Explainer: क्या है इसरो का नया मिशन INSAT-3DS? लॉन्च के लिए तैयार है Weather Satellite
What Is ISRO's New Weather Satellite In Hindi : भारतीय अंतरिक्ष शोध संगठन (ISRO) ने शनिवार को ऐलान किया कि इसकी मौसम सैटेलाइट INSAT-3DS को श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर भेज दिया गया है। इसे GSLV F14 से लॉन्च किया जाएगा। यह एक एक्सक्लूजिव मौसम सैटेलाइट है जिसे इसरो ने तैयार किया है।
GSLV-F14/INSAT-3DS Mission:
INSAT-3DS, ISRO's latest meteorological satellite, developed at the U R Rao Satellite Centre in Bengaluru for the Ministry of Earth Science (MoES), has been flagged off to SDSC-SHAR, Sriharikota, for launch aboard GSLV-F14.https://t.co/47wpxKyxdp pic.twitter.com/nelmNjN8hu
— ISRO (@isro) January 27, 2024
क्या है INSAT-3DS सैटेलाइट
यह मौसम संबंधी एडवांस्ड ऑब्जर्वेशंस करने के लिए खास तौर पर बनाई गई सैटेलाइट है जो मौसम का पूर्वानुमान बताने की क्षमता को बेहतर करेगी। यह सैटेलाइट कटिंग एज पेलोड्स से लैस है जिसमें एक 6 चैनल का इमेजर और 19 चैनल का साउंडर है। इसरो का कहना है कि इससे हाई क्वालिटी का डाटा जुटा पाना सुनिश्चित किया जा सकेगा।
INSAT-3DS के फीचर्स में डाटा रिले ट्रांस्पॉन्डर जैसे कम्युनिकेशन पेलोड्स हैं। यह उपकरण ऑटोमेटिक डाटा कलेक्शन प्लेटफॉर्म्स और ऑटोमेटिक वेदर स्टेशंस से डाटा जुटाता है और मौसम का पूर्वानुमान लगाने की क्षमता को और बेहतर बनाता है। इसे जमीन और समुद्र की सतह की निगरानी करने के लिए अत्याधुनिक उपकरणों से भी लैस किया गया है।
अर्ली वार्निंग सिस्टम होगा बेहतर
इस सैटेलाइट में एक कंपोनेंट है SAS&R ट्रांसपॉन्डर भी लगा हुआ है। यह डिस्ट्रेस सिग्नल भेजने और बीकन ट्रांसमिटर्स से अलर्ट का पता लाने के साथ-साथ ग्लोबल सर्च और रेस्क्यू सेवाओं में भी योगदान देगा। इस सैटेलाइट का डिजास्टर वार्निंग सिस्टम के लिए डाटा उपलब्ध कराने और अर्ली वार्निंग कैपेबिलिटीज को बेहतर करने में भी अहम योगदान रहेगा।
इसरो के प्रमुख एस सोमनाथ ने साल 2024 के लिए महत्वाकांक्षी एजेंडा तैयार किया है। इसके तहत उनका लक्ष्य इस साल कम से कम 12 लॉन्च करने का है। इसरो ने साल 2024 की शुरुआत एक जनवरी को पोलरिमेटरी मिशवन, एक्स-रे पोलैरिमीटर सैटेलाइट (XPoSat) को लॉन्च करने के साथ की थी। अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है।
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