सिर्फ 7 साल का दुनिया का सबसे छोटा सर्जन वो भी भारतीय...
World's Youngest Surgeon: भारत का 7 साल का एक बच्चा दुनिया के सबसे छोटी उम्र का सर्जन बनने का रिकॉर्ड बनाया है। इस बच्चे का नाम आकृत प्रजापति है। आकृत की इस अनोखे प्रतिभा ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फेमस बना दिया है और एक बेहतरीन पहचान दिलाई है।आकृत की कहानी केवल सर्जरी तक सीमित नहीं है; उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) में दाखिला लिया, जहाँ उन्होंने विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बनाई।
आकृत चिकित्सा और तकनीक के क्षेत्र में काम कर रहे हैं, जिससे सर्जरी के क्षेत्र में नई क्रांतियाँ ला सकें। इस 7 साल के बच्चे की कहानी यह साबित करती है कि अगर इंसान कुछ करना चाहे तो उसका हर सपना जरूर पूरा होता है।आकृत बहुत कम उम्र में भारत के तमाम युवाओं के लिए एक मिसाल बन चुके हैं।
यह भी पढ़े: वंदे भारत ट्रेन के खाने में मिला जिंदा कॉकरोच, तस्वीरें वायरल होते ही रेलवे प्रशासन ने शुरू की जांच
IIT में शिक्षा
अकृत ने अपनी शिक्षा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) से पूरी की, जहां उन्होंने चिकित्सा विज्ञान में अपनी योग्यता बढ़ाई। IIT में उनके समय ने उन्हें अकादमिक उत्कृष्टता और वैज्ञानिक अनुसंधान में गहराई से जानने का अवसर प्रदान किया। IIT के प्रतिभाशाली छात्रों के बीच रहते हुए अकृत ने अपने ज्ञान को बढ़ाया।
न्यूरोसर्जन बनना हैं सपना
अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, अकृत ने न्यूरोसर्जरी में दक्षता हासिल की। इस क्षेत्र में उन्होंने काफी ज्ञान प्राप्त किया, और इसके बाद उन्हें न्यूरो सर्जन के रूप में मान्यता मिली है।
यह भी पढ़े: 35 पाकिस्तानियों की मौत, दर्दनाक सड़क हादसा, तीर्थयात्रियों से भरी बस ईरान में पलटी
चिकित्सा क्षेत्र में योगदान
अकृत ने मस्तिष्क के ट्यूमर और अन्य जटिल स्थितियों के उपचार में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी सर्जिकल तकनीक और रोगियों के प्रति समर्पण ने उन्हें एक अग्रणी चिकित्सक के रूप में स्थापित किया है। अकृत ने कई सफल सर्जरी की हैं, जिनसे कई लोगों के जीवन में परिवर्तन आया है। उनकी सफलता ने उन्हें देश और दुनिया भर में प्रशंसा और सम्मान दिलाया है।
युवाओं के लिए प्रेरणा बने आकृति प्रजापति
अकृत प्रजापति की कहानी युवाओं के लिए एक प्रेरणा है। उनके कम उम्र में हासिल की गई उपलब्धियां और वैज्ञानिक क्षेत्र में उनके योगदान ने दुनिया भर में प्रशंसा और सम्मान प्राप्त किया है। अकृत का जीवन हमें सिखाता है कि यदि हम अपने लक्ष्यों के प्रति दृढ़ संकल्प और मेहनत करें, तो हम किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं। उनकी कहानी हमें प्रेरित करती है कि हम अपनी क्षमताओं पर विश्वास करें और अपने सपनों को साकार करने के लिए अथक प्रयास करें।