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IC 814: The Kandahar Hijack में आतंकियों के नाम नहीं 'कोडनेम', क्या थे हाईजैकर्स के असली नाम?

IC 814: The Kandahar Hijack: भारतीय विमान 'आईसी 814' के हाईजैकर्स कौन थे, जिनके नाम पर अब बवाल हो रहा है। साथ ही उन लोगों का असली नाम क्या था, जिनके पास भारत के उन मासूमों की जाने थी, जिनके लिए भारत झुक गया था।
02:38 PM Sep 03, 2024 IST | Nancy Tomar
IC 814: The Kandahar Hijack
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IC 814: The Kandahar Hijack: भारतीय विमान 'आईसी 814' के हाईजैक पर बनी ये सीरीज रिलीज होते ही विवादों में घिरी हुई है। सीरीज पर आरोप लगे हैं और इसको ऑफ एयर करने की मांग उठ रही है, जिसके लिए मिनिस्ट्री ऑफ इनफार्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग ने नेटफ्लिक्स कंटेंट हेड को तलब किया था। हालांकि इस मामले में अब कई तरह की चीजें सामने आ रही है और सबसे बड़ी बात ये है कि आखिर उन आतंकियों के असली नाम क्या थे, जिनके नाम सीरीज में बदले गए। यहां आपको बता देते हैं कि सीरीज में किसी का नाम नहीं बदला गया था बल्कि आतंकियों ने कोडनेम में बात की थी, जिसकी पुष्टि खुद गृह मंत्रालय ने की थी।

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सीरीज में क्या कोडनेम दिखाए गए?

दरअसल, हालिया रिलीज सीरीज 'आईसी 814: द कंधार हाईजैक' में जो आतंकी नजर आ रहे हैं, उन्होंने एक-दूसरे को भोला, शंकर, बर्गर, डॉक्टर और चीफ कहकर पुकारा, जो उनके नाम नहीं बल्कि कोडनेम थे। इस वक्त बर्गर के नरम और दिलेर स्वभाव पर सवाल खड़े हैं। डॉक्टर और चीफ का भी नरम रवैया लोगों को खटक रहा है और जो सबसे ज्यादा चर्चा में है वो भोला और शंकर हैं, जिसकी सच्चाई सामने आ गई है।

क्या थे आतंकियों के असली नाम?

साल 1999 में जब 'आईसी 814' हाईजैक हुआ था, तो उस वक्त जिन लोगों ने प्लेन को निशाना बनाया था, उनको लेकर साल 2000 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी किया था। इस बयान में मंत्रालय की ओर से कंधार हाइजैकर्स के असली नाम बताए गए थे, जिसमें इब्राहिम अतहर (बहावलपुर), शाहिद अख्तर सईद (कराची), शनि अहमद काजी (कराची), मिस्त्री जहूर इब्राहिम (कराची) और शाकिर, सुक्कुर सिटी (कराची) नाम थे। हालांकि, गृह मंत्रालय ने अपने बयान में ये भी कहा था कि इन लोगों ने यात्रियों के सामने कोडनेम में बात की थी। एक-दूसरे को भोला, शंकर, बर्गर, डॉक्टर और चीफ कहकर पुकारा था।

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किसके लिए हुआ 'आईसी 814' का अपहरण?

जिन लोगों ने भारत के इस विमान को हाईजैक किया था, उन्होंने पहले तो कोई मांग नहीं रखी, लेकिन बाद में जो डिमांड सामने आई, उसने भारत को अंदर तक हिलाया। हाईजैकर्स ने कहा कि मुश्ताक अहमद जरगर, अहमद उमर सईद शेख और मौलाना मसूद अजहर की रिहाई पर ही विमान को बक्शा जाएगा। उस वक्त तत्कालीन भारत सरकार के पास कोई रास्ता नहीं था और अपने देश के मासूमों की जान बचाने के लिए सरकार ने इन तीनों को रिहा किया, जिसके लिए सरकार की खूब आलोचना भी हुई थी।

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