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चुनाव हारने पर उतारा गुस्सा, बेटियों के लिए फ्री 18 बसें की बंद... पूर्व विधायक का तंज-नए MLA से चलवाओ बस

Haryana Assembly Election Result 2024: हरियाणा के एक पूर्व विधायक ने चुनाव हारने पर बेटियों के लिए फ्री बसें बंद कर दी हैं। पिछला चुनाव जीतने के बाद इस नेता ने बेटियों के लिए फ्री बसें चलवानी शुरू कर दी थीं। जो बेटियों को कॉलेज लाने-ले जाने का काम करती थीं। इन बसों को बंद कर दिया गया है।
03:41 PM Oct 10, 2024 IST | Parmod chaudhary
चुनाव हारने पर उतारा गुस्सा  बेटियों के लिए फ्री 18 बसें की बंद    पूर्व विधायक का तंज नए mla से चलवाओ बस

Meham Assembly Seat Result 2024: हरियाणा के रोहतक जिले के एक पूर्व विधायक चर्चा में हैं। महम सीट से इस बार चुनाव हारने वाले बलराज कुंडू ने बेटियों के लिए मुफ्त बस सेवा बंद कर दी है। हरियाणा जनसेवक पार्टी के सुप्रीमो का कहना है कि अब नए विधायक से बसें चलवाएं। चुनाव हारने के बाद उनका गुस्सा साफ दिख रहा है। कुंडू ने हार के बाद अपने समर्थकों की मीटिंग बुलाई थी। जिसमें इलाके में हार के बाद मंथन किया गया।

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समर्थकों ने कहा कि कुंडू ने अपने इलाके में फ्री बसें चलवाईं। इसके बाद भी लोगों ने वोट नहीं दिए। समर्थकों ने एक सुर में कहा कि अब स्कूल-कॉलेज और यूनिवर्सिटी में बेटियों को फ्री ले जाने वाली बसों को बंद किया जाए। समाजसेवा का कुंडू को गलत नतीजा मिला है। जिसके बाद सभी 18 बसों को बंद करने का फैसला लिया गया।

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बलराज कुंडू के महम इलाके से रोहतक शहर के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के लिए ये बसें चल रही थीं। बेटियों को सुबह घर से बसें लेकर जाती थीं। शाम को बेटियों को वापस घर छोड़ती थीं। कुंडू ने कहा कि हार के बाद उनका मन दुखी है। उन्होंने समाजसेवा को राजनीति के लिए नहीं चुना था। कार्यकर्ताओं ने कहा कि अब नए विधायक ही बेटियों के लिए बसें चलवाएं। बता दें कि ये बसें 2017-2018 में शुरू की गई थीं। शुरू में 8 बसें शुरू हुईं, बाद में इनकी संख्या 18 कर दी गईं। ये महम हलके के 42 गांवों को कवर करती थीं। इस बार महम सीट से कांग्रेस के बलराम दांगी जीते हैं। जिनके पिता का वोटिंग के दिन कुंडू से विवाद भी हुआ था।

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हजारों छात्राओं को मिलता था फायदा

हजारों छात्राएं प्रतिदिन इन बसों के जरिए आती-जाती थीं। जिसके लिए कोई फीस नहीं ली जाती थी। बसें शुरू करने का मकसद बेटियों की सुरक्षा था। रोहतक से 30-40 किलोमीटर दूर गांवों में ये बसें चलती थीं। एक बस रोजाना 100KM का सफर तय करती थी। बसें बंद होने के बाद अब छात्राओं को दूसरी सरकारी बसों या ऑटो का सहारा लेकर रोहतक आना पड़ेगा।

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