whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

Explainer: कैसी थी देश की पहली गणतंत्र दिवस परेड? 75 साल में आए क्या-क्या बदलाव?

History Of Republic Day Parade in Hindi: 26 जनवरी 1950 को देश में आयोजित हुई पहली गणतंत्र दिवस परेड से लेकर 75वीं परेड में जमीन-आसमान का अंतर आ चुका है।
06:23 PM Jan 26, 2024 IST | Gaurav Pandey

History Of Republic Day Parade in Hindi : भारत देश आज अपने 75वें गणतंत्र दिवस का जश्न मना रहा है। इस मौके पर दिल्ली में होने वाली भव्य परेड के दौरान भारत की सैन्य शक्ति के साथ देश की अद्भुत विविधता का प्रदर्शन भी हुआ। इस साल गणतंत्र दिवस परेड की थीम 'विकसित भारत' और 'भारत-लोकतंत्र की मातृका' रखी गई है।

Advertisement

बीते वर्षों की परेड के मुकाबले इस साल की परेड काफी अलग रही। कई चीजें इस साल पहली बार हुईं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों इस बार गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि रहे। इस रिपोर्ट में जानिए भारत के पहले गणतंत्र दिवस के अवसर पर परेड कैसी रही थी। तब से लेकर अब तक यानी 75 साल के दौरान परेड में कितना अंतर आया है।

Advertisement

साल 1950 में हुई पहली गणतंत्र दिवस परेड

भारत एक स्वतंत्र देश 1947 में बना था। लेकिन, ब्रिटिश साम्राज्य के साथ सभी संबंधों को समाप्त करने में देश को 2 साल का समय लग गया था। यहां तब भी ब्रिटिश काल के गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट 1935 के अनुसार शासन चल रहा था। लेकिन 26 जनवरी 1950 को स्थिति बदल गई थी। इसी दिन भारत अपना संविधान लागू कर एक गणराज्य बन गया था।

Advertisement

उस समय के नेताओं ने तय किया था कि इस क्षण की स्मृति में हर साल एक सैन्य परेड का आयोजन किया जाएगा। यह भी तय किया गया था कि भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद परेड के दौरान शपथ लेंगे। इतिहासकारों के अनुसार 26 जनवरी 1950 की सुबह ठंडी थी और लोग उत्साहित थे। ऐतिहासिक दिन के लिए रिहर्सल कई सप्ताह पहले शुरू हो गई थी।

पहली गणतंत्र परेड में कौन था मुख्य अतिथि

भारत के 34वें और अंतिम गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी ने 26 जनवरी को भारत गणराज्य के जन्म की घोषणा की थी। शपथ ग्रहण करने के बाद देश के पहले राष्ट्रपति ने पहले हिंदी और फिर बाद में अंग्रेजी में संबोधित किया था। बता दें कि पहली गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि के तौर पर इंडोनेशिया के तत्कालीन राष्ट्रपति सुकर्णो शामिल हुए थे।

राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने पुराना किला के सामने स्थित इरविन एम्फीथिएटर से परेड की शुरुआत की थी। इरविन एम्फीथिएटर को अब मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम के नाम से जाना जाता है। प्रख्यात इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने अपनी किताब इंडिया आफ्टर गांधी में लिखा है कि इस परेड में भारतीय सशस्त्र बलों के 3000 से ज्यादा जवान शामिल हुए थे।

इस दौरान राष्ट्रपति को तीन बार में 31 तोपों की सलामी दी गई थी। परेड की समाप्ति के अवसर पर भारतीय वायुसेना के लिबरेटर विमानों ने उड़ान भरी थी। इसके बाद राष्ट्रपति का रथ स्टेडियम में आया था और उन्हें वापस गवर्नमेंट हाउस (अब राष्ट्रपति भवन) ले गया था। 1950 की गणतंत्र दिवस परेड भी ऐतिहासिक और तुलनात्मक रूप से काफी भव्य थी।

इस साल कितनी अलग रही रिपब्लिक परेड

समय के साथ-साथ परेड की भव्यता में भी इजाफा हुआ है। इस साल कुछ आकर्षण ऐसे रहे जिन्होंने परेड को काफी खास बना दिया। इस साल पहली बार तीनों सैन्य बलों की महिला सैनिक परेड का हिस्सा बनीं। 75वें गणतंत्र दिवस समारोह में 13,000 विशेष मेहमानों ने शिरकत की। पहली बार परेड की शुरुआत 100 महिला कलाकारों ने वाद्य यंत्र बजाकर की।

ये भी पढ़ें: क्या है बग्घी से जुड़ा 40 साल पुराना राज, पाकिस्तान से कनेक्शन

ये भी पढ़ें: कर्तव्य पथ पर दिखी नारी शक्ति, जानिए क्या-क्या हुआ पहली बार?

ये भी पढ़ें: किसे मिला वीरता पुरस्कार, शौर्य चक्र, कीर्ति चक्र और सेना पदक

Open in App Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो