Priya Gold कंपनी कैसे बनी 3 हजार की कंपनी, नाम के पीछे भी है रोचक कहानी
Priya gold company history: 80 और 90 के दशक में एक समय ऐसा आया, जब बिस्किट के बारे में सोचते ही लोगों के जहन में PARLE G का ही नाम आता है। मगर एक ब्रांड है, जिसने PARLE G को टक्कर दिया वो है PRIYA GOLD। प्रिया गोल्ड को ब्रांड बनाने का पूरा श्रेय वल्लभ प्रसाद अग्रवाल को जाता है। वल्लभ प्रसाद अग्रवाल ही प्रिया गोल्ड बिस्किट के मालिक और फाउंडर थे। उन्होंने ही 25 लाख का लोन लेकर इस कंपनी की शुरुआत की।
1994 में हुई थी प्रिया गोल्ड कुकीज की शुरुआत
'प्रिया गोल्ड' एक ब्रांड का नाम है और इस ब्रांड की कंपनी सूर्या फूड एंड एग्रो लिमिटेड है। इस कंपनी की शुरुआत 1994 में कुकीज बनाने के लिए हुई थी। आज, यह समूह केक, कन्फेक्शनरी, जूसेस जैसी कई चीजें बनाती है।
नाम के पीछे भी है कहानी
'प्रिया गोल्ड' के नाम को लेकर ज्यादातर लोगों को लगता है कि ये किसी बच्चे के नाम के ऊपर रखा गया है। मगर, हकीकत में इसके नाम के पीछे एक कहानी और सोच छुपी है। 'प्रिया' का मतलब है हर किसी का पसंदीदा और 'गोल्ड' का मतलब है शुद्ध और गुणवत्ता में सच्चा। कंपनी के मालिक अपने उत्पादों के लिए कोई ऐसा नाम चाहते थे, जो उनके प्रोडक्ट के विशेषता बतात हो। यही वजह है कि उन्होंने प्रिया गोल्ड नाम को चुना।
प्रिया गोल्ड ब्रांड की कैसे हुई शुरुआत
प्रिया गोल्ड ब्रांड की शुरुआत के पीछे वल्लभ प्रसाद अग्रवाल और उनके तीन बेटों का दिमाग था। वल्लभ प्रसाद अग्रवाल सालों से एक बिस्किट ब्रांड बनाना चाहते थे। साल 1991 में वह कोलकाता से नोएडा शिफ्ट हो गए, जिसके बाद उन्होंने बैंक से 25 लाख रुपये का लोन लेकर प्रिया गोल्ड की शुरुआत की।
साल 1995 में जब कंपनी ने अपना बटर बाइट बिस्किट लॉन्च किया तो अपनी उच्च गुणवत्ता की वजह से ये मार्केट की पहली पसंद बन गया। इसके बाद वल्लभ प्रसाद अग्रवाल और उनकी कंपनी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। फैक्टरियों का विस्तार ग्रेटर नोएडा, सूरत और लखनऊ तक किया गया और इस तरह प्रिया गोल्ड एक नेशनल ब्रांड बन गया। वर्ष 2006 में कंपनी ने जूसेस की नई कैटेगरी शुरू की। आज प्रिया गोल्ड 3000 करोड़ की कंपनी है और कम से कम में 20 देशों में अपने प्रोडक्ट्स को बेचती है।