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कभी गर्मी, कभी बारिश: मौसम बदले तो खुद भी बदलो, वरना घेर लेंगी ये 7 बीमारियां

World Environment Day 2024 And Climate Change Effect:कई सालों में बेमौसम बारिश, ज्यादा सर्दी या गर्मियों का सामना करना पड़ रहा है। क्लाइमेट चेंज पर कंट्रोल करना बहुत जरूरी है, क्योंकि इससे होने वाला प्रदूषण मनुष्यों को एनवायर्नमेंटल हेल्थ के खतरों को बढ़ाता है। 
05:26 PM Jun 05, 2024 IST | Deepti Sharma
कभी गर्मी  कभी बारिश  मौसम बदले तो खुद भी बदलो  वरना घेर लेंगी ये 7 बीमारियां
विश्व पर्यावरण दिवस 2024 Image Credit: Freepik

World Environment Day 2024 And Climate Change Effect: क्लाइमेट चेंज ह्यूमन हेल्थ को कई तरह से असर करता है। मौसम और पर्यावरण में ज्यादा बदलाव कई प्रकार की सेहत से जुड़ी समस्याएं बढ़ा सकता है। पिछले कई सालों में बेमौसम बारिश, ज्यादा सर्दी या गर्मी जैसी कंडीशन का सामना करना पड़ रहा है। ग्लोबल वार्मिंग क्लाइमेट चेंज की मुख्‍य कारण हो सकता है जिस पर कंट्रोल करना जरूरी है। क्लाइमेट चेंज से अस्थमा, स्किन एलर्जी और लंग्स प्रॉब्लम बढ़ती हैं।

पर्यावरण से जुड़ी कौन-कौन सी होती बीमारियां हैं?

डॉक्टरों के अनुसार, अनहेल्दी एनवायरनमेंट परिस्थितियां लोगों के लिए एक अच्छा, बैलेंस और डिजीज फ्री लाइफ बेहद मुश्किल बना देती हैं और कई अलग-अलग पुरानी और जानलेवा स्थितियां पैदा करते हैं जैसे..

कौन से शहर ज्यादा बीमारियों का सामना कर रहे हैं?

लाइफस्टाइल से जुड़े फैक्टर जैसे कि तम्बाकू का सेवन, केमिकल का इस्तेमाल और फिजिकल एक्टिविटी की कमी ने स्थिति को और खराब कर दिया है।  शहरी क्षेत्रों और महानगरों में खराब हवा की गुणवत्ता, इंडस्ट्रियल, घनी आबादी, सेडेंटरी लाइफस्टाइल और अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण बीमारियों का खतरा अधिक है। ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज संक्रामक बीमारियों के फैलाव को प्रभावित कर रहे हैं। तापमान, बारिश और ह्यूमिडिटी में  संक्रामक बीमारियों के प्रसार के लिए परिस्थितियां बनाकर सेहत से जुड़े खतरों को बढ़ाती है।

क्लाइमेट चेंज के कारण हैजा और डायरिया जैसी बीमारियां बढ़ गई हैं। इसके अलावा, इस पैथोजन के रिप्रोडक्शन और ट्रांसमिशन को भी बढ़ाते हैं। विशेष रूप से मच्छरों जैसे के द्वारा मलेरिया और डेंगू का कारण बनते हैं। लगभग 58% संक्रामक रोग क्लाइमेट चेंज और बढ़ते तापमान से बढ़ जाते हैं।

पानी की कमी और गर्मी की लहरें लोगों की इमोशनल और मेंटल हेल्थ को प्रभावित करती हैं, जिससे लोगों में चिंता, डिप्रेशन और तनाव पैदा होता है। गर्मी की लहरें दिल से जुड़ी समस्याओं की संभावना को दोगुना कर सकती हैं, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक होता है।

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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है। 

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