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'छत्तीसगढ़ को साथ मिलकर विकास के पथ पर ले जाएंगे', राज्योत्सव कार्यक्रम में बोले राज्यपाल रमेन डेका

CG State Festival Second Day: राज्यपाल रमेन डेका ने रायपुर में आयोजित राज्योत्सव के द्वितीय दिवस पर बतौर मुख्य अतिथि सम्मिलित हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने की।
01:16 PM Nov 06, 2024 IST | Deepti Sharma
 छत्तीसगढ़ को साथ मिलकर विकास के पथ पर ले जाएंगे   राज्योत्सव कार्यक्रम में बोले राज्यपाल रमेन डेका
CG State Festival Second Day

CG State Festival Second Day: राज्योत्सव के मौके पर अपनी विरासत को सहेजने और छत्तीसगढ़ को अग्रणी राज्य बनाने का संकल्प लें। नागरिकगणों से यह अपील राज्योत्सव कार्यक्रम के दूसरे दिन मुख्य अतिथि राज्यपाल रमेन डेका ने की। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने की। छत्तीसगढ़ एक युवा राज्य है और युवा अवस्था में ही इस राज्य ने अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा और क्षमता का प्रदर्शन किया है।

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इस मौके पर अपने संबोधन में डेका ने कहा कि आज का दिन हम सभी के लिए गौरव का दिन है। हमारे छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना को 24 साल पूरे हो चुके हैं और यह हम सबके लिए ऐतिहासिक क्षण है। इन सालों में हमने एक मजबूत आधार बनाया है और अपने लक्ष्य की ओर लगातार बढ़ने का संकल्प लिया है।

उन्होंने इस अवसर पर राज्य निर्माण का सपना देखने वाले और इसके लिए संघर्ष करने वाले पुरखों को भी नमन किया। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की प्रशंसा करते हुए कहा कि राज्य शासन द्वारा जनकल्याण के लिए अलग-अलग योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिसके लिए मुख्यमंत्री बधाई के पात्र हैं।

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छत्तीसगढ़ में कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। जनजातियों, महिलाओं और युवाओं के उत्थान एवं कल्याण के लिए भी निरंतर पहल की जा रही है।

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राज्य की सांस्कृतिक रूप से भी एक अलग पहचान- राज्यपाल डेका

राज्यपाल ने कहा कि पिछले 23 सालों में छत्तीसगढ़ के विकास के लिए एक ठोस धरातल निर्मित हुआ है। इस दौर में राज्य की सांस्कृतिक रूप से भी एक अलग पहचान बनी है। वर्तमान में भी सांस्कृतिक समृद्धि के लिए चहुंमुखी प्रयास किए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक संसाधन पर्याप्त हैं, चाहे वन हो, खनिज हो या मानव संसाधन हो, सभी का उचित दोहन किया जाना अभी बाकी है।

संसाधनों के दोहन के साथ ही हमें इस पर भी गहन चिंतन करना होगा कि विकास का पैमाना क्या हो। विकास की प्रक्रिया में प्रकृति के साथ संतुलन बना रहे, यह भी ध्यान रखना होगा। हम सबको संकल्प लेना होगा कि छत्तीसगढ़ को विकास के पथ पर ले जाने के लिए मिलजुल कर प्रयास करेंगे।

राज्य की उन्नति के लिए शांति जरूरी है, विगत कुछ सालों से नक्सल हिंसा से छत्तीसगढ़ का कुछ हिस्सा प्रभावित रहा है। इस हिंसा को खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा लगातार साझा प्रयास किए जा रहे हैं। आशा है कि जल्द ही इस हिंसा से राज्य को मुक्ति मिलेगी और छत्तीसगढ़ तेजी से विकास की दौड़ में आगे बढ़ेगा।

