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पुल से लटक 500 से ज्यादा जानें बचाई; रेलवे कर्मचारी का वीडियो देख कहेंगे- बहादुर बेटे को सलाम

Aaj Ka Viral Video: यात्रियों से भरी ट्रेन अचानक पुल के ऊपर झटके खाते हुए रुक गई। हादसा होने का खतरा मंडरा रहा था, लेकिन लोको पायलट ने बहादुरी दिखाते हुए अपनी जान दांव पर लगाकर पैसेंजरों की जान बचा ली। जानिए आखिर क्या हुआ था और कैसे?
01:14 PM Jun 22, 2024 IST | Khushbu Goyal
पुल से लटक 500 से ज्यादा जानें बचाई  रेलवे कर्मचारी का वीडियो देख कहेंगे  बहादुर बेटे को सलाम
Indian Railways Brave Employee

Indian Railways Brave Employee Video (दिलीप दुबे, पटना): ट्रेन सरपट दौड़ रही थी, अचानक गड़गड़ाहट होने लगी और पुल के ऊपर ट्रैक पर बीचों-बीच ट्रेन झटके खाकर रुक गई। जांच करने पर पता चला कि इंजन खराब हो गया है। प्रेशर लीकेज पाइप टूटने के कारण इंजन रुक गया। वहीं अचानक ट्रेन रुकने से यात्रियों ने हड़कंप मच गया। मौसम खराब था और ट्रेन पुल के ऊपर थी तो हादसा होने की आशंका से पायलट सहमे हुए थे। समझ नहीं आ रहा था क्या करें?

फिर काफी हिम्मत जुटाकर लोको पायलट बाहर गया। ट्रेन के नीचे से रेंगते हुए उस जगह पहुंचा, जहां लीकेज पाइप टूटा था। उसने पुल से लटककर किसी तरह पाइप को पुल से जोड़ा और वापस आकर इंजन को स्टार्ट करके ट्रेन को आगे बढ़ाया। लोको पायलट ने अपनी जान दांव पर लगाकर किस तरह 500 से ज्यादा लोगों की जानें बचाई, इसका वीडियो सामने आया है, जिसे देखकर आप भी भारतीय रेलवे के इस कर्मचारी की बहादुरी और जज्बे को सलाम करेंगे।

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रेलवे की तरफ से दिया गया नकद पुरस्कार

मिली जानकारी के अनुसार, घटना बिहार के बगहा इलाके की है। नरकटियागंज से गोरखपुर जाने वाली 05497 ट्रेन के इंजन में एयर लीकेज हो गई थी। इस कारण ट्रेन वाल्मिकीनगर पनियहवा के बीच रुक गई l लोको पायलट अजय यादव एवं सहायक लोको पायलट रंजीत कुमार दोनों ने बहादुर का परिचय देते हुए अपनी जान जोखिम में डालकर इंजन को ठीक करके ट्रेन को आगे बढ़ाया। उनकी बहादुरी को देखते हुए डिवीजन की तरफ से उन्हें 10000 रुपये की पुरस्कार राशि दी।

DRM विनय श्रीवास्तव ने पुरस्कार राशि दोनों को भेंट की है। दोनों की बहादुरी की तारीफ करते हुए अधिकारी ने बताया कि ट्रेन ऐसी जगह रुकी थी, जहां एकदम से मदद का पहुंच पाना संभव नहीं था। ऊपर से मौसम खराब था तो अगर मदद के आने का इंतजार करते तो हादसा होने का रिस्क बढ़ सकता था। पैसेंजरों में घबराहट भी बढ़ती जा रही थी। पैसेंजरों की जान को जोखिम देखते हुए लोको पायलट ने जान का रिस्क लिया।

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