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Mark Zuckerberg की Meta ने फैक्ट-चेकिंग प्रोग्राम को किया बंद, अब एक्स के इस मॉडल पर करेगा काम

मेटा के मालिक मार्क जुकरबर्ग ने बताया कि कंपनी फैक्ट चेक प्रोग्राम को बंद करने जा रही है। इतना ही नहीं अब वे इसकी जगह 'कम्युनिटी नोट्स' प्रोग्राम का इस्तेमाल करेंगे। आइए इसके बारे में जानते हैं।
09:08 PM Jan 07, 2025 IST | Ankita Pandey
mark zuckerberg की meta ने फैक्ट चेकिंग प्रोग्राम को किया बंद  अब एक्स के इस मॉडल पर करेगा काम
mark zuckerberg

Meta Community Notes Program: मार्क जुकरबर्ग की कंपनी Meta ने मंगलवार को बताया कि वह अपने फैक्ट चेक प्रोग्राम को 'कम्युनिटी नोट्स' प्रोग्राम से बदल रहे हैं। बता दें कि  प्रोग्राम ये एलन मस्क के माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म एक्स द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले मॉडल के समान है। थर्ड पार्टी फैक्ट चेक प्रोग्राम को हटाने की  शुरुआत संयुक्त राज्य अमेरिका से होगी। आइए इसके बारे में जानते हैं।

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सोशल मीडिया पर करें पोस्ट

फेसबुक और इंस्टाग्राम की मूल कंपनी मेटा ने कहा कि उसने यह फैसला इसलिए लिया है क्योंकि एक्सपर्ट फैक्ट चेकर की अपनी कुछ कमियां हैं और वे किसी एक पक्ष की तरफ हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस कारण बहुत अधिक कंटेंट फैक्ट चेकिंग के दायरे में आ जाते हैं।

मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि हम फैक्ट चेकर से छुटकारा पाने जा रहे हैं और उनकी जगह एक्स (पूर्व में ट्विटर) जैसा कम्युनिटी नोट्स मॉडल लाएंगे, जिसकी शुरुआत अमेरिका से होगी। उन्होंने कहा कि खासकर अमेरिका में फैक्ट चेकर पक्षपाती रहे हैं और उन्होंने जितना भरोसा बनाया है, उससे कहीं अधिक विश्वास को खत्म कर दिया है।

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एक ब्लॉग पोस्ट में मेटा के चीफ ग्लोबल अफेयर्स ऑफिसर जोएल कपलान ने कहा कि हमने इस अप्रोच को एक्स पर काम करते देखा है, जहां वे अपने कम्युनिटी को यह तय करने का अधिकार देते हैं कि कब पोस्ट भ्रामक हैं और उन्हें कब चेक करने की जरूरत है।

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वीडियो अनाउंसमेंट में दी जानकारी

जुकरबर्ग ने एक वीडियो अनाउंसमेंट में कहा कि हम अपनी रूट्स की ओर वापस जा रहे हैं और गलतियों को कम करने, अपनी नीतियों को सरल बनाने और अपने प्लेटफॉर्म पर फ्री एक्सप्रेशन का ऑप्शन ला रहे हैं। ये बदलाव Facebook, Instagram और Threads  पर दिखाई देंगे।

मेटा के फैक्ट चेकिंग प्रोग्राम को 2016 में लॉन्च किया गया था, जो गलत सूचना की पहचान करने और लेबल करने के लिए पोलिटिफैक्ट और FactCheck.org जैसे थर्ड -पार्टी फैक्ट चैकर पर निर्भर थी। जुकरबर्ग ने इस प्रोग्राम की आलोचना करते हुए कहा कि इसमें एरर होने की संभावना अधिक थी।

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