तहरीर अल-शाम कौन, जिसने मिडिल ईस्ट में छेड़ी नई जंग; सीरिया के इस शहर में मचाया कत्लेआम
Tahrir Al Sham: मिडिल ईस्ट में इस समय इजराइल की हिजबुल्लाह और गाजा में हमास के साथ भीषण लड़ाई चल रही है। अब मुस्लिम राष्ट्र सीरिया में पुराना इस्लामिक जिहादी ग्रुप सक्रिय हो गया है। इस ग्रुप का नाम तहरीर अल-शाम है। जिसने सीरिया की सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए आतंकी गतिविधियां शुरू कर दी हैं। सीरिया के दूसरे बड़े शहर अलेप्पो में इस आतंकी संगठन ने बड़ी तबाही मचाई है। शहर के बड़े हिस्से पर इसके आतंकियों ने कब्जा कर लिया है। सीरिया की सरकार ने इस संगठन से निपटने के लिए दो देशों से मदद मांगी है। 8 साल पहले भी ये संगठन सीरिया को दहला चुका है।
सीरिया की सेना पीछे हटी
सीरिया की सेना ने अलेप्पो के बड़े हिस्से पर तहरीर अल-शाम के कब्जे की पुष्टि की है। सेना और आतंकियों के बीच भीषण जंग चल रही है। लेकिन तहरीर अल-शाम ने पिछले 72 घंटे में जिस हिसाब से शहर में कत्लेआम मचाया है, सेना के पैर उखड़ चुके हैं। बताया जा रहा है कि काफी सैनिक जंग से पीछे हट चुके हैं। 2016 में राष्ट्रपति बशर अल-असद ने सैन्य कार्रवाई के आदेश दिए थे। तब सेना ने तहरीर अल-शाम के आतंकियों को अलेप्पो से खदेड़ दिया था। उसके बाद ये संगठन काफी कमजोर हो गया था। इस संगठन का पूरा नाम हयात तहरीर अल-शाम है, जो अल-कायदा का साथी माना जाता है।
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2011 में यह संगठन जभात अल-नुसरा के तौर पर सामने आया था। कई रिपोर्ट्स में दावा किया जाता है कि इस संगठन के निर्माण में इस्लामिक स्टेट के पूर्व लीडर अबू बकर अल-बगदादी भी शामिल था। यह संगठन सीरिया की सरकार के लिए खतरनाक माना जाता है। 2016 में जभात अल-नुसरा के प्रमुख अबू मुहम्मद अल-जोलानी ने अपने संगठन को भंग कर सभी संबंध अल-कायदा से तोड़ लिए थे। तहरीर अल-शाम दावा करता है कि वह आतंकी संगठन नहीं है। उसका मकसद सीरिया में कट्टरपंथी सरकार को स्थापित करना है।
Iraqi Shia militias under PMF shadow joining Assad regime to fight Tahrir al Sham & co but couldn’t move an inch when Gaza was getting bombed & Hezbulla leadership was getting erased. Iran controls them & it will never let them move except for rawafidhs.
— noah٘ al-Iraqi 🥷 (@noahahaha) November 30, 2024
सीरिया में मारे जा चुके 5 लाख लोग
आठ साल पहले जब अलेप्पो से सीरिया की सेना ने इस संगठन को खदेड़ा तो लोगों ने राष्ट्रपति को समर्थन दिया था। तब ईरान, रूस और शिया मिलिशिया ने सीरिया की मदद की थी। महीनों की जंग के बाद तहरीर के लड़ाके भागे थे। 2016 में अलेप्पो पर कब्जे के बाद गृह युद्ध में अल-असद की स्थिति मजबूत हो गई थी। बता दें कि सीरिया में 2011 से गृह युद्ध चल रहा है, अभी तक 5 लाख लोग मारे जा चुके हैं। अब इस संगठन के दोबारा सक्रिय होने के बाद सीरिया का साथ कौन देगा, यह देखने वाली बात होगी? क्योंकि रूस की यूक्रेन से जंग हो रही है, वहीं, ईरान और इजराइल के बीच तनाव चरम पर है।
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