स्थानों में से सिर्फ 11 को ही संचालन जारी रखने की अनुमति दी गई। इस बीच इन परमिटों के लिए आवेदन करने वाले 28 समुदायों में से 18 को ट्रैफिक कैमरों का उपयोग जारी रखने के अधिकार से पूरी तरह से वंचित कर दिया गया।

कैसे चेक करते हैं कि स्पीड कैमरा जरूरी है या नहीं

आयोवा परिवहन विभाग यह निर्णय लेते समय महत्वपूर्ण सुरक्षा मानकों की जांच करता है, जिसमें ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन शामिल हैं, जो दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। साथ ही दुर्घटनाएं जो गंभीर चोट या मौत का कारण बनती हैं। 7 सदस्यीय पैनल यह भी चेक करता है कि क्या उन क्षेत्रों में गाड़ियों की स्पीड को नियंत्रित करने के अन्य तरीके पूरी तरह से समाप्त हो चुके हैं।

क्या स्पीड कैमरे वास्तव में प्रभावी हैं?

आयोवा में हुए घटनाक्रम से एक बड़ा सवाल उठता है कि क्या स्पीड कैमरे वाकई सड़कों को सुरक्षित बना रहे हैं? जबकि न्यूयॉर्क जैसे शहरों ने इस सिस्टम को अपनाया है। हाल के आंकड़े बताते हैं कि सड़क सुरक्षा में अभी भी कमी हो सकती है। न्यूयॉर्क में स्पीड कैमर लगने के बाद भी सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या कोविड-19 महामारी से पहले से अधिक है। अगर स्पीड कैमरों से सड़क हादसे रुक सकते हैं तो फिर मृत्यु दर क्यों बढ़ रही है?

यह भी पढ़ें : कांच की कब्र में जिंदगी बिताएगा ये खूंखार कातिल, 21 साल की उम्र में पहुंचा था जेल, 50 साल से कैद

जानें क्यों बंद हो रहे स्पीड कैमरे

आयोवा और दूसरे राज्यों में स्पीड कैमरों के आलोचक तर्क देते हैं कि ये सिस्टम 'सरकारी अतिक्रमण' का एक रूप है। वे ड्राइवरों को शिक्षित करने के बजाए जुर्माना लगाते हैं। ऐसे में जब सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतें नहीं रुक सकती हैं तो इस सिस्टम को लगाने की क्या जरूरत है।

Open in App Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो