हरियाणा कैबिनेट के 15 मंत्री शॉर्टलिस्ट! BJP हाईकमान ने मंगवाई लिस्ट, जानें किसे मिल सकता कौन-सा पद?
Haryana Cabinet Ministers Shortlisted: हरियाणा में भाजपा लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। कल 17 अक्टूबर को पंचकूला में शपथ ग्रहण समारोह होगा। नायब सैनी बतौर मुख्यमंत्री शपथ लेंगे। वहीं अब उनकी कैबिनेट में शामिल होने वाले मंत्रियों के नाम फाइनल करने की कवायद भी शुरू हो चुकी है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि भाजपा हाईकमान ने 15 संभावित मंत्रियों के नाम मांगे हैं।
नायब सैनी और प्रदेश अध्यक्ष ने शॉर्टलिस्ट किए गए विधायकों के नामों की सूची और प्रोफाइल भाजपा हाईकमान को भेज दी है। इन 15 विधायकों में से 7 विधायक पहले मंत्री रह चुके हैं। एक विधायक डिप्टी स्पीकर रह चुके हैं। शॉर्टलिस्ट किए गए विधायकों के नाम अनिल विज, श्रुति चौधरी, बिमला चौधरी, आरती राव, राव नरबीर सिंह, घनश्याम सर्राफ, विपुल गोयल, मूलचंद शर्मा, कृष्णलाल पंवार, कृष्णा गहलावत, रणबीर गंगवा, हरविंदर कल्याण, महिपाल ढांडा, लक्ष्मण यादव, हरविंदर कल्याण हैं। आइए इन विधायकों के बारे में जानते हैं और यह भी देखते हैं कि इन्हें कौन-सा पद मिलने की चर्चा है?
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इन विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है...
अनिल विज
सूची में सबसे पहले अनिल विज की बात हो रही है। वे सबसे सीनियर विधायक हैं। वे 7 बार लगातार विधायक बन चुके हैं और 8वीं बार चुनाव जीतकर विधायक बने हैं। नायब सैनी की पहली कैबिनेट में उन्हें जगह नहीं दी गई थी, लेकिन इस बार उनके नाम पर सबसे पहले चर्चा होगी। वहीं सियासी गलियारों में चर्चा है कि भाजपा उन्हें डिप्टी CM बना सकती है।
रणबीर गंगवा
हिसार जिले की बरवाला सीट से विधानसभा चुनाव जीतने वाले रणबीर गंगवा को भी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। उन्होंने विधानसभा स्पीकर या डिप्टी स्पीकर बनाए जाने की चर्चा है। खट्टर और नायब सैनी के कार्यकाल में भी वे डिप्टी स्पीकर थे।
श्रुति चौधरी
पूर्व कांग्रेस नेता किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी भी नायब सैनी कैबिनेट में मंत्री बन सकती हैं। उनकी मां किरण चौधरी को राज्यसभा सदस्य बना दिया गया है। दोनों ने लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा जॉइन की थी। भाजपा ने श्रुति को तोशाम विधानसभा क्षेत्र से चुनाव टिकट दिया और उन्होंने चुनाव जीत भी लिया। उन्होंने अपने चचेरे भाई अनिरुद्ध चौधरी को हराकर विधानसभा चुनाव जीता है। श्रुति पहले भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से कांग्रेस सांसद थीं, लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 में इन्हें कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया था। इससे उन्होंने नाराजगी जताई और कांग्रेस छोड़कर भाजपा जॉइन कर ली।
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कृष्णा गहलावत
जाट नेता कृष्णा ने सोनीपत की राई विधानसभा सीट जीती है। वे विधायक बनी हैं और अब उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाए जाने की चर्चा है। कृष्णा 1996 में भी मंत्री रह चुकी हैं। उस समय बंसी लाल की सरकार थी। कृष्णा कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गढ़ रोहतक और सोनीपत-झज्जर जिलों में काफी अच्छी पकड़ रखती हैं।
बिमला चौधरी
गुरुग्राम की पटौदी विधानसभा सीट से चुनाव जीतने वाली बिमला चौधरी भी कैबिनेट मंत्री बन सकती हैं। बिमला राव इंद्रजीत सिंह की करीब हैं और उन्हें प्रशासनिक कामकाज का अनुभव भी है। क्योंकि वे साल 2014 में भी पटौदी से विधायक रह चुकी हैं। हालांकि 2019 में उनका टिकट भाजपा ने काट दिया था, लेकिन इस बार भरोसा जताते हुए हाईकमान ने उन्हें चुनावी रण में उतारा और वे भरोसे पर खरी उतरने में कामयाब भी रहीं।
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आरती राव
