क्या ब्रिटेन में बढ़ने वाली हैं भारतीयों की मुश्किलें? वीजा प्रतिबंध को लेकर हुई ये डिमांड
World Latest News: ब्रिटेन के आम चुनावों के बाद अब भारतीयों से जुड़ा एक मुद्दा काफी उठ रहा है। ऋषि सुनक की पार्टी के दो नेता इसको लेकर लगातार टारगेट कर रहे हैं। भारतीय मूल के ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी के नेता रॉबर्ट जेनरिक का कहना है कि भारतीयों पर सभी श्रेणियों में सख्त वीजा प्रतिबंध लगाए जाने की जरूरत है। ब्रिटेन में अवैध तौर पर काफी संख्या में भारतीय रह रहे हैं। जब तक इन लोगों को वापस नहीं लिया जाता, सख्त नियमों की पालना जरूरी है।
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कंजर्वेटिव पार्टी के दो बड़े नेताओं ने अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को वापस भेजने की डिमांड की है। यह बड़ा मुद्दा इस बार यूके में बन रहा है। दो नेताओं ने इस मांग को प्रमुख तौर पर उठाया है, जो कंजर्वेटिव पार्टी के मुख्य नेता बनने की दौड़ में शामिल हैं। इनमें रॉबर्ट जेनरिक के अलावा केमी बेडेनोच का नाम शामिल है। दोनों का कहना है कि भारतीयों को वीजा देने और ब्रिटेन में अप्रवासन में कटौती किए जाने का काम किया जाए।
पूर्व मंत्री रॉबर्ट जेनरिक ने उठाए सवाल
बर्मिंघम में आयोजित पार्टी के एक सम्मेलन के दौरान पूर्व मंत्री रॉबर्ट जेनरिक ने कहा कि भारत जब तक अपने अवैध प्रवासियों को वापस नहीं ले लेता, तब तक उसके खिलाफ वीजा नियमों में सख्ती बरती जाए। पिछले साल की बात करें तो ढाई लाख भारतीयों को यूके ने वीजा दिया था। इस समय एक अनुमान के मुताबिक 1 लाख भारतीय ऐसे हैं, जो अवैध तौर पर यूके में रह रहे हैं।
उन्होंने यह भी मुद्दा उठाया कि ब्रिटेन में अवैध तौर पर रह रहे भारतीयों को वापस भेजने की प्रक्रिया काफी स्लो है। भारत-ब्रिटेन प्रवासन साझेदारी का गठन इसको हल करने के लिए किया गया था। लेकिन इसके बाद भी कुछ देश अपने नागरिकों को वापस नहीं ले रहे हैं। ऐसे में गंभीर वीजा प्रतिबंध लगाए जाने और विदेशी मदद को बैन करने की जरूरत है।
नेता प्रतिपक्ष के लिए 2 नवंबर को वोटिंग
केमी बेडेनोच ने कहा कि सितंबर 2022 में भारत-पाकिस्तान एशिया क्रिकेट कप मैच के दौरान लीस्टर की सड़कों पर काफी हिंसक झड़पें हुई थीं। ब्रिटेन की सड़कों पर अशांति पैदा करने में भारत के प्रवासियों का हाथ है। जिसकी वे निंदा करती हैं। हाल ही में यूके में आए लोगों का हाथ ऐसी घटनाओं में मिला है। दो देशों के आपसी विवादों को लेकर यूके की सड़कों पर उन्होंने हिंसा देखी है। ऐसे लोगों का उनके देश में स्थान नहीं है। अगर वे यूके आते हैं तो अपने मतभेदों को वहीं छोड़कर आएं। बता दें कि आम चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी की हार हुई है। अब नेता प्रतिपक्ष चुनने के लिए दो चरणों में 2 नवंबर को वोटिंग होगी। देखने वाली बात होगी कि पूर्व PM ऋषि सुनक इस पद पर बने रहेंगे या नहीं।
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