'भारत के परिवारों में बच्चों को चरित्रवान बनाया जाता है', कार्यक्रम में बोले CM विष्णुदेव साय
Chhattisgarh CM Vishnudev Sai: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बीते दिन राजधानी रायपुर के दीनदयाल उपाध्याय आडिटोरियम में RSS द्वारा आयोजित 'दशम राष्ट्रीय व्याख्यान' में शामिल हुए, जो संघ के पंचम सरसंघचालक स्वर्गीय सुदर्शन की स्मृति में आयोजित की गई थी। इस कार्यक्रम का विषय 'भारतीय परिवार व्यवस्था की शक्ति' आधारित था। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि परिवार व्यवस्था भारत की शक्ति है, परिवार भारत देश की धुरी है। परिवार एक होगा, तो देश एक होगा। इसके साथ ही सीएम साय ने बताया कि 30 साल पहले सुदर्शन पर्यावरण बचाने, पानी बचाने, जैविक खेती और पेड़ लगाने की बाते कहा करते थे।
राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पांचवें सरसंघचालक स्व. श्री केएस सुदर्शन जी की स्मृति में आयोजित व्याख्यानमाला में सम्मिलित हुआ।
इस दौरान संघ के सरकार्यवाह श्री रामदत्त चक्रधर जी के "भारतीय परिवार की व्यवस्था शक्ति" जैसे विषय पर… pic.twitter.com/NsDzfSXUjT
— Vishnu Deo Sai (@vishnudsai) June 23, 2024
सुदर्शन के जीवन मंत्र
सीएम विष्णुदेव साय ने आगे कहा कि सामाजिक समरसता का अभियान सुदर्शन का जीवन मंत्र था। वह समरसतापूर्ण समाज का सपना देखते थे। सुदर्शन जी के साथ जुड़ी अनेक यादे मुझे आज भी याद आ रहे हैं। उनके साथ की हर एक मुलाकात कुछ नया करने की प्रेरणा देती थी। किसी जनप्रतिनिधि से मिलते थे तो शासन द्वारा जनता के हित से जुड़े काम करने की सलाह देते थे। वो बड़े सहज और सरल व्यक्ति थे, उनसे मिलने में किसी को हिचक नहीं होती थी। एक बार कोई उनसे मिल ले तो उनसे बड़ा प्रभावित हो जाता था। उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। इसलिए नई टेक्नोलॉजी, साइंस के सब्जेट पर भी उनकी कई स्टडी थी। कोई ऐसा सब्जेट नहीं था जिस पर उनकी डीप स्टडी ने हो।
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भारतीय परिवार व्यवस्था की शक्ति
इसके साथ ही सीएम साय ने 'भारतीय परिवार व्यवस्था की शक्ति' के विषय पर बात करते हुए कहा कि भारत में उत्कृष्ट जीवन मूल्य विकसित हुए, वो सिर्फ परिवार में देखने को मिलते हैं। पश्चिमी देशों में पिताहीन बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वहीं भारत के परिवारों में बच्चों को चरित्रवान बनाया जाता है। ग्रीक के टूरिस्ट मेगास्थानिज ने अपनी किताब में लिखा कि भारत के लोग चरित्रवान हैं। अंग्रेज इसी शक्ति को तोड़कर यहां अपना शासन स्थापित करना चाहते थे।