Love Affairs: पहली नजर में प्यार, रोमांस और लव मैरिज, ये 4 ग्रह लिखते हैं 'लव में सक्सेस' की कहानी!
Love Affairs: आपने ये नोटिस किया होगा कि कई लोग पहली नजर में प्यार में पड़ जाते हैं। यह एक अद्भुत अनुभव हो सकता है, लेकिन यह हमेशा इतना आसान नहीं होता। कुछ रिश्ते गहरे हो जाते हैं और शादी में बदल जाते हैं। हो सकता है कि आपके साथ ऐसा हुआ हो। लेकिन क्या आपने सोचा है कि यदि यह डेस्टिनी है, तो इसमें ग्रहों की क्या भूमिका है और कौन-से ग्रह में इसमें सबसे अधिक इनवॉल्व होते हैं? आइए इस ज्योतिष आर्टिकल में हम समझने का प्रयास करते हैं कि पहली नजर में प्यार, रोमांस और लव मैरिज के जिम्मेदार ग्रह कौन हैं और लव में सक्सेस की कहानी कैसे बनती है?
आकर्षण और प्रेम के ग्रह
ज्योतिष शास्त्र में 3 ग्रह सबसे शुभ माने गए हैं, ये हैं- शुक्र, चंद्रमा और गुरु। चाहे पहली नजर का प्यार हो या लव रिलेशनशिप या लव मैरिज, ये तीनों शुभ ग्रह सबसे बड़ी भूमिका निभाते हैं। चलिए जानते हैं कैसे? जहां तक लव अफेयर में अट्रैक्शन और लव होने की बात है, इसके लिए शुक्र ग्रह को रिस्पांसिबल माना गया है। ज्योतिष ग्रंथों में शुक्र ग्रह को प्रेम, आकर्षण और काम सुख का कारक माना गया है। ये कुदरती तौर पर आकर्षण और प्रेम के ग्रह हैं। जब शुक्र ग्रह कुंडली में मजबूत स्थिति में होते हैं, तो व्यक्ति को प्रेम विवाह के योग बनते हैं। शुक्र का सप्तम भाव से संबंध भी प्रेम विवाह का सूचक होता है और लाइफ पार्टनर सुंदर और खूब प्रेम करने वाला मिलता है।
मन और हृदय से होता है प्रेम
कहते हैं जिस प्रेम में भावुकता न हो, वह प्रेम ही नहीं है। जीवन में भावुकता के लिए चंद्रमा को जिम्मेदार माना गया, क्योंकि वे मन और भावनाओं के कारक यानी स्वामी और नियंत्रक ग्रह हैं। मान्यता है कि चंद्रमा के मजबूत होने पर व्यक्ति रोमांटिक, संवेदनशील और सहानुभूतिपूर्ण होता है। यह भी देखा गया है कि ये लव मैरिज में भी भूमिका निभाते हैं। चंद्रमा और शुक्र का आपस में मेल होने पर व्यक्ति को प्रेम विवाह की संभावना अधिक होती है।
रोमांस और रिलेशनशिप के ग्रह
लव अफेयर में रोमांस और रिलेशनशिप को मजबूत बनाने के लिए बुध ग्रह जिम्मेदार माने गए हैं। बता दें कि ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह मित्रता, साझेदारी, मनोविनोद, मनोरंजन और संवाद के कारक माने गए हैं। वे व्यक्ति को संवाद करने, भावनाओं को व्यक्त करने और रिश्ते को कायम रखने में मदद करते हैं। कहा जाता है कि 'प्लेटोनिक लव' यानी वह आकर्षण और प्यार जो बौद्धिक स्तर पर पैदा होता है, उसके लिए बुध ही उत्तरदायी होते हैं।
लव मैरिज के कारक ग्रह
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बृहस्पति ग्रह विवाह के कारक ग्रह हैं। दरअसल, गुरु ग्रह विवाह के लिए सबसे शुभ होते हैं। वे वैवाहिक जीवन में स्थिरता और समृद्धि लाते हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, जब गुरु ग्रह बृहस्पति शुक्र से मजबूत संबंध बनाते हैं, तो व्यक्ति के लिए लव मैरिज के योग बनते हैं। मान्यता है कि गुरु का सप्तम भाव से संबंध वैवाहिक जीवन को सुखद बनाता है।
लव एट फर्स्ट साइट!
इन तीनों ग्रहों के अलावा, अन्य ग्रह भी प्रेम और विवाह को प्रभावित करते हैं, ये हैं- मंगल, राहु और केतु। मान्यता है कि मंगल ग्रह प्रेम में जुनून और कामुकता को बढ़ावा देते हैं, तो राहु-केतु साथी के प्रति गहरे मोह के बंधन से बांध देते हैं, जिसमें एक-दूसरे की दूरी बर्दाश्त नहीं होती है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, लव एट फर्स्ट साइट यानी नजर मिलते ही इश्क हो जाने लिए जो पल या क्षण जिम्मेदार होता है, उस पल को क्रिएट करने में राहु की अहम भूमिका होती है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।