ढाका में फिर क्यों भड़की हिंसा? छात्रों ने लगाया साजिश का आरोप, पूर्व अधिकारी को बताया 'गुनहगार'
Violence in Dhaka News: बांग्लादेश के ढाका में रविवार को एक बार फिर छात्रों और पैरामिलिट्री के जवानों के बीच झड़प देखने को मिली। दरअसल अंसार पैरामिलिट्री के जवान नियमित किए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान छात्रों के साथ उनकी झड़प हो गई। इसमें 50 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
बांग्लादेश के अखबार डेली स्टार के मुताबिक छात्रों और पैरामिलिट्री जवानों के बीच रात के 9.20 बजे झड़प शुरू हुई। छात्रों को खबर मिली थी कि ढाका यूनिवर्सिटी के सचिवालय के पास पैरामिलिट्री फोर्स अंसार के सदस्यों ने कई छात्रों को हिरासत में रखा है। हिरासत में लिए गए छात्रों में नाहिद इस्लाम भी थे, जो अंतरिम सरकार में सलाहकार भी हैं। नाहिद इस्लाम उन छात्र नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने शेख हसीना सरकार के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंका था। मौके पर पहुंचे छात्रों ने प्रदर्शन कर रहे अंसार फोर्स के सदस्यों को तितर-बितर करने के लिए कार्रवाई शुरू की। इसके बाद हिंसा भड़क गई।
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अंसार पर समझौते से मुकरने का आरोप
दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर ईंटों से हमला कर दिया और दौड़ा-दौड़ा कर एक दूसरे की पिटाई की। बाद में पुलिस और आर्मी के जवानों ने मामले को संभाला। इससे पहले लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) जहांगीर आलम चौधरी के आश्वासन पर अंसार सदस्यों ने अपना विरोध प्रदर्शन वापस ले लिया था। चौधरी अंतरिम सरकार में गृह विभाग के सलाहकार हैं। हालांकि ढाका में तनाव अभी बना हुआ है। छात्रों ने अंसार ग्रुप के सदस्यों पर समझौते से मुकरने का आरोप लगाया है।
प्रदर्शनकारी छात्रों के को-ऑर्डिनेटर हसनत अब्दुल्लाह ने फेसबुक पर अंसार फोर्स के पूर्व डायरेक्टर जनरल एकेएम अमीनुल हक पर आरोप लगाया और कहा कि उनके ही निर्देश पर समझौते के बावजूद सचिवालय को बंद करके रखा गया। अब्दुल्लाह ने कहा, 'तानाशाही ताकतें अंसार फोर्स के जरिए अपनी वापसी में लगी हैं। उनकी मांग पूरी होने के बावजूद सचिवालय में हमें बंद करके रखा गया था।'
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'अंसार फोर्स का प्रदर्शन बड़ी साजिश का हिस्सा'
सचिवालय को बंद रखने जाने की खबरों ने ढाका में तूफान पैदा कर दिया। हजारों की संख्या में छात्र और अन्य लोग हाथों में डंडे और रॉड लिए सचिवालय पर इकट्ठा हो गए। अंसार सदस्यों के साथ टकराव के बाद दोनों पक्ष भिड़ गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अंसार फोर्स के सदस्यों को काफी चोटें आई हैं। सूचना और प्रसारण सलाहकार नाहिद इस्लाम ने कहा कि अंसार फोर्स का प्रदर्शन बड़ी साजिश का हिस्सा है। हिंसा में जो लोग शामिल हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
द डेली स्टार को दिए अपने बयान में अंसार और विलेज डिफेंस फोर्स के डायरेक्टर जनरल अब्दुल मोतालेब सज्जाद महमूद ने अंसार सदस्यों का बचाव किया। उन्होंने कहा कि जो लोग प्रदर्शन कर रहे थे, वे अंसार के सदस्य नहीं थे। वे बाहरी थे। उनके पास अतिरिक्त कपड़े थे और उनका मकसद दूसरा था। महमूद ने सचिवालय पर प्रदर्शन करने वाले अंसार सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया।