Brain Tumor: गेमिंग से 11 साल का मासूम हुआ ब्रेन ट्यूमर का शिकार! जानें कारण, लक्षण और बचाव
Brain Tumor by Gaming: मोबाइल गेम खेलना किसी के लिए भी कितना खतरनाक साबित हो सकता है, इस बात की पुष्टि एक चौंकाने वाली घटना से हुई है। डॉक्टर ने बताया है कि बच्चे को एक घातक ब्रेन कैंसर हुआ है जिसमें ब्रेन की वो नसें प्रभावित होती है जो देखने, सुनने और बोलने जैसी गतिविधियों को करने में सक्षम होती है। 11 साल के रॉनी हुड को मार्च 2024 में ही डॉक्टरों ने ब्रेन ट्यूमर की पुष्टि कर दी थी। इस मासूम के पास जिंदा रहने के लिए अब सिर्फ 9 महीने ही शेष हैं।
रॉनी के माता-पिता ने इस बात पर तब गौर किया जब बच्चे को लगातार 1 साल तक गर्दन में दर्द की समस्या होती थी। परिवार का कहना है कि बच्चे को दर्द महसूस होने पर वो उसे डॉक्टर के पास ले गए जहां उन्होंने बच्चे को फिजियो करवाने की सलाह दी क्योंकि बच्चा ज्यादा देर तक फोन पर गेम्स खेलता है। हालांकि, कुछ समय फिजियो के बाद भी बच्चे की हालात में सुधार ना दिखने पर माता-पिता ने फरवरी के महीने में बच्चे का एमआरआई करवाया।
MRI रिपोर्ट में हुआ खुलासा
MRI स्कैन रिपोर्ट में बच्चे के सिर में ऑक्टोपस की तरह एक ट्यूमर बनता हुआ नजर आया, ये ट्यूमर सीधा उसके स्पाइनल कॉर्ड से शुरू होता हुआ गर्दन की ओर आगे की तरफ मस्तिष्क की तरफ बढ़ रहा था। इस प्रकार का ब्रेन ट्यूमर दुर्लभ माना जाता है, ऐसे केस बहुत कम पाए जाते हैं और इनका इलाज भी संभव नहीं हो पाता है।
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ब्रेन ट्यूमर उपचार Image Credit: Freepik
बच्चों में ब्रेन ट्यूमर का कारण क्या है?
बच्चों को ब्रेन ट्यूमर होना अब एक आम समस्या बन गई है। सेंट्रल नर्वस सिस्टम और स्पाइनल कॉर्ड वाला कैंसर 15 साल से कम उम्र के बच्चों में ज्यादा होता है। इसका कारण शरीर पर तेज रेडिएशन का प्रभाव या फिर कई बार यह समस्या जेनेटिक भी हो सकती है। रेडीएशन इसमें सबसे प्रमुख वजह बनकर उभर रही हैं, रेडीएशन वाला ब्रेन कैंसर बच्चे ही नहीं बड़ों को भी अपना शिकार बना रहा है। इस कैंसर से बच्चे की मौत होने के संभावनाएं भी ज्यादा रहती है।
क्या है ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड वाले ट्यूमर के लक्षण
इसके शुरुआती लक्षण शिशुओं में पहचानने के लिए उनके सिर को ध्यान से देखें, छोटे बच्चे का बढ़ा हुआ सिर ट्यूमर का एक साइन है। इसके अलावा सिरदर्द, मतली, उल्टी, देखने में दिक्कत महसूस करना शामिल हैं। आंखों को ऊपर की ओर मोड़ने में मुश्किल हो तो भी ट्यूमर होने की संभावना है। व्यवहार में बदलाव, चिड़चिड़ाहट और सोचने-समझने में कठिनाई होना भी ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड ट्यूमर का लक्षण है।
डिफ्यूज मिडलाइन ग्लियोमा के लक्षण
इसमें बाकी लक्षणों के साथ-साथ बोलने में परेशानी, खाना चबाने और निगलने में कठिनाई और दोहरी नजर की समस्या भी हो सकती है। हाथ-पैर में कमजोरी होना, अपने फेशियल एक्सप्रेशन को कंट्रोल न कर पाना भी शामिल है।
लक्षण दिखने पर क्या करें
यदि आपके बच्चे में भी ऐसा कोई लक्षण दिखे तो तुरंत किसी विशेषज्ञ से संपर्क करें और सभी जरूरी जांचें करवाएं। अगर कैंसर की पुष्टि होती है कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी और फ्लूड निकासी से लेकर सर्जरी तक करवानी पड़ सकती है। उपचार करवाते समय डॉक्टर की सलाह के बिना खुद से कोई भी इलाज ना करें, ऐसा करना बच्चे के लिए और भी जानलेवा हो सकता है।
फिलहाल, रॉनी की कुछ सर्जरियां हो चुकी हैं और रेडियोथेरेपी भी जारी है। इसके अलावा उसके माता-पिता अब अपने बेटे के इलाज के लिए गो फंड मी नामक फंड से पैसे जमा कर रहे हैं साथ ही ब्रेन ट्यूमर के प्रति जागरुकता बढ़ाने का काम कर रहे हैं। रॉनी ने स्कूल जाना भी छोड़ दिया है, रॉनी के माता-पिता बेटे की इस हालात से टूट चुके हैं। इस प्रकार के दुर्लभ कैंसर में बचने की संभावना बिल्कुल भी नहीं होती है।
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