Aliens से लेकर Gold Train तक... आज भी अनसुलझी हैं दूसरे विश्व युद्ध की 5 अनोखी Mysteries
Unsolved Mysteries Of Second World War : जीवन का शायद ही कोई ऐसा हिस्सा होगा जब कोई न कोई बात रहस्य बनी हुई हो। समय के साथ एक रहस्य खुलता है तो 2 और उसकी जगह ले लेते हैं। दूसरे विश्व युद्ध का समय भी इससे अलग नहीं था। अलग तो दूर की बात इस दौरान रहस्यों की एक तरह से बाढ़ आई थी और उनमें से कुछ तो आज भी अनसुलझे हैं। बेहद बड़े स्तर पर लड़ी गई इस जंग में लड़ाई के ऐसे दांव-पेच अपनाए गए थे जो पहले कभी इस्तेमाल नहीं हुए थे। कितने ही लोगों की जान गई और इनमें से कितने ही रहस्यों को अपने सीने में ही लेकर इस दुनिया से चले गए। इस रिपोर्ट में जानिए दूसरे विश्व युद्ध के 5 अनोखे रहस्यों के बारे में जिन्हें आज भी सुलझने का इंतजार है।
1. बैटल ऑफ लॉस एंजिलिस
दूसरे विश्व युद्ध के सबसे अजीबो-गरीब एपिसोड्स की बात करें तो बैटल ऑफ लॉस एंजिलिस (Battle Of Los Angeles) का नाम इस लिस्ट में जरूर आएगा। जो बात इसे सबसे खास बनाती है वह यह है कि यह लड़ाई असल में कभी हुई ही नहीं थी। इस समय कैलिफोर्निया पर जापान की ओर से हमले आशंका बनी हुई थी। 25 फरवरी 1942 की सुबह रडार सिस्टम पर लॉस एंजिलिस से 120 मील पश्चिम की ओर होस्टाइल एक्टिविटी डिटेक्ट हुई थी।
Battle of Los Angeles, took place from late 24 February to early 25 February 1942,Los Angeles, California. Explanation-weather balloon 🎈.#ChinaBalloon #ChineseSpyBalloon #ufotwitter #ufo #UAPs #UFOSightings #theufosecret #1940s #40s #UAPTwitter #uapx #ufoX pic.twitter.com/g0frYOYyyI
— Theufosecret (@theufosecret) May 9, 2024
इस एक्टिविटी को देखते हुए अमेरिकी वायु सेना की ओर से एयर रेड सायरन चालू कर दिए गए थे। इसके बाद आसमान में करीब 1400 गोले दागे गए थे। इस दौरान स्थानीय निवासियों ने जापानी विमानों, पैरा ट्रूपर्स और अनआइडेंटिफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट्स (यूएफओ) को देखने की बात कही थी। कुल मिलाकर लॉस एंजिलिस पर कोई खतरा नहीं था। लेकिन फिर ऐसा क्यों हुआ और उस रात की घटनाओं का जवाब आज तक नहीं मिल पाया है।
2. फू फाइटर्स
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यूएफओ को देखे जाने की कई घटनाएं सामने आई थीं। जंग में शामिल रहे पायलट्स ने कई बार उड़ान के दौरान विभिन्न आकार और रंगों की चीजें देखने की बात कही थी। इन्हीं वस्तुओं को फू फाइटर्स (Foo Fighters) नाम दिया गया। शुरुआत में अमेरिकी सेना के अधिकारियों ने अनुमान लगाया कि इन घटनाओं का कारण पायलट्स के दिमाग पर युद्ध का असर और एटमॉस्फेयरिक स्थिति हो सकती है।
MAY 2 1945
FOO FIGHTERS CHASE B-24
WW2: Crew of B-24 Liberator #616 over Fala Island, Truk Atoll are pursued by 2 red-orange UFOs. B-24 evasive maneuvers, UFO closes up to 1000 yards away for 1 hour.
