142 स्टूडेंट्स गोलियों से भून दिए; 2 अप्रैल की उस खौफनाक सुबह की कहानी पढ़ें, जब यूनिवर्सिटी में घुसे थे 4 आतंकी
Garissa University College Terror Attack Memoir: अलकायदा और अल-शबाब के 4 आतंकवादी हथियारों लैस होकर यूनिवर्सिटी के कॉलेज में घुस गए। आज से 9 साल पहले सुबह के करीब साढ़े 5 बजे हुए इस आतंकी हमले में कुल 148 लोग मारे गए थे और 80 लोग घायल हुए थे। 148 मृतकों में 142 छात्र, 3 सैनिक और 3 पुलिस अधिकारी शामिल थे।
500 से ज्यादा स्टूडेंट्स ने भागकर अपनी जान बचाई थी, लेकिन उन स्टूडेंट्स को आतंकियों ने जो खौफनाक मंजर दिखाया था, वह उनके जेहन में आज भी जिंदा है, जिसे याद करके वे सिहर उठते हैं। क्योंकि उस दिन आतंकियों ने स्टूडेंट्स की आंखों के सामने उनके दोस्तों को मुंह के बल लिटाकर गोलियां से छलनी कर दिया था।
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15 घंटे की मुठभेड़ में ढेर हुए चारों आतंकी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकी हमला 2 अप्रैल 2015 को केन्या के गरिसा शहर में बनी गरिसा यूनिवर्सिटी कॉलेज में हुआ था। आतंकियों ने करीब 700 स्टूडेंट्स बंधक बनाए थे, लेकिन उन्होंने मुस्लिम स्टूडेंट्स को भगा दिया था और ईसाई स्टूडेंट्स को मौत के घाट उतार दिया था। हालांकि केन्या पुलिस ने आतंकियों का 15 घंटे तक मुकाबला करते हुए उन्हें ढेर कर दिया था, लेकिन तब तक आतंकी स्टूडेंट्स को मार चुके थे।
केन्या पुलिस ने जांच करते हुए 5 और आतंकियों को गिरफ्तार किया था और इस हमले की साजिश रचने वाले अल-शबाब के आतंकी मोहम्मद कुनो पर इनाम रखा, लेकिन आज तक वह हाथ नहीं आया है। कुनो गरिसा में ही एक इस्लामिक स्कूल का हेडमास्टर हुआ करता था।
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हमले में बचे छात्रों ने सुनाई थी आपबीती
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आतंकियों ने ईसाई समुदाय के छात्रों को चुन-चुन कर मारा। गरिसा यूनिवर्सिटी कॉलेज के एक छात्र एरिक वेकेसा ने रॉयटर्स को बताया कि भागने से पहले उसने खुद को अपने कमरे में बंद कर लिया था। एक छात्र ऑगस्टीन अलंगा ने BBC को बताया कि वह सुबह काफी भयानक थी। हर जगह गोलीबारी हो रही थी।
यूनिवर्सिटी को दोनों सिक्योरिटी गार्ड उन्होंने मार दिए थे। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने इसे आतंकवादी हमला करार दिया। संयुक्त राज्य अमेरिका ने केन्या को अल-शबाब से मुकाबला करने में मदद करने की पेशकश की। केन्याई सरकार ने अल-शबाब के एक उच्च पदस्थ अधिकारी मोहम्मद कुनो को हमले का मास्टरमाइंड बताया।
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