Explainer: भारत ने की समुद्री सुरक्षा के लिए 1070 करोड़ की डील; क्या है इसमें खास?
Defence Ministry Signs 1070 Crore Deal For Coast Guard Fast Patrol Vessels : रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को भारतीय कोस्ट गार्ड की क्षमताएं बढ़ाने के लिए मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड के साथ 1070 करोड़ रुपये का समझौता किया है। इसके तहत भारतीय कोस्ट गार्ड को 14 फास्ट पैट्रोल जहाज (एफपीवी) मिलेंगे।
The Ministry of Defence has signed Contract with Mazagon Dock Shipbuilders Ltd (MDL), Mumbai on 24 January, 2024, for acquisition of 14 Fast Patrol Vessels (FPVs) for the Indian Coast Guard (ICG). The value of the contract is Rs 1070.47 cr.
These multi role FPVs will be…
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) January 24, 2024
ड्रोन समेत कई हाईटेक फीचर्स से होंगे लैस
इस संबंध में रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि कई हाईटेक एडवांस्ड फीचर्स और उपकरणों के अलावा ये एफपीवी मल्टीपर्पज ड्रोन्स, वायरलेस कंट्रोल रिमोट वाटर रेस्क्यू क्राफ्ट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से भी लैस होंगे। इन जहाजों के साथ नए जमाने की चुनौतियों से कोस्ट गार्ड कहीं बेहतर तरीके से निपटने में सक्षम होगा।
पांच साल में मिलेंगे पूरी तरह स्वदेशी जहाज
इन जहाजों के डिजाइन से लेकर निर्माण तक सभी काम देश में किए जाएंगे। जानकारी के अनुसार कोस्ट गार्ड को ये जहाज पांच साल के अंदर मिल जाएंगे। ये जहाज मछुआरों की सुरक्षा, निगरानी, नियंत्रण और सर्विलांस में कोस्ट गार्ड की क्षमताएं बढ़ाएंगे। इनसे एंटी पाइरेसी ऑपरेशन और संकट में फंसे जहाजों की मदद करने में भी काफी आसानी होगी।
आत्मनिर्भर भारत पहल मजबूत करेगी डील
मंत्रालय का कहना है कि 'आत्मनिर्भर भारत' पहल के अनुरूप यह समझौता स्वेदश में शिप बिल्डिंग क्षमताओं को बढ़ाएगा। इससे रोजगार के मौके भी पैदा होंगे। मंत्रालय के अनुसार डिफेंस के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल है। देश में ही रक्षा उपकरणों के निर्माण पर नरेंद्र मोदी सरकार का खासा जोर देखने को मिला है।
रक्षा निर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए रक्षा मंत्रालय ने बड़ा फैसला लेते हुए अप्रैल 2023 में 98 हथियारों और प्रणालियों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था। बता दें कि प्रतिबंधित वस्तुओं में युद्धक वाहन, रडार, सेंसर, फाइटर जेट के लिए उपकरण, समुद्री सर्विलांस प्लेन, युद्धक जहाज, हेलीकॉप्टर और टैंक जैसे हथियार शामिल थे।
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