N Chandrasekaran: कोई नहीं है टक्कर में, दुनिया में सबसे तेजी से दौड़ेगी भारत की अर्थव्यवस्था
Tata Group Chairman N Chandrasekaran: टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन को विश्वास है कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेज गति से दौड़ेगी। उन्होंने कहा कि भले ही भारत की अर्थव्यवस्था में अभी कुछ नरमी नजर आ रही है, लेकिन इसके बावजूद भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
भारत की ताकत के अनुरूप
एन चंद्रशेखरन ने कहा कि दुनिया में इस समय वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला, नवीकरणीय ऊर्जा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसे 3 प्रमुख बदलाव हो रहे हैं, जो भारत की ताकत के अनुरूप हैं। उन्होंने कहा कि भारत के विकास में मंदी अस्थायी है और इसके समाप्त होते ही देश अपनी पूरी ताकत से भागेगा। टाटा समूह के चेयरमैन ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत मजबूत है। इस साल वृद्धि में नरमी के बावजूद हम किसी भी अन्य देश की तुलना में बेहतर विकास करना जारी रखेंगे और सबसे तेजी से विकास करेंगे।
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AI का साल रहेगा 2025
चेन्नई में NIT त्रिची के एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि 2025 AI के लिए एक अभूतपूर्व वर्ष होने जा रहा है। इस दौरान छोटे भाषा मॉडल (SLMs) में भारी निवेश होने की उम्मीद है, जबकि और बड़े भाषा मॉडल (LLMs) भी अपनी भूमिका निभाएंगे। चंद्रशेखरन ने आगे कहा कि SLMs की भूमिका अधिक गहरी होगी क्योंकि वे कम ऊर्जा की खपत करेंगे, उनकी कम लागत होगी और तेजी से परिणाम देंगे।
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चीन की कमजोरी अवसर
चंद्रशेखरन ने कहा कि चीनी अर्थव्यवस्था में गिरावट भी वैश्विक स्तर पर भारत की भूमिका को मजबूत करेगी। चीन वैश्विक विकास में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान देता था, जो अब गिरकर 25 प्रतिशत से नीचे आ गया है। अनुमान है कि अगले कुछ सालों में यह आंकड़ा 20% से भी नीचे आ जाएगा। उन्होंने कहा कि चीन इस समय कई चुनौतियों से जूझ रहा है। ऐसे में भारत के पास एक शानदार अवसर है।
बेहतरीन डिजिटल सिस्टम
टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा कि हमारी कुछ अपनी समस्याएं भी हैं। हम हर बार अच्छी तरह से क्रियान्वयन नहीं कर पाते हैं। लेकिन हमारे पास कुछ बेहतरीन डिजिटल सिस्टम हैं, चाहे वह हमारी भुगतान प्रणाली हो, आधार, स्वास्थ्य सेवा या रिटेल बैंकिंग सिस्टम। हमारे पास पर्याप्त प्रतिभा भी है। ध्यान देने वाली बात यह है कि दुनिया जिन बड़े बदलावों से गुजर रही है, वे भारत की ताकत बढ़ाने वाले हैं।
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इंडिया प्लस मॉडल
उन्होंने कहा कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में ‘इंडिया प्लस मॉडल’ के लिए बहुत गुंजाइश है। स्केल, बैलेंस, उद्यमशीलता की भावना, जनसांख्यिकी, सरकारी सहायता, हमारे पास सब कुछ है। हम वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत अक्षय ऊर्जा में बड़ी छलांग लगा रहा है। भारत में, हमारी अक्षय-आधारित बिजली 45% तक पहुंच गई है, जो पिछले दशक में लगभग 30 प्रतिशत थी।