चुनाव 2024खेलipl 2024वीडियोधर्म
मनोरंजन | मनोरंजन.मूवी रिव्यूभोजपुरीबॉलीवुडटेलीविजनओटीटी
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियास्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीipl 2023भारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस

Fact Check: 38 हजार देकर महीने में कमाएं 45 हजार रुपये, मोबाइल टॉवर लगाने वाली खबर निकली फर्जी

PIB Fact Check : सोशल मीडिया पर टेलीकॉम रेगुलरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) का एक फर्जी लेटर तेजी से वायरल हो रहा है।
02:10 PM Nov 27, 2023 IST | News24 हिंदी
PIB fact check
Advertisement

PIB Fact Check : सोशल मीडिया और इंटरनेट के इस जमाने में जिस तेजी से लोगों तक खबरें पहुंचती हैं, उसी तेजी से झूठी और भ्रामक सूचनाओं का प्रचार प्रसार भी होता है। कई लोग आसानी से ऐसी झूठी खबरों के शिकार बन जाते हैं, जिससे उनको बाद में भारी भरकम नुकसान झेलना पड़ता है। लोगों को इस तरह की फेक और गलत सूचनाओं से बचना चाहिए। आजकल मोबाइल टॉवर लगाने की एक फर्जी खबर वायरल हो रही है। आइये जानते हैं कि पीईबी फैक्ट चेक में यह खबर सही पाई गई है या गलत।

Advertisement

यह भी पढ़ें : Fact Check: क्या वाकई राजस्थान CM अशोक गहलोत की रैली में मोदी-मोदी के नारे लगे?

सोशल मीडिया पर टेलीकॉम रेगुलरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) का एक फर्जी लेटर तेजी से वायरल हो रहा है। इस लेटर के नीचे गवर्नमेंट अप्रूवल और अथॉरिटी सिग्नेचर की मुहर है। यह पत्र 11 नवंबर 2023 का है. इस पत्र में मोबाइल टॉवर लगाने की अनुमति दी गई है। अगर कोई आपसे मोबाइल टॉवर लगाने के बदले रुपये की डिमांड करता है तो आप सावधान हो जाएं, क्योंकि यह फेक न्यूज है।

News24 अब WhatsApp पर भी, लेटेस्ट खबरों के लिए जुड़िए हमारे साथ

Advertisement

ऐसे फंस जाते हैं लोग

कुछ फर्जी लोग भोले भाले गरीबों को मोबाइल टॉवर लगाने का झांसा देते हैं। पहले ये लोग मोबाइल टॉवर लगाने के बदले पंजीकरण शुल्क के तौर पर 3,800 रुपये की मांग करते हैं और फिर 45,000 रुपये मासिक किराया एवं 40 रुपये लाख भुगतान करने का दावा करते हैं। वे लोग खुद को कंपनी का बताते हैं. आम जनता ऐसी फर्जी लोगों के झांसे में फंस जाते हैं और मोबाइल टॉवर लगाने के लिए हजारों रुपये दे डालते हैं। बाद में ये लोग पैसे लेकर न तो फोन उठाते हैं और न ही दोबारा फिर लौटकर आते हैं।

यह भी पढ़ें : Twin Tower Site: अब मंदिर बनेगा या फिर से खड़े होंगे नए घर, जानें क्यों गहरा रहा है विवाद

जानें पीआईवी का दावा

पीआईबी फैक्ट चेक (Press Information Bureau Fact Check) ने अपनी जांच में मोबाइल टॉवर लगाने को वायरल हो रहे लेटर को फेक पाया है. टेलीकॉम रेगुलरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) की ओर से ऐसा कोई भी पत्र जारी नहीं किया गया है। मोबाइल टॉवर लगाने से संबंधित किसी भी पत्र पर विश्वास न करें।

Advertisement
Tags :
FACT CHECKMobile TowerPIBPIB fact check
वेब स्टोरी
Advertisement
Advertisement