IAS वैभव श्रीवास्तव कौन? जिन्हें बिहार में मिली बड़ी जिम्मेदारी, सूचना तंत्र को मजबूत करने में जुटे
IAS Vaibhav Srivastava Success Story: सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाना है। सरकार और जनता के बीच एक ऐसे सेतु का काम करना है, ताकि जनता अपनी बात सरकार के समक्ष आसानी से रख पाए और सरकार अपने लक्ष्यों के बारे में उन्हें बताकर प्रदेश का विकास उनके सहयोग से करने में सक्षम हो पाए। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग का यही मकसद इसे किसी भी प्रदेश के सरकारी तंत्र का सबसे महत्वपूर्ण विभाग बनाता है। यह कहना है IAS अधिकारी वैभव श्रीवास्तव का, जिन्होंने बिहार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के नए निदेशक का पदभार ग्रहण किया। इस दौरान उन्होंने विभाग के सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के प्रति अपने निर्धारित दायित्वों का सही तरीके से पालन सुनिश्चित करें।
वैभव को प्रशासनिक नीतियों की काफी अच्छी समझ
बता दें कि IAS अधिकारी वैभव श्रीवास्तव 2018 बैच के अधिकारी हैं। उन्हें हाल ही में बिहार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग का निदेशक बनाया गया है। इस पद पर उनकी नियुक्ति से संभावनाएं जताई जा रही हैं कि बिहार का सूचना तंत्र मजबूत होगा। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में वैभव श्रीवास्तव की नियुक्ति को इसलिए भी खास माना जा रहा है, क्योंकि इस विभाग का काम सरकार और जनता के बीच सामंजस्य बिठाना है। वैभव को प्रशासनिक कामों और प्रशासनिक नीतियों का अच्छी जानकारी है, इसलिए वे अपना काम अच्छे से कर पाएंगे। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के डायरेक्टर बनने से पहले वैभव नालंदा जिले में जिला उप विकास आयुक्त (DDC) के पद पर काम कर रहे थे।
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वैभव ने साल 2017 में क्रैक किया था UPSC
बता दें कि वैभव उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी शहर के गोला नगर के रहने वाले हैं। उनके परिवार में पिता दीपक श्रीवास्तव, माता निधि श्रीवास्तव और बहन स्वाति श्रीवास्तव हैं। वैभव ने केंद्रीय विद्यालय आगरा से 12वीं पास करने के बाद सूरत से बीटेक किया। वैभव ने साल 2017 में UPSC CSE के एग्जाम में 98वीं रैंक हासिल की थी। साल 2018 में उनको IAS का पद दे दिया गया था। इस दौरान उनका एक इंटरव्यू भी आया था, जिसमें उन्होंने अपनी सफलता का राज बताया था। उन्होंने UPSC की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को सक्सेस टिप्स दिए थे। उनका कहना है कि अगर सफलता पानी है तो परीक्षा में अपने जवाब ऐसे लिखो, जो सबसे अलग दिखें। एग्जामिनर की नजर उन पर ठहरे। इस तरह के आंसर तभी लिख पाएंगे, जब लगातार प्रैक्टिस करेंगे।
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