ये क्या! बिस्तर में कमजोर हो रहे हैं ब्रिटेन के सैनिक, डॉक्टर्स को देनी पड़ रही वियाग्रा
British Royal Navy: ब्रिटेन में रक्षा मंत्रालय के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। रक्षा मंत्रालय के अनुसार सशस्त्र बलों के जवानों को वियाग्रा की जरूरत महसूस हो रही है। मिनिस्ट्री के अनुसार पिछले वर्ष लगभग 900 जवानों और अधिकारियों को वियाग्रा दी गई थी। यानी 900 लोगों ने इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की शिकायत की थी। रक्षा मंत्रालय के अनुसार सबसे अधिक रॉयल आर्मी के सदस्यों को वियाग्रा दी गई। इसके बाद रॉयल नेवी और रॉयल एयरफोर्स के लोगों को दवा दी गई। सेना के जिन लोगों को वियाग्रा दी गई, उनमें 318 सिपाही रैंक के हैं। वहीं, 99 रैंक अधिकारियों के हैं, जिनको फाइजर राइजर (कामुकता बढ़ाने की दवा) दिया गया। रॉयल नेवी के 232 कर्मचारियों ने इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की शिकायत की थी। जिनमें 56 अफसर शामिल थे।
3109 नींद की गोलियां वितरित की गईं
शेष 179 लोग पुरुष नाविक या दूसरे रैंकों के थे। कुल मिलाकर 900 अधिकारियों और कर्मचारियों को उपचार के लिए दवा दी गई। वहीं, रॉयल एयरफोर्स से सबसे कम लोगों ने इरेक्टाइल डिस्फंक्शन को लेकर शिकायत की। RAF के सबसे कम 78 अधिकारियों और 151 जवानों को ही वियाग्रा की जरूरत पड़ी। एमओडी के ये आंकड़े सूचना की स्वतंत्रता अधिनियम की शर्तों के तहत जारी किए गए हैं। वहीं, आंकड़ों के मुताबिक सशस्त्र बलों में एक जनवरी से 31 दिसंबर 2023 तक तनाव के 7189 केस मिले। वहीं, इलाज के लिए लगभग 3109 नींद की गोलियां ऑन रिकॉर्ड वितरित की गईं।
MOD के अनुसार वियाग्रा को इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के इलाज के लिए लिया जा सकता है। लेकिन अगर अन्य दवाओं का सेवन हाई ब्लड प्रेशर या हाईपरलासिया आदि के इलाज के लिए करते हैं तो विशेषज्ञों से राय लेनी जरूरी है। सेना के जवानों के लिए इरेक्टाइल डिस्फंक्शन से निपटने के लिए 23 प्रकार का दवाओं का प्रावधान किया गया है। आंकड़ों के अनुसार बताया गया है कि 900 लोगों को वियाग्रा दी जरूर गई है। लेकिन उन लोगों ने इसका सेवन किया है या नहीं, यह जानकारी नहीं है।