Fact Check : बस में महिलाओं के बीच बहस वाला वीडियो सांप्रदायिक नहीं बल्कि छात्राओं के प्रदर्शन का है
Fact Check : एक बस में महिलाओं के बीच तीखी झड़प और बहस का वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में बस में बुर्का पहने कुछ युवतियों को एक अन्य महिला से बहस करते देखा जा सकता है। इस वीडियो को शेयर कर कुछ यूजर दावा कर रहे हैं कि केरल में मुस्लिम महिलाएं किसी अन्य महिला को बिना बुर्के के बस में सवार नहीं होने दे रही हैं। इसको लेकर महिलाओं में बहस हो रही है। हमने वायरल वीडियो की पड़ताल में पाया कि बस स्टॉप को लेकर किए गए युवतियों के हंगामे को गलत ढंग से सांप्रदायिक रंग देकर वायरल किया जा रहा है। वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर शेयर करने पर पुलिस ने भाजपा नेता के खिलाफ केस भी दर्ज किया है। ब्लू टिक वाले एक्स यूजर ‘भगवा क्रांति’ ने 27 अक्टूबर को इस वीडियो को सांप्रदायिक रंग देते हुए पोस्ट किया था।
पड़ताल में क्या सामने आया?
वायरल वीडियो के दावे को चेक करने के लिए हमने कीवर्ड की मदद से इसको गूगल पर सर्च किया। इस पर हमें द न्यूज मिनट की वेबसाइट पर 28 अक्टूबर को इसको लेकर एक खबर छपी दिखी। इसमें लिखा था कि वीडियो केरल के कासरगोड जिले का है। यहां छात्राओं ने उनके कॉलेज के सामने निजी बसों के नहीं रुकने पर विरोध-प्रदर्शन किया था। इस दौरान बस में नीली साड़ी में दिख रही एक महिला ने देरी होने पर छात्राओं से बहस की और छात्राओं से एक-कर कर बोलने के लिए कह रही थी। इस मामले के एक अन्य वीडियो में छात्रों के एक गुट को सड़क पर बस को रोके हुए देखा जा सकता है। उनकी मांग थी कि बसें उनके कॉलेज के सामने भी रुकें।
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यह हंगामा कुंबला-सीथनगोली रूट पर हुआ है। छात्राएं कुंबला के खान्सा महिला कॉलेज में पढ़ती हैं। छात्राओं ने बस स्टॉप को लेकर प्रदर्शन किया था। इसको लेकर उनकी एक महिला से बहस हुई थी। दरअसल, जहां पर बस रुकती है, वह जगह कॉलेज से 100 मीटर आगे है। छात्राएं बस को कॉलेज को सामने रोकने की मांग कर रही थीं। इसमें कोई भी सांप्रदायिक मामला नहीं है।
बीजेपी नेता के खिलाफ केस दर्ज
इस मामले को लेकर बीजेपी नेता के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। 1 नवंबर को इंडियन एक्सप्रेस पर छपी खबर के अनुसार, केरल पुलिस ने भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अनिल के एंटोनी के खिलाफ केस दर्ज किया है। उन पर एक्स प्लेटफॉर्म पर वायरल वीडियो को सांप्रदायिक दावे के साथ पोस्ट करने का आरोप है। कसारगोड साइबर पुलिस ने दो समुदायों के बीच नफरत फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया है। अनिल ने 27 अक्टूबर को एक्स पर बस में हंगामा करती महिलाओं का वीडियो पोस्ट किया था। वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले एक्स यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया तो हमे पता चला कि इससे पहले भी इस हैंडल से फर्जी और झूठे सांप्रदायिक दावों को शेयर किया गया था।
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