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कॉरपोरेट टैक्स के मुकाबले बढ़ते पर्सनल Income Tax कलेक्शन के क्या हैं मायने?

Income Tax: टैक्स के मोर्चे पर सरकार के 'अच्छे दिन' चल रहे हैं। खासकर इनकम टैक्स भरने वालों की जेब से सरकारी खजाने में जमा होने वाली राशि में इजाफा देखने को मिला है।
11:27 AM Dec 24, 2024 IST | News24 हिंदी
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Corporate Tax Vs Individual Tax Collection: देश में 1 अप्रैल से 17 दिसंबर तक (वित्त वर्ष 2024-25) के टैक्स कलेक्शन के जो आंकड़े आए हैं, वह बेहद रोचक हैं। रोचक इस लिहाज से कि पर्सनल इनकम टैक्स (PIT) का कलेक्शन, कॉरपोरेट इनकम टैक्स (CIT) से अधिक रहा है और ऐसा अपेक्षाकृत कम ही देखने को मिलता है।

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दोनों में इतना अंतर

वित्त मंत्रालय की तरफ से हाल ही में बताया गया था कि वित्त वर्ष 2024-25 में 1 अप्रैल से 17 दिसंबर की अवधि के लिए कॉरपोरेट टैक्स का नेट कलेक्शन 7,42,607 करोड़ रुपये रहा। जबकि पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन का आंकड़ा 7,97,080 करोड़ रुपये रहा। दोनों कलेक्शन को डिटेल में जानने से पहले, यह समझना जरूरी है कि पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन में बढ़ोत्तरी क्या संकेत हैं?

बढ़ रही भागीदारी

पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन का कॉरपोरेट इनकम टैक्स से ज्यादा होना अर्थव्यवस्था के लिहाज से तो अच्छा है ही, साथ ही यह देश की इकोनॉमी मे पर्सनल इनकम टैक्‍स की भागीदारी बढ़ाने के सरकारी प्रयासों को भी दर्शाता है। सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के अनुपात में व्यक्तिगत आयकर 2014-15 में 2.11% था, जो 2021-22 में बढ़कर 2.94 प्रतिशत पर पहुंच गया। अब जो आंकड़े सामने आए हैं, वह इसमें अतिरिक्त इजाफे की तस्वीर पेश कर रहे हैं।

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प्रयासों का परिणाम

निर्मला सीतारमण के नेतृत्व वाला वित्त मंत्रालय देश में टैक्‍सपेयर्स का आधार बढ़ाने पर लगातार जोर देता आया है। सरकार ने अपील और एक्शन, दोनों तरह से इनकम टैक्स को लेकर लोगों को ज्यादा गंभीर बनाया है। पर्सनल इनकम टैक्स (PIT) के मौजूदा आंकड़े सरकारी प्रयासों का परिणाम हैं। इसके साथ ही यह लोगों की सुधरती आर्थिक सेहत को भी दर्शाते हैं। लोग अब पहले से ज्यादा कमा रहे हैं, इसलिए टैक्स कलेक्शन में उनकी भागीदारी भी बढ़ी है।

ऐसा रहा है रिकॉर्ड

वित्त वर्ष 2000 के बाद से ये चौथा मौका है जब पर्सनल इनकम टैक्स का कलेक्शन कंपनियों से वसूले जाने वाले कॉरपोरेट टैक्स से अधिक रहा है। वित्त वर्ष 2020-21, 2022-23, 2023-24 और अब 2024-25 में लगातार PIT का आंकड़ा CIT से ज्यादा है। 1 अप्रैल से 17 दिसंबर तक ग्रॉस कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन 9,24,693 करोड़ रुपये रहा। इसमें से 1,82,086 करोड़ के रिफंड के बाद नेट कलेक्शन 7,42,607 करोड़ रुपये रहा।

रिफंड के बाद मिला इतना

इस दौरान, पर्सनल इनकम टैक्स का ग्रॉस कलेक्शन 9,53,871 करोड़ रुपये रहा, इसमें 1,56,972 करोड़ के रिफंड के बाद नेट कलेक्शन 7,97,080 करोड़ रुपये रहा है। कॉरपोरेट टैक्स, वह टैक्स होते हैं जो सरकार कंपनियों की इनकम पर वसूलती है। जबकि पर्सनल इनकम टैक्स में आम जनता से उनकी इनकम के अनुसार टैक्स लिया जाता है। ऐसे में पर्सनल इनकम टैक्स (PIT) का ज्यादा होना लोगों के आर्थिक रूप से बेहतर होने का संकेत भी है।

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