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टैक्स-छूट और बेहतर रिटर्न की है चाहत? ELSS बन सकता है बेस्ट इन्वेस्टमेंट ऑप्शन

ELSS: यदि इस साल आप किसी टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट की तलाश में हैं, तो ELSS म्यूचुअल फंड पर विचार कर सकते हैं। यह स्कीम डबल फायदे के समान है और पिछले कुछ वक्त में इसने अच्छा रिटर्न भी दिया है।
10:28 AM Jan 07, 2025 IST | News24 हिंदी
टैक्स छूट और बेहतर रिटर्न की है चाहत  elss बन सकता है बेस्ट इन्वेस्टमेंट ऑप्शन
Investment

Equity Linked Savings Schemes: निवेशकों, खासकर सीनियर सिटीजन को ऐसे इन्वेस्टमेंट अवसरों की तलाश रहते रहती है, जो उनके पैसे को बढ़ाए, नियमित रिटर्न दे और टैक्स सेविंग में भी उनकी मदद करे। इस काम के लिए इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम एक अच्छा ऑप्शन है। इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम या ELSS म्यूचुअल फंड टैक्स बचाने वाले इक्विटी म्यूचुअल फंड हैं। ELSS फंड मूल रूप से इक्विटी फंड होते हैं, जो अपने कार्पस का एक बड़ा हिस्सा इक्विटी या इक्विटी से जुड़े इंस्ट्रूमेंट में निवेश करते हैं।

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कितना है लॉक-इन पीरियड?

ELSS फंड तीन साल के लॉक-इन पीरियड के साथ आते हैं और इससे पहले बाहर निकलने का कोई प्रावधान नहीं है। ईएलएसएस में आप जितनी चाहे रकम निवेश कर सकते हैं, इसके लिए कोई अपर कैपिंग नहीं है। हालांकि, न्यूनतम निवेश राशि हर फंड हाउस में अलग-अलग होती है। लिहाजा इसकी जानकारी आपको हासिल करनी होगी।

ELSS फंड कैसे काम करते हैं?

ईएलएसएस फंड अलग-अलग पोर्टफोलियो वाले इक्विटी फंड हैं। ये फंड विशेषतौर पर सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली फर्मों के शेयर में निवेश करते हैं। इसके लिए लार्ज, मिड और स्मॉल इस तरह अलग-अलग मार्केट कैप वाली कंपनियों का चुनाव किया जाता है। फंड मैनेजमेंट बेस्ट रिस्क-एडजस्टेड पोर्टफोलियो रिटर्न प्राप्त करने के लिए मार्केट रिसर्च के बाद उन स्टॉक्स का चयन करते हैं, जिनमें निवेश किया जाना है।

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टैक्सेशन के नियम

चूंकि ELSS फंड का लॉक-इन पीरियड तीन साल होता है, इसलिए इसमें शॉर्ट टर्म बेनिफिट प्राप्त करने का कोई तरीका नहीं है। इसका मतलब है कि निवेशक केवल लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन ही हासिल कर सकता है। म्‍यूचुअल फंड्स की इस कैटेगरी में इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत छूट मिलती है। इसमें लगाया गया 1.5 लाख रुपया पूरी तरह टैक्‍स के दायरे से बाहर होगा। यानी आपको निवेश पर ही टैक्‍स छूट मिल जाएगी। दूसरी टैक्‍स छूट निवेश पर मिलने वाले रिटर्न पर मिलती है, जो प्रति वित्तवर्ष 1 लाख रुपये है। इससे ज्यादा के रिटर्न पर 10% टैक्‍स लगेगा।

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इस बात का रखें ध्यान

यदि आप ELSS योजनाओं में निवेश करते हैं, तो आपको पता होना चाहिए कि शेयर मार्केट से लिंक होने के चलते इसमें FD जैसी दूसरी सेविंग स्कीम्स की तुलना में ज्यादा जोखिम होता है। इस स्कीम में आपका पैसा तीन साल तक ब्लॉक रहता है, यानी इससे पहले राशि नहीं निकाली जा सकती। ऐसे में लंबी अवधि तक अनुशासित निवेश को बढ़ावा मिलता है, जो आगे आपकी वेल्थ क्रिएशन में मदद कर सकता है।

मिलता है डबल फायदा

अगर आप चाहें तो 3 साल का लॉक-इन खत्‍म होने के बाद स्कीम को आगे एक्सटेंड कर सकते हैं। ELSS फंड एकमात्र टैक्स-सेविंग इन्वेस्टमेंट है, जो महंगाई को मात देने वाले रिटर्न की क्षमता रखता है। इन फंड्स में निवेश करने से आपको कर कटौती और वेल्थ क्रिएशन का फायदा मिलता है। यानी एक तरह से यह डबल लाभ की गारंटी देता है।

इन फंड्स ने दिया अच्छा रिटर्न

बीते एक साल में अच्छा रिटर्न देने वाले ELSS फंड्स की बात करें, तो इसमें मोतीलाल ओसवाल ELSS टैक्स सेवर फंड, SBI लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड, ITI ELSS टैक्स सेवर फंड, HDFC ELSS टैक्स सेवर फंड और बैंक ऑफ इंडिया ELSS टैक्स सेवर फंड आदि शामिल हैं।

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