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US Election 2024: ट्रंप या हैरिस की जीत के भारत के लिए मायने?

US Election 2024: अमेरिकी चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है। तमाम सर्वे में दोनों नेताओं के बीच काफी नजदीकी मुकाबला देखने को मिल रहा है। ट्रंप या हैरिस जो भी जीते ग्लोबल पॉलिटिक्स पर इसका काफी असर होने वाला है।
02:28 PM Nov 05, 2024 IST | Nandlal Sharma
us election 2024  ट्रंप या हैरिस की जीत के भारत के लिए मायने
डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस | फाइल फोटो

US Election 2024: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में 5 नवंबर को वोटिंग होगी और उसके कुछ ही घंटों बाद नतीजे आने लगेंगे। ये तय है कि ट्रंप या हैरिस में से ही कोई एक अमेरिका का अगला राष्ट्रपति होगा, लेकिन ट्रंप या हैरिस में कोई भी जीते, उनकी नीतियों को दुनिया भर में असर होगा, और भारत इससे अछूता नहीं है।

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पीएल कैपिटल के हवाले से रिपब्लिक वर्ल्ड ने लिखा है कि ट्रंप के राष्ट्रपति बनने की सूरत में कच्चे तेल की कीमतों, डिफेंस टेक्नोलॉजी और फॉर्मास्यूटिकल्स पर अच्छा खासा असर दिखेगा। बाजार के मौजूदा अनुमानों को देखें तो ट्रंप के जीतने की 56.5 प्रतिशत संभावना है। वहीं हैरिस की जीत का प्रतिशत 43.5 है। हालांकि ओपिनियन पोल में दोनों उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है।

अमेरिकी चुनाव का आधिकारिक परिणाम 6 नवंबर को सुबह 8.45 बजे जारी होंगे। हालांकि 5 नवंबर को वोटिंग खत्म होने के तुरंत बाद ही शुरुआती परिणाम आने लगेंगे। अगर जिओ-पॉलिटिक्स को देखें तो अमेरिकी राजनीति का भारत पर बड़ा प्रभाव पड़ने वाला है। बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद दक्षिण एशिया में उथल पुथल मची हुई है। पीएल कैपिटल ने अपनी इंडिया स्ट्रैटजी रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिकी प्रशासन का रवैया काफी कुछ तय करेगा क्योंकि दक्षिण एशिया में भारत एक ध्रुव के तौर पर सीधा असर रखता है।

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कमला हैरिस Vs डोनाल्ड ट्रंपः भारत पर क्या होगा असर

ट्रेड के मामले में कमला हैरिस की नीतियों को देखें तो भारत के द्विपक्षीय व्यापार में स्थिरता आ सकती है। हालांकि ट्रंप जीते तो वह ग्लोबल ट्रेड में हलचल मचा सकते हैं। लेकिन अमेरिका में चीनी आयात के कम होने की स्थिति में भारत इस मौके का फायदा उठा सकता है।

प्रवासन के मामले में कमला हैरिस का रवैया ज्यादा उदार है। वे स्किल वर्कर वीजा के साथ एच-1बी वीजा को मंजूरी देने के मामले में बाइडन के उदार रवैये को आगे बढ़ा सकती हैं। हालांकि ट्रंप प्रवासन नीति को कठोर बनाना चाहते हैं। इसका असर ये हो सकता है कि एच-1बी वीजा को मंजूरी दिए जाने के मामलों में गिरावट आ सकती है। ट्रंप के पिछले कार्यकाल में एच-1 बी वीजा के मामले में गिरावट देखी गई थी।

ऊर्जा और पर्यावरण

कमला हैरिस की नीतियां भारत की रिन्यूएबल एनर्जी के कार्यक्रमों को सपोर्ट करती हैं, जबकि ट्रंप का फोकस जीवाश्म ईंधन पर है, ट्रंप के राष्ट्रपति बनने की स्थिति में कच्चे तेल की कीमतों में कमी आ सकती है और भारत की आयात जरूरतों के लिए यह काफी फायदेमंद हो सकता है।

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डिफेंस रिलेशंस

कमला हैरिस हिंद-प्रशांत साझेदारी को मजबूत बनाना चाहती हैं और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की पक्षधर हैं। वहीं ट्रंप ने क्वाड पार्टनरशिप को पुर्नजीवित किया था और भारत के साथ कई बड़े हथियार सौदों के साथ द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत किया था। हैरिस की जीत अमेरिका के रणनीतिक हितों के साथ भारत की तकनीकी क्षमताओं को मजबूत कर सकती है, लेकिन ट्रंप की जीत भारत के डिफेंस इम्पोर्ट को आसान बना सकती है, लेकिन साझा उत्पादन के प्रयासों को सीमित कर सकती है।

हेल्थकेयर और फॉर्मास्यूटिकल्स

कमला हैरिस मेडिकेयर को बढ़ाना चाहती हैं और दवाओं की कीमतों को कम करना चाहती हैं। इसके लिए वे सरकारों और फॉर्मास्यूटिकल्स के साथ मोलभाव को तरजीह देती हैं। वहीं ट्रंप मेडिकेयर को निजी हाथों में देने के पक्षधर हैं और दवाओं की कीमतों के मामले में सरकारी हस्तक्षेप को खत्म करना चाहते हैं।

कमला हैरिस की नीतियां भारत की जेनरिक दवाओं के लिए मददगार हो सकती हैं, वहीं ट्रंप जीते भारतीय दवा कंपनियों के लिए बाजार में पकड़ बनाने का अच्छा मौका दे सकती हैं, क्योंकि सरकारी हस्तक्षेप कम होने से कंपनियों को लाभ मिल सकता है।

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