whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

Chatgpt के फाउंडर से क्यों नफरत करते हैं नोबेल अवॉर्ड विनर जेफ्री हिंटन? AI पर कही बड़ी बात

Geoffrey Hinton: एआई के गॉडफादर और नोबेल अवॉर्ड विनर जेफ्री हिंटन चैटजीपीटी के फाउंडर सैम ऑल्टमैन के बड़े आलोचक हैं। हिंटन के अनुसार ऑल्टमैन ने लोगों के डेटा की सुरक्षा करने की बजाय एक ऐसा तंत्र विकसित किया जिससे अधिक से अधिक प्रॉफिट कमाया जा सके।
09:50 AM Oct 11, 2024 IST | Rakesh Choudhary
chatgpt के फाउंडर से क्यों नफरत करते हैं नोबेल अवॉर्ड विनर जेफ्री हिंटन  ai पर कही बड़ी बात
Geoffrey Hinton

Geoffrey Hinton Hate Chatgpt Sam Altman: चैटजीपीटी के फाउंडर सैम ऑल्टमैन की भौतिकी के नोबेल अवॉर्ड विनर जेफ्री हिंटन ने आलोचना की है। उन्होंने कहा कि ऑल्टमैन ने एआई को लेकर व्यापक स्तर पर सुरक्षा मापदंडों को दरकिनार कर दिया। हिंटन ने कहा कि ऑल्टमैन ने लोगों की सेफ्टी की जगह प्रॉफिट को प्राथमिकता दी। इसके साथ ही उन्होंने इल्या सुत्सकेवर की तारीफ की क्योंकि उन्होंने ऑल्टमैन को ओपनएआई से बाहर कर दिया था।

Advertisement

भौतिकी के नोबेल अवॉर्ड विनर ने एआई के संभवित खतरे को लेकर भी चिंता जाहिर की। इसके साथ ही उन्होंने एआई के बढ़ते प्रभाव पर तब तक रोक लगाने की वकालत की जब तक की वह पूरी तरह सुरक्षित नहीं हो जाता। बता दें कि हिंटन 2009 में मनुष्य के शब्दों को पहचानने के लिए एक तंत्रिका नेटवर्क को विकसित किया था। जिसके जरिए इंसानों की रोजमर्रा के जीवन में काम आने वाली चीजों की पहचान की।

ऑल्टमैन को सीईओ के पद से हटा दिया था

ओपनएआई के को फाउंडर और प्रमुख वैज्ञानिक सुत्सकेवर ने सबसे बढ़िया एआई मॉडल को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2023 के लास्ट में ओपन एआई के बोर्ड ने आल्टमैन को सीईओ के पद से हटा दिया था। ऑल्टमैन को ओपन एआई से बाहर करने में सुत्सकेवर ने शुरुआत में बड़ी भूमिका निभाई थी। हालांकि बाद में सुत्सकेवर के प्रयासों से ही उन्हें फिर से चैटजीपीटी में एंट्री मिली थी। बता दें कि सुत्सकेवर ने मई 2024 में स्वयं की एआई कंपनी शुरू करने के लिए ओपन एआई को अलविदा कह दिया था।

Advertisement

एआई के गॉडफादर हैं हिंटन

हिंटन ने अपनी पीएचडी के दौरान सुत्केवर के एक्सपेरिमेंट की जांच की। हिंटन को एआई का गॉडफादर भी कहा जाता है। हिंटन ने एआई के विनाशकारी प्रभाव से बचने के लिए चेतावनी दी थी। शुरुआत में हिंटन का मानना था कि भाषा को समझने के मामले में एआई सिस्टम मानव मस्तिष्क से बहुत पीछे हैं। इसके साथ ही हिंटन यह भी मानते थे कि एआई कुछ मामलों इंसानी दिमाग को पीछे छोड़ सकता है।

Advertisement

ये भी पढ़ेंः रतन टाटा ने 2016 में इस कंपनी के खरीदे थे हजारों शेयर, आज रॉकेट बना भाव

मस्क ने भी की ऑल्टमैन की आलोचना

हिंटन ने कहा कि जैसे-जैसे एआई तकनीक आगे बढ़ रही है, इससे जल्द ही इंटरनेट पर भ्रामक सूचनाएं बढ़ जाएगी। जिससे लोगों को यह समझना मुश्किल हो जाएगा कि असली क्या है? बता दें कि हिंटन ही नहीं एलन मस्क भी ऑल्टमैन के बड़े आलोचकों में से एक हैं। मस्क इस बात से चिंतित थे कि एआई के जरिए एनजीओ अब प्रॉफिटेबल संस्थाएं बन रही हैं। उन्होंने कहा कि यह बदलाव कंपनी के मूल उद्दश्यों के खिलाफ है।

ये भी पढ़ेंः अब दागी और कामचोर सरकारी कर्मियों की खैर नहीं! PM मोदी का केंद्रीय सच‍िवों को बड़ा आदेश

Open in App
Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो