किसने दिया था दिल्ली में 1100 पेड़ों को काटने का आदेश? सौरभ भारद्वाज ने किया खुलासा
Saurabh Bhardwaj Statement On Trees Cutting Case : आम आदमी पार्टी के नेता और कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा कि कुछ दिनों बाद यह चर्चा होने लगेगी कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का क्या कारण है, इसका जिम्मेदार कौन है? उन्होंने कहा कि दिल्ली और देश में बढ़ते हुए प्रदूषण का एक सबसे बड़ा कारण है प्रकृति के साथ किया जा रहा बर्बरता। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से दिल्ली के सतबड़ी इलाके में रिज एरिया में 1100 पेड़ काटे गए। यह पेड़ काटने का काम सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि देश के अलग-अलग राज्यों में चल रहा है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि ये पेड़ गैर कानूनी तरीके से कटवाए गए हैं। डीडीए द्वारा जिस कंपनी को कॉन्ट्रेक्ट दिया गया था, उस कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किए गए हलफनामे में साफ तौर पर लिखा है कि पेड़ों को काटने का आदेश किसने दिया। कंपनी ने लिखा है कि डीडीए की ओर से यह निर्देश दिए गए थे। उनकी ओर से इंजीनियरिंग इंचार्ज मनोज कुमार यादव कंपनी के साथ संपर्क में रहेंगे और जो कोई भी आदेश मनोज कुमार यादव की ओर से दिए जाएंगे, वह कंपनी को मानने होंगे। कंपनी ने अपने हलफनामे में बताया कि यह आदेश उन्हें डीडीए की ईमेल आईडी से मिला था।
यह भी पढे़ं : BJP की लाख कोशिशों के बावजूद देश के लोग यह मानने को तैयार नहीं कि केजरीवाल ने कोई भ्रष्टाचार किया है: सौरभ भारद्वाज
जानें कंपनी ने हलफनामे में क्या कहा?
कंपनी ने इसी हलफनामे में यह भी लिखा है कि उन्हें इस ईमेल आईडी के जरिए पहला ईमेल 7 फरवरी 2024 को प्राप्त हुआ और दूसरा ईमेल 14 फरवरी 2024 को। सौरभ भारद्वाज ने बताया कि 14 फरवरी के ईमेल में यह बात लिखी गई है कि 3 फरवरी 2024 को किसने पेड़ों को काटकर जल्द से जल्द सड़क को चौड़ा करने के निर्देश जारी किए।
यह भी पढे़ं : शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव ने वन टाइम सेटलमेंट स्कीम को कैबिनेट में लाने से किया इनकार: दिल्ली सरकार
गैर कानूनी तरीके से काटे गए पेड़ : सौरभ भारद्वाज
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि यह ईमेल सिर्फ पेड़ काटने वाली कंपनी को ही नहीं बल्कि डीडीए के चीफ इंजीनियर को भी इंजीनियरिंग इंचार्ज द्वारा भेजी गई है। उन्होंने कहा कि इस हलफनामे में यह भी लिखा हुआ है कि 13 फरवरी को फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के अधिकारी ने आकर पेड़ों को काटने का काम रुकवा दिया, क्योंकि रिज एरिया में पेड़ों को काटने के लिए जो सुप्रीम कोर्ट की अनुमति चाहिए होती है, वह कंपनी के पास नहीं थी। इस बात से साफ जाहिर होता है कि डीडीए को भी मालूम था और फॉरेस्ट विभाग को भी मालूम था कि इन पेड़ों को काटने की अनुमति नहीं है और यह पेड़ गैर कानूनी तरीके से काटे जा रहे हैं।