राज्यपाल ने सभी नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि इस राज्य को अग्रणी राज्य बनाने के लिए अधिक से अधिक योगदान दें साथ ही आज एक संकल्प लें कि अपने प्रदेश की, शहर की सार्वजनिक संपत्तियों, सांस्कृतिक धरोहरों की रक्षा करेंगे, उसे संभालेंगे और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे।

छत्तीसगढ़ प्राकृतिक सौंदर्य के मामले में बेहद समृद्ध- मुख्यमंत्री 

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्योत्सव समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि जिन लोगों ने संयुक्त मध्य प्रदेश के समय छत्तीसगढ़ में जन्म लिया और बड़े हुए वे लोग तब और अब के फर्क को बहुत अच्छी तरह जानते हैं। उन्हें याद होगा कि किस तरह छत्तीसगढ़ में बार-बार अकाल पड़ता था।

किसानों को रोजी-रोटी के लिए पलायन करना पड़ता था। सौभाग्य से जब अटल जी प्रधानमंत्री बने तो छत्तीसगढ़ की पीड़ा को समझा और अलग राज्य का निर्माण किया। 24 साल पूरे हो गए हैं और छत्तीसगढ़ विकास की ओर तेजी से बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने कार्यक्रम में लोक कलाकारों को अधिकतम जगह दी है। इसके साथ ही छालीवुड और बालीवुड के कलाकारों को भी जगह दी है। मैं सभी कलाकारों का अभिनंदन करता हूं। हमारी कला हमारे विचारों को अभिव्यक्त करने का जारिए है।

छत्तीसगढ़ की संस्कृति इस मामले में बहुत समृद्ध है हमारे यहां हर विधा के कलाकार हैं। छत्तीसगढ़ में लोक गायन, लोक कला और सभी विधाओं को हमारी सरकार प्रोत्साहित कर रही है। शिल्प ग्राम स्थापित किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपने तीज त्योहारों, देव स्थलों, मड़ई मेलों को भी सहेज रहे हैं। विकास के लिए सबसे बड़ी ताकत संस्कृति से ही मिलती है। संस्कृति हमें बताती है कि विकास की दिशा क्या होनी चाहिए। प्राथमिकता क्या होनी चाहिए, सोच क्या होनी चाहिए, दृष्टिकोण क्या होना चाहिए और लक्ष्य क्या होना चाहिए। हर एक नागरिक का आचार-विचार और व्यवहार संस्कृति ही तय करती है और इसी के अनुरूप नीति निर्धारण के लिए सरकार को प्रेरित करती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के लक्ष्य के अनुरूप विकसित छत्तीसगढ़ के लिए विजन डाक्यूमेंट तैयार किया है उसमें संस्कृति को सबसे ज्यादा ध्यान दिया है। संस्कृति ही समाज में ताकत पैदा करती है।

छत्तीसगढ़ प्राकृतिक सौंदर्य के मामले में बेहद समृद्ध है। पर्यटन की यहां बड़ी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि किस तरह से भगवान श्रीराम से जुड़े तीर्थों का विकास किया जा रहा है। माता शबरी और माता कौशल्या के धाम को संवारा जा रहा है। राजिम, सिरपुर, मधेश्वर, भोरमदेव, बारसूर आदि अनेक ऐतिहासिक स्थल हैं, जिनका विकास किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी शिल्प कला को सहेजा जा रहा है और प्रोत्साहित किया जा रहा है। खादी के कपड़ों पर 25% की छूट देकर इसे प्रोत्साहित किया जा रहा है। इन सबके साथ ही प्रदेश के खानपान की अपनी विशेषता है। संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन सरकार की पहली प्राथमिकता में शामिल है।

यह राज्य हमने बनाया है संवारा है और आगे भी इसे हम ही संवारेंगे। इस मौके पर छत्तीसगढ़ नैसर्गिक पर्यटन पत्रिका और संस्कृति विभाग की पत्रिका ‘बिहनिया‘ का विमोचन किया। इस मौके पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा सहित अन्य गणमान्य नागरिक और अधिकारीगण मौजूद थे।

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