रेस्क्यू करने गई फॉरेस्ट टीम पर टाइगर का हमला, राजस्थान से हरियाणा तक मचाया आतंक
विशाल एंग्रीश
Tiger Attacked Rescue Team in Haryana : राजस्थान के सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान से भटक कर हरियाणा में दाखिल हुए बाघ को बचाने के लिए दोनों राज्यों की टीम की ओर से लगातार तीसरे दिन भी सर्च ऑपरेशन चलाया गया। लेकिन रविवार को रेवाड़ी के गांव भटसाना में लोकेशन ट्रैक होने के बाद उसे पकड़ने पहुंची सरिस्का वन विभाग की टीम पर टाइगर ने हमला कर दिया। हमले में धर्म सिंह और हीरालाल नाम के दो कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। दोनों को रेवाड़ी के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है। वन विभाग की टीम ने भटसाना और आसपास के इलाके की घेराबंदी कर रखी है।
Tiger pug marks cause sensation in Rewari village, High alert sounded #WildLife #KharkharaVillage #Rewari #Haryana #TheTribune pic.twitter.com/bJU3edzJWi
— Saini Ravinder (@rsainiscribe) January 21, 2024
हमले में घायल राजस्थान सरिस्का फॉरेस्ट विभाग के कर्मचारी हीरालाल ने बताया कि हम पिछले तीन दिनों से टाइगर की लोकेशन ट्रैक करने में लगे हुए थे। रविवार सुबह पता चला कि टाइगर गांव भटसाना के खेतों में छिपा हुआ है। सरसों के खेत में जैसे ही टाइगर को पकड़ने के लिए टीम पहुंची तो अचानक उसने हम पर हमला कर दिया। बाघ ने हीरालाल के एक हाथ को बुरी तरह जख्मी कर दिया है।
एक किसान को भी घायल कर चुका बाघ
4 दिन पहले वन क्षेत्र से भटका बाघ पिछले 3 माह से राजस्थान के अलवर जिले में पड़ने वाले वन मंडल रेंज किशनगढ़ बास अधीन वनखंड संध ईस्माईलपुर व समीपवर्ती क्षेत्र में घूम रहा था। जिसकी वन विभाग की टीम की ओर से ट्रैकिंग की जा रही थी। 17 जनवरी को सुबह बाघ वन क्षेत्र से निकलकर खेतों के रास्ते उत्तर दिशा की ओर चला गया था। बाघ के पैरों के निशान पहले कोटकासिम में ग्राम बसई वीरथल में पाए गए। इसके बाद वह खुशखेड़ा में पहुंचा, जहां उसने खेत में काम कर रहे किसान रघुवीर को घायल कर दिया था।
इसके बाद उसकी मूवमेंट रेवाड़ी के गांव भटसाना में देखी गई। यहां उसके पैरों के निशान मिलने पर रेवाड़ी वन विभाग की टीम एक्टिव हुई। वाइल्ड लाइफ की टीमों के अलावा वन विभाग की टीमें 48 घंटे से बाघ का रेस्क्यू करने में जुटी हैं। बता दें कि रेवाड़ी के गांव खरखड़ा, भटसाना, ततारपुर खालसा तीन गांव में टाइगर की लोकेशन लगातार ट्रैक हो रही थी। रविवार सुबह एक बार फिर भटसाना के सरसों के खेत के पास टाइगर के पैरों के निशान दिखे। जिसके बाद वन विभाग की टीम के सदस्य उसे पकड़ने खेत के पास पहुंचे तो खेत में छिपकर बैठे टाइगर ने अटैक कर दिया।
ये भी पढ़ें: असम में कांग्रेस नेता जयराम रमेश की कार पर हमला
ये भी पढ़ें: राहुल गांधी की एंट्री पर असम के तीर्थस्थल की ‘रोक’
ये भी पढ़ें: जहां से शुरू हुआ था रामसेतु, वहां पहुंचे पीएम मोदी
ये भी पढ़ें: बजट से पहले क्यों बांटा जाता है हलवा? वजह व महत्व