'मैं मारने के बाद शवों की गिनती नहीं करता'...एनकाउंटर में नक्सलियों को धूल चटाने वाले बहादुर अफसर की जुबानी
Chhattisgarh Police Naxal Encounter: छह बार वीरता पदक जीत चुके इंस्पेक्टर लक्ष्मण केवट ने ही कांकेर में नक्सलियों के खिलाफ सबसे घातक ऑपरेशन में प्रमुख भूमिका निभाई थी। इस ऑपरेशन में 29 नक्सलियों को मौत के घाट उतारा गया था। मुठभेड़ में बीएसएफ और डीआरजी के 200 जवान शामिल थे। चुनौती वाले इलाके में जंगल के चप्पे-चप्पे से वाकिफ नक्सलियों के कैंप में उनकी टीम 300 मीटर अंदर तक चली गई थी। माओवादियों के अलर्ट होने के बाद भीषण गोलीबारी हुई थी।
पहले कर चुके 44 नक्सलियों का खात्मा
केवट ने बताया कि अब उन्होंने नक्सलियों को मारने के बाद शव गिनने बंद कर दिए हैं। बड़े नक्सली पकड़ने पर ही उनका ध्यान है। उनका अनुभव ऑपरेशन की सफलता का कारण रहा। केवट को एनकाउंटर मास्टरमाइंड भी कहा जाता है। इससे पहले उनके नाम ही 44 नक्सलियों के खात्मे का रिकॉर्ड है।
केवट ने बताया कि संकट के समय उनके जवानों ने गोपनीयता, मारक क्षमता, बुद्धिमता और धर्य से यह लड़ाई अपने नाम की। कोटरी नदी के दूसरी ओर जो इलाका है, वह नक्सलियों का गढ़ है। वहां जाने की जहमत कोई नहीं उठाता। उनके वहां होने की पुष्ट जानकारी के बाद ही ऑपरेशन प्लान किया गया था। नक्सलियों की कई समितियों के लोग वहां जुटे थे। जिसके बाद 200 जवानों को रवाना किया गया।
300 मीटर शिविर के अंदर गई फोर्स
नक्सलियों से जुड़े एक व्यक्ति को घात लगाने की कोशिश की भनक लग गई थी। उसने बम विस्फोट कर दिया। जिसके बाद कई घंटों तक उनको शांत रहना पड़ा। इसके बाद वे धीरे-धीरे चलते रहे। खतरे से बेखबर नक्सली आराम करते रहे। उन्हें ऐसी कार्रवाई का अंदेशा नहीं था। जवान धीरे-धीरे नक्सलियों के शिविर में 300 मीटर अंदर तक पहुंच गए। वे लोग हर जगह फैल चुके थे।
“I have stopped counting kills,” inspector Laxman Kewat — a six-time gallantry medal winner and planner of the Kanker encounter that proved to be the deadliest ever for Maoists in Bastar #Naxaliteshttps://t.co/A4ePqLOpWJ
— Ketan (@ketan72) April 18, 2024
केवट ने बताया कि तभी नक्सली कुछ संभले और सबसे पहले बीएसएफ जवान को गोली मार दी। फिर दो जवान और घायल हो गए। उन लोगों ने इसके बाद लगातार नक्सलियों को जवाब दिया। केवट ने बताया कि उनका टारगेट एक-एक नक्सली को मारने का था। जब पूछा गया कि उन्होंने कितनों को गोली मारी। उत्तर दिया कि मैं शवों की गिनती नहीं करता। उनका ध्यान कुछ बड़े नक्सलियों पर है।