Metro में नहीं होगी धक्का-मुक्की, सभी को मिल सकेगी सीट! जानिए कैसे?
Delhi Metro: आज के समय में ट्रैफिक से बचने के लिए सबसे सुविधाजनक या कहें कि जल्दी किसी जगह पर पहुंचने के लिए भी मेट्रो एक पहली पसंद मानी जाती है। ये ही कारण है कि लोग मेट्रो से सफर करना ज्यादा पसंद करते हैं, लेकिन यात्रियों के लिए समस्या तब बढ़ जाती है जब उन्हें भारी भीड़ के साथ सफर करना पड़ता है। सीट मिलनी तो दूर की बात है, कई बार यात्रियों के लिए पैर रखने तक की जगह नहीं होती है। इस मामले में दिल्ली का कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन और राजीव चौक मेट्रो स्टेशन काफी चर्चाओं में रहता है। रेड लाइन और येलो लाइन दोनों ही काफी भीड़भाड़ वाले स्टेशन हैं।
आगामी दिनों में उम्मीद है कि रेड लाइन और येलो लाइन में यात्रा करने वालों के लिए सफर सुविधाजनक हो सकेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि दिल्ली मेट्रो की ओर से लोगों के सफर को आरामदायक बनाने के लिए एक नई सुविधा की शुरुआत की गई है। इसके तहत यात्रियों को सीट मिलने की पूरी उम्मीद है। जबकि, कुछ मेट्रो स्टेशन्स पर कंफर्न सीट मिलने के लिए सर्विस शुरू हो गई है, आइए जानते हैं किस मेट्रो में सफर करने के दौरान सीट मिलना कंफर्म है।
मेट्रो में सीट कैसे प्राप्त करें?
अगर आप भी मेट्रो में सीट पर बैठकर सफर करना चाहते हैं तो इसके लिए आप मेट्रो स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर लगे बोर्ड पर नजर डाल सकते हैं। दरअसल, स्टेशन्स पर लगे यात्री सूचना प्रदर्शन प्रणाली (Passenger Information Display System) को देखकर आप ये पता कर सकते हैं कि कौन सा कोच कितना प्रतिशत रिजर्व है।
क्या है PIDS Board?
स्टेशन पर मेट्रो के आने वाले समय को दिखाने वाले बोर्ड को PIDS बोर्ड कहा जाता है। इसके जरिए अब यात्रियों को ये भी पता चल सकेगा कि किस कोच में कितने प्रतिशत लोग हैं। उदाहरण के लिए एक मेट्रो 6 कोच के साथ है तो बोर्ड पर आपको C1, C2, C3, C4 और C5 और C6 के साथ लोगों की भीड़ के अनुसार जानकारी मिल सकेगी। जैसे- C1 में 4% लोग हैं। इसी तरह सभी कोच के साथ आप ये जान सकेंगे कि किसमें कितने प्रतिशत लोग हैं। ऐसे में आपके लिए ये भी तय करना आसान हो सकेगा कि किस कोच में जाना ज्यादा सही है और कहां कम लोगों के होने के साथ ही सीट मिलने की उम्मीद है।
किस मेट्रो स्टेशन पर Seat Availability चेक करने की सुविधा?
फिलहाल, दिल्ली मेट्रो की मैजेंटा लाइन (Delhi Metro Magenta Line) में इस सुविधा को शुरू किया गया है। प्लेटफॉर्म पर लगे PIDS बोर्ड को देखकर आप पता लगा सकते हैं कि कितने प्रतिशत लोगों के साथ मेट्रो में लोग हैं। इस तरह से आपके लिए सीट मिलना आसान हो सकेगा और आप भीड़भाड़ के साथ यात्रा करने से भी बचेंगे।
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