23 साल पुराने मामले में एक्टिविस्ट मेधा पाटकर को जेल, दिल्ली के LG वीके सक्सेना से जुड़ा है केस
Medha Patkar Jailed : सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को सोमवार को कोर्ट से बड़ा झटका लगा। दिल्ली की एक अदालत ने मेधा पाटकर को 3 महीने जेल की सजा सुनाई। साथ ही 10 लाख रुपये मुआवजा देने का भी आदेश दिया गया। कोर्ट ने 23 साल पुराने आपराधिक मानहानि मामले में यह फैसला सुनाया। यह केस दिल्ली के उपराज्यपाल से जुड़ा है।
जानें एलजी वीके सक्सेना ने क्या लगाया था आरोप?
दिल्ली के उपराज्यपाल ने साल 2001 में नर्मदा बचाओ आंदोलन की कार्यकर्ता मेधा पाटकर के खिलाफ मानहानि की याचिका दाखिल की थी। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि पाटकर द्वारा उनके खिलाफ झूठे आरोप, व्यंग्यपूर्ण अभिव्यक्ति और गलत लांछन लगाया गया। दिल्ली की साकेत कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई और अदालत ने सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को दोषी पाया।
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Delhi's Saket court sentenced Narmada Bachao Andolan activist Medha Patkar to 5 months simple imprisonment, in a defamation case filed by then KVIC Chairman V K Saxena (now Delhi LG).
The court has also directed Medha Patkar to pay a compensation of Rs. 10 lakh to V K Saxena
— ANI (@ANI) July 1, 2024
3 महीने की जेल और 10 लाख जुर्माना
अदालत ने इस मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद यह साबित हो गया कि मेधा पाटकर ने केवल प्रतिष्ठा को क्षति पहुंचाने के लिए झूठे आरोप लगाए थे। साकेत कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता को 5 महीने की जेल और 10 लाख जुर्माने की सजा सुनाई। मेधा पाटकर मुआवजे के तौर पर 10 लाख रुपये वीके सक्सेना को देंगी।
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Delhi's Saket court has suspended the sentence for 30 days to allow Narmada Bachao Andolan activist Medha Patkar to challenge the judgement
— ANI (@ANI) July 1, 2024
30 दिन के लिए सजा निलंबित
इसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने अदालत में जमानत याचिका दाखिल की। इस पर कोर्ट ने 30 दिन के लिए उनकी सजा निलंबित कर दी, ताकि वे इस आदेश के खिलाफ आगे अपील कर सकें।