NRI ने भारत में भेजे 1.22 लाख करोड़ रुपये, लेकिन भारतीयों ने विदेश में खर्च कर दी इससे कहीं ज्यादा रकम
Indian Spending More Money in Overseas : विदेश में बसे भारतीय जहां अब ज्यादा रकम भारत भेजने लगे हैं तो वहीं भारतीय विदेश में जमकर खर्च कर रहे हैं। इस साल की बात करें तो यह अंतर तीन गुने से ज्यादा हो गया है। NRI द्वारा भारतीय बैंकों में इस साल जमा कराई गई रकम पिछले 8 साल के मुकाबले सबसे ज्यादा रही। यह आंकड़े रिजर्व बैंक ने हाल ही में जारी किए हैं।
8 साल बाद सबसे ज्यादा रकम जमा कराई
पिछले 8 साल में NRI ने भारतीय बैंकों में सबसे ज्यादा रकम जमा कराई है। रिजर्व बैंक के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में NRI ने भारतीय बैंकों में 14.7 अरब डॉलर (करीब 1.22 लाख करोड़ रुपये) भारतीय बैंकों में जमा कराए हैं। यह रकम पिछले साल के मुकाबले 63.5 फीसदी ज्यादा है। पिछले साल NRI ने भारतीय बैंकों में 8.98 अरब डॉलर (करीब 75 हजार करोड़ रुपये) जमा कराए थे। NRI की ओर से इस साल जमा कराई गई रकम पिछले 8 साल में जमा कराई गई रकम के मुकाबले सबसे ज्यादा है। 8 साल पहले यानी 2015-16 में NRI ने सबसे ज्यादा 15.97 अरब डॉलर (करीब 1.33 लाख करोड़ रुपये) भारतीय बैंकों में जमा कराए थे।
विदेश में भारतीय जमकर कर रहे खर्च
भारतीय विदेश में जमकर खर्च कर रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस साल भारतीयों में विदेश में 31.7 बिलियन डॉलर (करीब 2.64 लाख करोड़ रुपये) खर्च किए। यह पिछले साल के मुकाबले 17 फीसदी ज्यादा है। पिछले साल भारतीयों ने विदेश में 27.1 बिलियन डॉलर (2.25 लाख करोड़ रुपये) खर्च किए थे। भारतीयों ने यह खर्च लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत किया है। टैक्स कलेक्शन ऑन सोर्स (TCS) लागू होने के बावजूद इस खर्च में यह इजाफा हुआ है। TCS को अक्टूबर 2023 में लागू किया गया था। हालांकि डेटा के अनुसार TCS लागू होने के बाद मासिक औसत खर्चे में कमी आई है।
घूमने में किया सबसे ज्यादा खर्च
रेमिटेंस के सालाना डेटा के मुताबिक भारतीयों ने विदेश में घूमने से सबसे ज्यादा रकम खर्च की है। इस डेटा से पता चलता है कि भारतीयों ने वित्त वर्ष 24 में विदेश घूमने पर 17 अरब डॉलर (करीब 1.41 लाख करोड़ रुपये) खर्च किए। वहीं घूमने में पिछले साल 13.6 अरब डॉलर (करीब 1.11 लाख करोड़ रुपये) खर्च किए थे।
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एजुकेशन खर्च में आ रही कमी
विदेश में पढ़ाई के लिए भेजे जाने वाली रकम में लगातार कमी आ रही है। साल 2021 में यह हिस्सा 30 फीसदी था। साल 2022 में यह कम होकर 26 फीसदी रह गया। वहीं 2023 में यह खर्च मात्र 12 फीसदी रह गया। साल 2024 में खर्च 2023 के लगभग बराबर रहा। फीस पर कम खर्च के कारण विदेश में पढ़ाई अब विदेशी मुद्रा खर्च में दूसरी सबसे बड़ी श्रेणी नहीं रह गई है। भारतीयों ने फीस की तुलना में विदेश में रिश्तेदारों के रख-रखाव पर ज्यादा खर्च किया। इसके बाद गिफ्ट देने में सबसे ज्यादा खर्च किया।