आरती दिग्गज नेता राव इंद्रजीत सिंह की बेटी हैं। उन्होंने गुरुग्राम की अटेली विधानसभा सीट से चुनाव जीता है। अटेली भाजपा का गढ़ है और अब से पहले लगातार 3 बार भाजपा ही इस सीट को जीत रही है। इस बार फिर भाजपा उम्मीदवार आरती राव जीती हैं। राव इंद्रजीत सिंह इस समय मोदी कैबिनेट में केंद्रीय मंत्री हैं, इसलिए उन्होंने बेटी आरती के लिए चुनाव टिकट मांगा, जो मिल भी गया और आरती चुनाव जीत भी गईं। भाजपा की झोली में लगातार चौथी बार इस सीट को डालने का तोहफा उन्हें मंत्री बनाकर दिया जा सकता है।
राव नरबीर सिंह
गुरुग्राम की बादशाहपुर विधानसभा सीट से चुनाव जीतने वाले राव नरबीर सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है। उन्होंने हाईकमान से सीधे चुनाव टिकट लिया और जीत भी दर्ज की। वे 2014 में खट्टर कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं। वे राव इंद्रजीत सिंह के विरोधी हैं और हाईकमान से उनके अच्छे संबंध भी हैं। इसका फायदा उन्हें मिल सकता है।
लक्ष्मण यादव
रेवाड़ी विधानसभा सीट से चुनाव जीतने वाले लक्ष्मण यादव को भी नायब सैनी कैबिनेट में मंत्री बनाया जा सका हैं। लक्ष्मण भी राव इंद्रजीत सिंह के करीबी हैं। वे संगठन के भी चहेते हैं। साल 2019 में उन्होंने कोसली से विधानसभा चुनाव जीता था। 2019 में भाजपा रेवाड़ी सीट हार गई थी। 2014 में रेवाड़ी में पहली बार भाजपा जीती थी। एक बार फिर यह सीट भाजपा की झोली में डालने वाले लक्ष्मण को तोहफा दिया जा सकता है। अगर लक्ष्मण मंत्री बने तो अहीरवाल बेल्ट के केंद्र बिंदु रेवाड़ी को 10 साल बाद मंत्री मिलेगा।
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विपुल गोयल
फरीदाबाद विधानसभा सीट से चुनाव जीतने वाले विपुल गोयल को मंत्री बनाया जा सकता है। साल 2014 में भी विधानसभा चुनाव जीतकर विपुल खट्टर कैबिनेट में मंत्री बने थे। साल 2019 में विपुल का टिकट कट गया था, लेकिन इस बार उन्होंने सीधे हाईकमान से चुनाव टिकट लिया और भरोसे पर खरे भी उतरे। इसलिए वे मंत्री पद के मजबूत दावेदार हैं।
मूलचंद शर्मा
बल्लभगढ़ विधानसभा सीट से चुनाव जीतने वाले पंडित मूलचंद शर्मा को कैबिनेट में जगह मिल सकती है। वे पंडित रामबिलास शर्मा के रिश्तेदार हैं। साल 2019 में उन्हें बल्लभगढ़ से चुनाव जीतने पर खट्टर कैबिनेट में परिवहन मंत्री बनाया गया था। इस बार मूलचंद लगातार तीसरी बार बल्लभगढ़ से चुनाव जीते हैं। ऐसे में वे भी मंत्री पद के दावेदार हैं।
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महिपाल ढांडा
पानीपत ग्रामीण से विधानसभा चुनाव जीतने वाले महिपाल भी मंत्री पद के दावेदार हैं। वे जाट नेता बनकर उभरे हैं और नायब सैनी के पहले कार्यकाल में उन्हें राज्यमंत्री का पद दिया गया था। भाजपा ने तीसरी बार टिकट देकर महिपाल पर भरोसा जताया और लगातार तीसरी बार चुनाव जीतकर वे भरोसे पर खरे भी उतरे हैं।
हरविंदर कल्याण
करनाल की घरौंडा विधानसभा सीट से चुनाव जीतने वाले हरविंदर कल्याण को इस बार मंत्री बनाया जा सकता है। 2019 में भी इसी सीट से विधायक बनने वाले हरविंदर को तब मंत्री पद नहीं मिला था, लेकिन इस बार उन्हें कैबिनेट में जगह मिल सकती है। हरविंदर पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर के करीबी हैं और भाजपा इन्हें मंत्री बनाकर रोड़ समाज को साध सकती है।
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कृष्ण लाल पंवार
पानीपत जिले की इसराना विधानसभा सीट से चुनाव जीतने वाले कृष्ण लाल पंवार को मंत्री बनाया जा सकता है। कृष्ण लाल 6 बार विधायक रह चुके हैं और वे राज्यसभा सांसद भी हैं। वे दलित नेता हैं और मनोहर लाल खट्टर के करीबी हैं।
घनश्याम सर्राफ
भिवानी विधानसभा सीट से चुनाव जीतने वाले घनश्याम सर्राफ को कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है। वे लगातार चौथी बार इसी सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने हैं। साल 2014 में भी खट्टर कैबिनेट में मंत्री थे और उन्हें राज्यमंत्री का पद दिया गया था।