1/53: Case sent to Gen. Samford, AF Chief of Intelligence re: similar UFO. pic.twitter.com/cetqalLV0m
— Today in UFO HISTORY (@BlueBookBelieve) May 2, 2020
लेकिन, जब ऐसी रिपोर्ट्स सामने आती रहीं तो इसका पता लगाने के लिए आधिकारिक जांच शुरू की गई थी। यह भी अटकलें चली थीं कि ऐसी वस्तुएं दुश्मन की खुफिया टेक्नोलॉजी हो सकती हैं लेकिन उनके व्यवहार ने इस थ्योरी को खारिज कर दिया। जांच करने वाले इन वस्तुओं को लेकर कोई जवाब नहीं दे पाए और नहीं जांच के दौरान उन्हें कोई पुख्ता सबूत मिल पाया। इस तरह से फू फाइटर्स का रहस्य भी रहस्य ही बन कर रह गया।
3. एनी फ्रैंक का रहस्य
इस लड़ाई के दौरान विश्वासघात की कई घटनाएं भी हुईं। इनमें से सबसे बड़ी घटना थी जर्मन सेना को उस जगह का पता चलना जहां एनी फ्रैंक का परिवार छिपा हुआ था। नीदरलैंड में जर्मनी की ओर से किए गए नपसंहार की सबसे प्रसिद्ध विक्टिम एनी फ्रैंक की डायरी प्रकाशित होने के बाद बेहद लोकप्रिय हुई थी। 15 साल की ऐनी ने इस डायरी में नाजी अत्याचार की अपनी स्मृतियां लिखी थीं।
Anne Frank and her family were arrested in August 1944 after 761 days in hiding in an annex above her father's business. While we know a lot about those who helped the Franks in hiding, mystery surrounds their arrest. A retired FBI agent is trying to find the truth. pic.twitter.com/3eqWicdg0P
— US Holocaust Museum (@HolocaustMuseum) August 13, 2020
इस घटना को बेहद लंबा समय बीत चुका है। उस समय के कई विवाद अब सिमट चुके हैं। लेकिन यह अभी तक नहीं पता चल पाया है कि जर्मन सेना को उस जगह का पता कैसे चला जहां एनी फ्रैंक और उनका परिवार छिपा हुआ था। न ही यह पता चल पाया है कि किसने जर्मन सेना को यह जानकारी दी थी। उल्लेखनीय है कि एनी फ्रैंक की डायरी अब कई देशों के स्कूलों में पढ़ाई भी जाती है।
4. फ्लाइट-19 का गायब होना
5 दिसंबर 1945 को अमेरिकी नौसेना ने एक नेविगेशनल ट्रेनिंग फ्लाइट पर 14 एविएटर्स को भेजा था। इस मिशन में उन्हें बरमूडा ट्राइएंगल से होते हुए उड़ान भरनी थी। अटलांटिक महासाहर में स्थित इस इलाके को ऐसी घटनाओं के लिए जाना जाता है जिनका कारण बता पाना फिलहाल असंभव है। लेकिन जल्द ही सभी का संपर्क बेस से टूट गया। घटना के बारे में जानकारी जुटाने के लिए जांच शुरू की गई लेकिन उसमें भी कुछ पता नहीं चल पाया।
#Hojeem 1945, durante a #SegundaGuerraMundial o #Voo19, uma esquadrilha de 5 aviões Grumman TBF Avenger, desaparece no #TriângulodasBermudas, no que tornou-se um dos mistérios da aviação mais famosos da história.#SegundaGuerra #WW2 #WWII #Flight19 #BermudaTriangle pic.twitter.com/3iU8mEQVue
— Tássio G Schmittᅠᅠᅠᅠᅠᅠᅠᅠᅠᅠᅠᅠᅠᅠᅠᅠᅠᅠᅠᅠᅠᅠᅠᅠᅠᅠᅠᅠᅠ (@tassio_schmitt) December 5, 2022
इतना ही नहीं इनकी तलाश के लिए एक एयरक्राफ्ट भी भेजा गया था, लेकिन वह भी लापता हो गया। उसमें 13 लोग सवार थे। लेकिन आज तक न तो उस विमान का पता चल पाया है और न उसमें सवार लोगों का। इस तरह से दूसरे विश्व युद्ध की यह एक और ऐसी घटना है जिसे सुलझाना आज भी बाकी है। बता दें कि बरमूडा ट्राइएंगल काफी रहस्यमयी जगह है और बड़ी संख्या में विमान यहां लापता हो चुके हैं जिनका फिर कभी पता नहीं चल सका।
5. गोल्ड ट्रेन
जर्मनी की कथित गोल्ड ट्रेन (Gold Train) दूसरे विश्व युद्ध के सबसे बड़े अनसुलझे रहस्यों में से एक है। इसके बारे में अलग-अलग कहानियां सुनने को मिलती हैं। कई लोगों का मानना है कि जब जर्मनी की जीत की सभी उम्मीदें टूट गई थीं तो जर्मन सेना ने एक ट्रेन में सोना, आर्ट, खजाने और अन्य कीमती वस्तुएं लोड की थीं। कहा जाता है कि इसके बाद ट्रेन को एक सुरंग में छिपा दिया गया था। लेकिन, दोबारा इस ट्रेन को नहीं ढूंढा जा सका।
This afternoon, our Nazi Treasure Train episode will be up. Expect underground bases and the story of how Poland got pilled on secret nazi gold after WW2. pic.twitter.com/lkuezD6wyr
— QAA Podcast (@QAApod) June 19, 2020
समय के साथ इस कहानी को महज कल्पना मान लिया गया। लेकिन कई लोग अभी भी इस पर भरोसा करते हैं। पोलैंड की सेना ने युद्ध के बाद ट्रेन की तलाश के लिए अभियान भी चलाया था। हालांकि, इस बात का कोई सबूत नहीं मिल पाया जो ट्रेन की मौजूदगी का संकेत देता हो। लेकिन यह खोज जारी रही। कुछ साल पहले पोलैंड के दो लोगों ने दावा किया था कि उन्हें इस ट्रेन को लेकर जानकारी मिली है। लेकिन ट्रेन का कुछ पता नहीं चला है।
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