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क्या एक बच्चे के 2 बाप संभव? क्या है मेडिकल कंडीशन, बॉलीवुड में आने वाली 'Bad Newz'

Heteropaternal Superfecundation: 'बैड न्यूज' एक रेयर हेटरोपैटर्नल सुपरफिकंडेशन पर बनी फिल्म है। इस फिल्म में जुड़वा बच्चों के अलग-अलग पिता दिखाए गए हैं। क्या ऐसा संभव है? आइए जान लेते हैं क्या है ये मेडिकल कंडीशन..
04:48 PM Jul 08, 2024 IST | Deepti Sharma
Image Credit: Freepik
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Heteropaternal Superfecundation: कभी सुना है कि एक बच्चे के दो बाप हो सकते हैं? क्या यह पॉसिबल है? 'बैड न्यूज' तो यही बयां करती है। जी हां, धर्मा प्रोडक्शन्स द्वारा निर्मित विक्की कौशल, तृप्ति डिमरी और एमी विर्क अभिनीत फिल्म "बैड न्यूज़" एक ऐसी गर्भावस्था की स्थिति को दिखा रही है, जिसे मेडिकल की दुनिया में हेटेरोपैटरनल सुपरफेकंडेशन (Heteropaternal Superfecundation) के नाम से जाना जाता है, जिसमें एक महिला अलग-अलग आदमियों से जुड़वां बच्चों को जन्म देती है। यह स्थिति जितनी असामान्य होती है, उतनी ही दिलचस्प भी है। आइए जानते हैं कि हेटेरोपैटरनल सुपरफेकंडेशन आखिर क्या होता है?

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हेटेरोपैटरनल सुपरफेकंडेशन को समझें 

"हेटेरोपैटरनल" शब्द अलग-अलग पिता के बारे में बताता है, जबकि "सुपरफेकंडेशन" एक पीरियड साइकिल के दौरान अलग-अलग पुरुषों के शुक्राणुओं द्वारा दो या अधिक अंडों के फर्टिलाइजेशन को दिखाता है। यह रेयर कंडीशन तब होती है, जब एक महिला ओव्यूलेशन के दौरान कई अंडे छोड़ती है।

एक से अधिक पार्टनर के साथ इंटरकोर्स करती है। शुक्राणु, जो कई दिन तक फीमेल रि-प्रोडक्टिव ट्रेक्ट में जिंदा रह सकता है, अंडों को फर्टिलाइज करता है, जिसके परिणामस्वरूप अलग-अलग पिता के जुड़वां बच्चे पैदा होते हैं। इस पूरे प्रोसेस को ही हेटेरोपैटरनल सुपरफेकंडेशन कहा जाता है।

ऐसा कब और कैसे होता है?

हेल्थ एक्सपर्ट्स केअनुसार, जब ओवरीज से एक एग निकलकर एक स्पर्म से मिलता है तो सिंगल प्रेग्नेंसी होती है, लेकिन किसी-किसी मामले में एक फर्टिलाइज्ड एग 2 हिस्सों में बंट जाता है, जिससे 2 बच्चे यानी जुड़वा बच्चे विकसित होने लगते हैं।

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ऐसा भी हो सकता है कि ओव्यूलेशन के वक्त 2 एग निकलें, जिसे हाइपरओव्यूलेशन कहते हैं। इसका मतलब एक ही महीने में ओवरीज से 2 या उससे ज्यादा एग निकलना. जबकि सामान्य तौर पर एक महीने में एक ही एग निकलता है। जब एक ही महीने में 2  एग 2 अलग-अलग स्पर्म से मिल जाए तो 2 बच्चे पैदा होते हैं।

इसके क्या कारण हैं?

हेटेरोपैटरनल सुपरफेकंडेशन मनुष्यों में असाधारण रूप से दुर्लभ है, लेकिन गायों, भेड़ों और बिल्लियों जैसे कुछ जानवरों में इसका होना आम है, जो एक से अधिक बार ओव्यूलेट करते हैं। इसके होने की संभावना ओव्यूलेशन के समय और अलग-अलग पार्टनर के साथ इंटरकोर्स पर निर्भर करती है।

कितना नॉर्मल है?

डॉक्टरों का कहना है कि इंसानों के लिए यह बेहद दुर्लभ घटना है, लेकिन ऐसा नामुमकिन भी नहीं है। इसमें 2 एग रिलीज होकर 2 स्पर्म से फर्टिलाइज होते हैं, लेकिन 2 स्पर्म अलग-अलग पार्टनर के होते हैं तो ही यह पॉसिबल है।

मेडिकल कंडीशन

साइकोलॉजिस्ट प्रभाव के अलावा, हेटेरोपैटरनल सुपरफेकंडेशन के मेडिकल परिणाम भी हो सकते हैं। यह स्थिति समय से पहले जन्म और कम वजन वाले जन्म के जोखिम से जुड़ी है, जिससे शिशुओं के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे इमैच्योर फेफड़ों के कारण सांस से जुड़ी समस्याएं, शरीर का तापमान बनाए रखने में परेशानी और संक्रमण के प्रति ज्यादा सेंसिटिव हो सकता है।

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