सप्ताह में 90 घंटे काम से Mental Health पर क्या असर? इन 5 बातों पर जरूर दें ध्यान
Mental Health: लार्सन एंड टर्बो के चेयरमैन सुब्रह्मण्यन के सप्ताह में 90 घंटे काम करने के बयान की चौतरफा आलोचना हो रही है। इन्हीं आलोचकों में एक हैं बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण, जो लंबे समय से मेंटल हेल्थ के प्रति लोगों के बीच जागरूकता फैलाने का काम कर रही हैं। दीपिका ने इंस्टा स्टोरी पर हैशटैग मेंटल हेल्थ मैटर्स लिखकर बोला कि उन्हें इस बात को सुनकर काफी शॉक लगा है कि इतनी बड़ी पोस्ट पर बैठा शख्स ऐसा बयान कैसे दे सकता है। गौरतलब है कि दीपिका खुद पहले से डिप्रेशन और एंग्जाइटी जैसी समस्याओं से गुजर चुकी हैं।
क्या बोली दीपिका पादुकोण?
दीपिका पादुकोण, जो लंबे समय से मेंटल हेल्थ के प्रति लोगों के बीच जागरूकता फैलाने का काम कर रही हैं, ने सुब्रह्मण्यन के बयान पर अपनी असहमति जताते हुए एक पोस्ट शेयर किया है, उन्होंने इंस्टा स्टोरी पर हैशटैग मेंटल हेल्थ मैटर्स लिखकर, बोला कि उन्हें इस बात को सुनकर काफी शॉक लगा है कि इतनी बड़ी पोस्ट पर बैठा शख्स ऐसा बयान कैसे दे सकता है।
वर्किंग आवर्स का मेंटल हेल्थ पर असर
सवाल ये है कि क्या सच में ज्यादा वर्किंग ऑवर आपकी मेंटल हेल्थ पर असर डालते हैं। क्लीवलैंड क्लीनिक में पब्लिश रिपोर्ट के अनुसार, अगर आप एक दिन में 10 से 12 घंटों तक काम करते हैं, तो आपकी मेंटल हेल्थ प्रभावित हो सकती है। मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट भी इस बात पर सहमति देते हैं कि 9-5 वाली जॉब्स में भी कर्मचारी अपनी पर्सनल लाइफ की जिम्मेदारियों को पीछे छोड़ देता है और तनाव, एंग्जाइटी और डिप्रेशन महसूस कर सकता है।
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वर्किंग आवर्स पर एक नया विवाद
पिछले कुछ समय से इंप्लॉइज के वर्किंग आवर्स को लेकर काफी चर्चाएं हो रही हैं। कुछ समय पहले नारायण मूर्ति ने भी 70 घंटे काम करने की बात कह चुके हैं। उनके अलावा भी देश के कई बड़े कारोबारी काम करने के घंटों को लेकर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कर चुके हैं। सुब्रह्मण्यन के 90 घंटों वाले वर्किंग टाइम लोगों को काफी टॉक्सिक लग रहा है।
वर्किंग आवर्स और मेंटल हेल्थ का संबंध
मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट भी इस बात पर सहमति देते हैं कि लंबे समय तक काम करने से इंसान तनाव, एंग्जाइटी और डिप्रेशन महसूस कर सकता है। 9-5 वाली जॉब्स में भी कर्मचारी अपनी पर्सनल लाइफ की जिम्मेदारियों को पीछे छोड़ देता है।
साल 2025 में मेंटल हेल्थ पर ज्यादा फोकस?
पिछले साल मेंटल हेल्थ को लेकर दुनियाभर में काफी चर्चाएं हुई हैं। कई रिपोर्ट्स इस बात का खुलासा करती हैं कि स्ट्रेस और तनाव आजकल युवाओं में एक बढ़ती समस्या है। स्ट्रेस का एक प्रमुख कारण प्रोफेशनल लाइफ या वर्क लाइफ का प्रेशर भी है। लोग समय से काम को पूरा करने या टारगेट अचीव करने के लिए नींद, खान-पान और आराम करने से बचते हैं। ये सभी मेंटल हेल्थ को और ज्यादा प्रभावित
करने वाले कारण हैं।
क्या होगा अगर आप एक दिन में 10 से 12 घंटे काम करेंगे?
सुब्रह्मण्यन के अनुसार, अगर हम हफ्ते में 90 घंटे काम करते हैं, तो प्रति दिन एक व्यक्ति को 12 घंटे काम करना होगा। क्लीवलैंड क्लीनिक में पब्लिश रिपोर्ट के अनुसार, अगर आप एक दिन में 10 से 12 घंटों तक काम करते हैं, तो आपकी मेंटल हेल्थ प्रभावित हो सकती है।
1. लंबे समय तक काम करने से थकान और शारीरिक दर्द जैसे कि पीठ दर्द, सिरदर्द, आंखों में तनाव, और मांसपेशियों में ऐंठन हो सकती है।
2. ज्यादा घंटे काम करने से आपका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है, जिससे अवसाद, चिंता विकार या बर्नआउट जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
3. जो लोग लंबे समय तक काम करते हैं, वे अपने परिवार, दोस्तों और पर्सनल लाइफ से दूर हो जाते हैं, जिससे ये लोग और भी ज्यादा स्ट्रेस में रहने लगते हैं।
4. ज्यादा घंटे काम करने से आपकी मेंटल हेल्थ डिस्टर्ब होती है, जिससे फोकस की कमी होती है।
5. मेंटल हेल्थ के अलावा, हार्ट डिजीज, किडनी डिजीज से लेकर लिवर पर भी इसका प्रभाव पड़ता है।
कैसे मैनेज करें वर्क लाइफ बैलेंस?
- अपने दिन की शुरुआत जल्दी करें यानी सुबह जल्दी उठें।
- अपने आज के काम को पहले से नोटडाउन करके रखें और उस हिसाब से दिनभर काम का फॉलो अप करें।
- प्रेशर लेकर काम न करें। यदि किसी काम को करने में आप ज्यादा स्ट्रेस महसूस कर रहे हैं, तो पहले अपनी सेहत पर ध्यान दें।
- अपनी हॉबिज को भी खाली समय में पूरा करें।
- ध्यान और एक्सरसाइज को भी रूटीन में शामिल करें।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।