बिहार में 15 दिन में 10 पुल ढहने पर 16 इंजीनियर निलंबित, नीतीश के मंत्री बोले- तेजस्वी जिम्मेदार!
Bihar Bridge Collapse: बिहार में गिरते-बहते पुलों की संख्या पिछले 15 दिन में 10 को पार कर गई है। लगातार किरकिरी के बाद बिहार सरकार ने 5 जुलाई 2024 को जल संसाधन विभाग के 16 इंजीनियरों को सस्पेंड कर दिया। इतना ही नहीं बल्कि इस मामले में जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद का कहना है कि ये कोई छोटी बात नहीं है और इसको लेकर राज्य सरकार गंभीर है। पुल निर्माण के लिए जिम्मेदार ठेकेदारों को चिह्नित किया जाएगा और जवाबदेही तय की जाएगी।
मामले की जांच जारी
बिहार में 10वां पुल सारण जिले में गुरुवार को गिरा था। पिछले 24 घंटे में सारण जिले में गिरने वाला यह तीसरा पुल था। पुलों के गिरने के मामले जिन इलाकों से सामने आए हैं - उनमें सिवान, सारण, मधुबनी, अररिया, पूर्वी चंपारण और किशनगंज जिला शामिल हैं। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने पत्रकारों से कहा कि 'मामले में जांच जारी है। बुधवार को मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सभी पुराने पुलों की सर्वे कर पहचान की जाए और आवश्यक मरम्मत कराई जाए।'
12 पुल हुए धराशायी
हालांकि राज्य में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि 18 जून के बाद से बिहार में 12 पुल धराशायी हुए हैं। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने X पर लिखा, '18 जून के बाद से बिहार में 12 पुल धराशायी हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन घटनाओं पर चुप्पी साधे हुए हैं। भ्रष्टाचार मुक्त शासन और सुशासन के दावों का क्या हुआ?' तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि 'पुल गिरने की घटनाओं से पता चलता है कि बिहार सरकार के हर विभाग में धड़ल्ले से भ्रष्टाचार हो रहा है।'
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पुलों की मरम्मत को लेकर तैयार की नीति
दूसरी ओर बिहार के सड़क निर्माण विभाग ने पुलों की मरम्मत के लिए नीति तैयार की है और ग्रामीण कार्य विभाग को अपनी योजना जल्द से जल्द तैयार करने को कहा है। ग्रामीण कार्य विभाग मंत्री अशोक चौधरी ने आरजेडी नेता पर निशाना साधते हुए कहा कि तेजस्वी यादव ने 15 महीने तक इस विभाग की जिम्मेदारी संभाली थी, लेकिन हालात को सुधारने के लिए उन्होंने कुछ नहीं किया। चौधरी ने कहा, 'तेजस्वी यादव यह याद रखें कि उन्होंने 15 महीने से ज्यादा समय तक महागठबंधन की सरकार में यह विभाग संभाला था। उस समय वे क्या कर रहे थे? आरजेडी की अगुवाई वाली पिछली बिहार सरकार और तेजस्वी यादव को इस गड़बड़ी का जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।