whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

केजरीवाल ने क्यों किया इस्तीफे का ऐलान, अब कौन बनेगा CM, समझिए AAP की रणनीति

Why Arvind Kejriwal choose to Resign: अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान के बाद दिल्ली की राजनीति गर्मा गई है। केजरीवाल ने महाराष्ट्र के साथ दिल्ली में चुनाव कराने की मांग की है। हालांकि दिल्ली विधानसभा भंग नहीं होगी।
01:57 PM Sep 15, 2024 IST | Nandlal Sharma
केजरीवाल ने क्यों किया इस्तीफे का ऐलान  अब कौन बनेगा cm  समझिए aap की रणनीति
दिल्ली के सीएम केजरीवाल दो दिन बाद पद से इस्तीफा देंगे।

Why Arvind Kejriwal choose to Resign: अरविंद केजरीवाल ने शराब घोटाले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया है। केजरीवाल के इस इस्तीफे के बाद से राजधानी की राजनीति गर्मा गई है। अब सवाल उठने लगे हैं कि आखिर अरविंद केजरीवाल ने अचानक से इस्तीफा देने का फैसला क्यों किया है। साथ ही केजरीवाल ने दिल्ली में महाराष्ट्र के साथ चुनाव कराने की मांग की है।

Advertisement

केजरीवाल के ऐलान को देखें तो कुछ बातें साफ हैं : -

पहला कि दिल्ली विधानसभा भंग नहीं होगी। आम आदमी पार्टी के विधायक नया नेता चुनेंगे। और पार्टी का कोई दूसरा नेता मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेगा। दूसरा कि अरविंद केजरीवाल के अलावा मनीष सिसोदिया भी मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। सिसोदिया के साथ अरविंद केजरीवाल जनता के बीच जाएंगे और चुनाव में अपने लिए समर्थन मांगेंगे। केजरीवाल ने कहा है कि वह जनता का फैसला आने के बाद ही दिल्ली की कुर्सी पर बैठेंगे।

ये भी पढ़ेंः 2 दिन बाद CM पद से इस्तीफा दूंगा; दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का बड़ा ऐलान

Advertisement

केजरीवाल ने 21 मार्च 2024 के बाद से एक लंबा वक्त जेल में बिताया है। सितंबर का महीना चल रहा है। और मार्च 2024 में तिहाड़ जेल जाने के बाद केजरीवाल को लोकसभा चुनावों में प्रचार के लिए थोड़े समय खातिर जमानत मिली थी, लेकिन उसके बाद से ही केजरीवाल जेल में थे। 13 सितंबर को केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के केस में जमानत दी है।

Advertisement

क्या है केजरीवाल की रणनीति

15 सितंबर को पार्टी मुख्यमंत्री पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी के आगे नहीं झुकेंगे। न बिकेंगे और न रुकेंगे। केजरीवाल ने कहा कि कोर्ट हमें जमानत ही दे सकती थी, और उसने हमारे पक्ष में फैसला दिया है। हम ईमानदार हैं और हमारी ईमानदारी से ये लोग डरते हैं। जनता के आशीर्वाद से भाजपा के सारे षडयंत्र का मुकाबला करने की ताकत रखते हैं।

केजरीवाल को पता है कि आगामी दिल्ली चुनाव अब ज्यादा दूर नहीं है। विधानसभा चुनाव जनवरी-फरवरी में होने हैं। हालांकि आम आदमी पार्टी के नेता अब भी जेल में हैं, जैसे कि सत्येंद्र जैन और अमानतुल्लाह खान... केजरीवाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन सभी नेताओं का जिक्र किया, जो जेल गए थे या जेल में हैं। केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के साथ संजय सिंह भी जेल में रहे। ऐसे में आम आदमी पार्टी की टॉप लीडरशिप को पता है कि समय कम है और आगामी चुनाव में दिल्ली की सत्ता बचानी है तो अभी जनता के बीच जाना होगा। केजरीवाल ने भले ही सिसोदिया के साथ जनता के बीच जाने की बात कही है, लेकिन ऐसा लगता है कि दिल्ली में चुनावी माहौल जल्दी शुरू हो जाएगा।

ये भी पढ़ेंः Arvind Kejriwal का इस्तीफा एक पीआर स्टंट… दिल्ली सीएम के ऐलान पर बीजेपी का पलटवार

केजरीवाल ने अपने संबोधन में कहा कि जब तक जनता अपना फैसला नहीं देती है, वह सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। उपस्थित जनसमूह से उन्होंने पूछा कि वे केजरीवाल को ईमानदार मानते हैं कि गुनहगार... इसी से स्पष्ट है कि केजरीवाल जनता के बीच अपने लिए समर्थन मांगने जाएंगे और आगामी चुनाव में पार्टी के लिए वोट मांगेंगे।

केजरीवाल के जनता के बीच जाने का मतलब है कि पूरी पार्टी फिर जनता के बीच जाएगी। हालांकि केजरीवाल के सामने अभी हरियाणा का चुनाव है। जहां आम आदमी पार्टी पूरी ताकत से चुनाव लड़ रही है। ऐसे में केजरीवाल को हरियाणा में भी कैंपेनिंग करनी होगी।

लेकिन केजरीवाल ने मांग की है कि महाराष्ट्र के साथ नवंबर में दिल्ली विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे, लेकिन केजरीवाल विधानसभा भंग नहीं करने वाले हैं... ऐसे में कम उम्मीद है कि दिल्ली में नवंबर में चुनाव हो पाएंगे। देखना होगा कि केंद्र सरकार और चुनाव आयोग का रुख क्या रहता है। साथ ही केजरीवाल आगे क्या फैसला लेते हैं।

केजरीवाल के बाद कौन बनेगा CM

सबसे बड़ा सवाल ये है कि केजरीवाल के इस्तीफा देने की स्थिति में दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन बनेगा। केजरीवाल और मनीष सिसोदिया रेस में नहीं हैं। सत्येंद्र जैन जेल में हैं। ऐसे में पार्टी के जो मुख्य चेहरे हैं, जिन्होंने संकट की स्थिति में पार्टी को संभाला है। उनमें मुख्य नाम अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल, प्रशासनिक जिम्मेदारी को निभाने वाली आतिशी मार्लेना, पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह और विधायक गोपाल राय, सौरभ भारद्वाज शामिल हैं। हालांकि दिल्ली में चुनाव 5 महीने ही दूर हैं। और दिल्ली में विधान परिषद भी नहीं हैं। ऐसे में संजय सिंह और सुनीता केजरीवाल के चांसेस कम हैं।

केजरीवाल ने अपने संबोधन में कहा कि 15 अगस्त को मैंने उपराज्यपाल को चिट्ठी लिखी थी और कहा था कि मेरी अनुपस्थिति में पार्टी की नेता आतिशी मार्लेना को ध्वजारोहण करने दिया जाए। लेकिन उस चिट्ठी को उपराज्यपाल तक पहुंचने ही नहीं दिया गया। ये बताता है कि केजरीवाल ने पार्टी के बड़े नेताओं के जेल में होने पर आतिशी पर भरोसा जताया था। अब देखना ये है कि अरविंद केजरीवाल और पार्टी के विधायक किसे सीएम की कुर्सी पर बिठाते हैं।

Open in App
Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो