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कितना फायदेमंद है गधी का दूध, गाय-भैंस के दूध से कितना अलग?

Donkey Milk Benefits: बाबा रामदेव ने गधी के दूध पीने के फायदे बताए हैं। उन्होंने कहा कि ये न सिर्फ टेस्ट में अच्छा है, बल्कि शरीर के लिए भी लाभकारी है। आइए जानते हैं गधी के दूध से क्या-क्या फायदे हो सकते हैं।
11:40 PM Dec 03, 2024 IST | Pushpendra Sharma
गधी के दूध के फायदे।
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Donkey Milk Benefits: बाबा रामदेव गधी का दूध पीने के बाद चर्चा में हैं। मंगलवार को उन्होंने दैनिक योगाभ्यास के दौरान गधी का दूध निकाल उसे पिया। साथ ही उसके लाभ बताए। उनका कहना था कि ये स्वादिष्ट और पाचन के लिए बेहतरीन है। उन्होंने दूध निकालते वक्त कहा- ये दूध सुपरटॉनिक और सुपरकॉस्मेटिक है। उन्होंने इस दौरान ये भी कहा कि मैंने गाय, भैंस, बकरी, ऊंटनी का दूध पी रखा है, लेकिन ये सबसे अच्छा है। इसके बाद उनके पास खड़ा शख्स कहता है कि इस दूध में दो कंपाउंड पाए जाते हैं, जो दूसरे दूध में कम हैं। इनमें से एक है- लैक्टोफेरिन और दूसरा अच्छे बैक्टीरिया, जो एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी एजिंग का काम करते हैं। आइए अब आपको बताते हैं कि गधी का दूध कितना फायदेमंद है और यह गाय-भैंस के दूध से कितना अलग है?

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कितना फायदेमंद है गधी का दूध? 

गधी के दूध में लैक्टोफेरिन पाया जाता है। ये लैक्टोफेरिन पशु या मानव दूध और अन्य तरल पदार्थों में पाया जाने वाला प्रोटीन है। खास बात यह है कि बच्चे के जन्म के बाद बनने वाले पहले दूध में लैक्टोफेरिन की मात्रा अधिक होती है। मां जब इस दूध को नवजात को पिलाती है तो ये उसे संक्रमण से बचाने में मदद करता है। लैक्टोफेरिन वायरस, बैक्टीरिया और फंगस से होने वाले संक्रमण से भी बचाता है। सामान्य सर्दी से भी बचाने में लैक्टोफेरिन मदद करता है।

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, गधी के दूध में कई तरह के विटामिन और कैल्शियम पाए जाते हैं। इसमें विटामिन ए, डी, कैल्शियम और पोटेशियम होते हैं। जिससे हड्डियों की मजबूती और इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने में मदद मिलती है। इससे आंखों की रोशनी भी बढ़ती है। कई सौंदर्य उत्पादों में गधी के दूध का इस्तेमाल किया जाता है।

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गाय-भैंस से कितना अलग है गधी का दूध? 

भैंस के दूध में लैक्टोफेरिन की मात्रा गाय से ज्यादा होती है। जहां गाय के दूध में 100 मिलीलीटर में करीब 15 मिलीग्राम लैक्टोफेरिन होता है तो वहीं भैंस के दूध में यह करीब 32 मिलीग्राम होता है। जबकि गधी के दूध में लैक्टोज की मात्रा काफी ज्यादा होती है। भैंस के दूध में करीब 4-5.5% लैक्टोज की मात्रा होती है, जबकि गधी के दूध में ये 5.8-7.4% तक होती है। गधी के दूध में अन्य दूध की तुलना में विटामिन डी अधिक होता है। जो हड्डियों की मजबूती के लिए अहम है। इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। बाबा रामदेव के मुताबिक, दूध से एलर्जी वाले लोग भी पी सकते हैं। बता दें कि बाबा रामदेव ने इस वीडियो में ये भी बताया कि मिस्र की रानी क्लियोपेट्रा अपने सौंदर्य के लिए गधी के दूध और दही से स्नान करती थीं।

Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है। 

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